भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों ने बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारख़ाने की ओर पैदल रैली निकाली
हज़ारों लोग की जान लेने वाली भोपाल गैस त्रासदी की 38 वीं बरसी पर शनिवार को कई लोगों ने यहां बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारख़ाने की ओर पैदल रैली निकाली।
प्रदर्शनकारियों में इस त्रासदी के पीड़ित भी शामिल थे। उन्होंने अमेरिका विरोधी और डॉव केमिकल्स विरोधी संदेशों के साथ तख़्तियां लेकर मार्च किया तथा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।
भोपाल में दो-तीन दिसंबर 1984 की रात में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारख़ाने से निकली ज़हरीली गैस ने हज़ारों लोगों की जान ले ली थी। इसे दुनिया के सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।
भोपाल गैस त्रासदी से अनाथ हुए बच्चों के संगठन ‘भोपाल की आवाज़’ के अध्यक्ष शाहिद नूर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने भोपाल के नादरा बस अड्डे से यूनियन कार्बाइड कारख़ाने तक दो किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला।
उन्होंने कहा कि लोगों ने यूनियन कार्बाइड का क़ब्ज़ा लेने वाली कंपनी डॉव केमिकल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिम फिटरलिंग का पुतला जलाया।
गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों के लिए उचित इलाज की मांग करते हुए नूर ने कहा कि राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय को मृतकों का सही आंकड़ा देन चाहिए। न्यायालय त्रासदी के संबंध में एक उपचारात्मक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि आरोपियों को सज़ा मिले। हम यह भी मांग करते हैं कि बंद कारख़ाने में और उसके आसपास पड़े ज़हरीले कचरे का भूमिगत जल में जो रिसाव हो रहा है, उसे हटाया जाए।’’
संगठन के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया कि ‘भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा’ ने भी यहां लिली टॉकीज चौक पर विरोध प्रदर्शन किया और यूनियन कार्बाइड एवं डॉव केमिकल्स के पुतले जलाए।
भोपाल आर्चडायसिस ने यहां अरेरा कॉलोनी केंद्र में त्रासदी के पीड़ितों के लिए एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया और दो मिनट का मौन रखकर त्रासदी में मरने वालों को श्रद्धांजलि दी।
न्यूज़ एजेंसी भाषा इनपुट के साथ
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