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बिहार: सरकारी विद्यालयों में आधुनिक किचन समेत रसोईयों के वेतन में वृद्धि की मांग

बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) के प्रतिनिधियों द्वारा सरकार से स्कूलों में आधुनिक किचन का निर्माण करने, झारखंड के तर्ज पर रसोईयों का 12 महीने का मानदेय भुगतान करने और 1650 रुपये मासिक मानदेय राशि में गुणात्मक वृद्धि सहित अन्‍य मांगें की गईं।
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बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) का तीसरा राज्य सम्मेलन 13 अगस्‍त को पटना के छज्जूबाग स्थित 13 नम्बर विधायक आवास में हुआ। इसमें 10 नहीं 12 माह का मानदेय देने, मानदेय राशि मे गुणात्मक बढ़ोतरी करने, मिड डे मील से एनजीओ को बाहर करने, रसोइयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, रसोइयों से भोजन पकाने के अलावा अन्य कार्य लेना बंद करने आदि सवालों पर चर्चा की गई।

सम्मेलन का उद्घाटन ऐक्टू राज्य महासचिव आरएन ठाकुर ने किया तथा ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, महासंघ (गोप गुट) सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद, आशा नेत्री शशि यादव व माले विधायक गोपाल रविदास ने खास तौर से सम्बोधित किया।

सम्मेलन के अवसर पर कामरेड रामजतन शर्मा व बृजबिहारी पांडेय के नाम पर हॉल का नाम रखा गया और मंच का नाम शहीद मंजू मंच रखा गया था।

सम्मेलन से विभा भारती राज्य अध्यक्ष और सरोज चौबे महासचिव चुनी गई। 15 सदस्यीय पदाधिकारी समिति तथा 51 सदस्यीय राज्य परिषद का गठन हुआ। 15 सदस्यीय पदाधिकारी समिति में 6 उपाध्यक्षों में सोहिला गुप्ता, कुमांती देवी, आशा देवी, दीप माला देवी, सुनीता देवी, पूनम देवी 6 सचिव में सुदर्शन यादव, सोना देवी, दिनेश कुशवाहा, मो० हैदर, परशुराम पाठक, रामचन्द्र प्रसाद का नाम शामिल है। कोषाध्यक्ष पटना की राखी मेहता चुनी गईं।

बिहार के 26 जिलों से 235 चुने हुए प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया तथा निवर्तमान महासचिव सरोज चौबे द्वारा पेश दो पेज की रिपोर्ट पर सोना देवी, पूनम देवी, कुंती यादव, विमल देवी, दिनेश प्रसाद कुशवाहा, परशुराम पाठक, मो० हैदर, राखी मेहता सहित अन्य प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। प्रतिनिधियों ने मोदी और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि विद्यालय रसोइयों को अधिकार विहीन बना सरकार नारकीय स्थिति में ढकेल रही है। इन्‍हें स्कूलों में गुलामों की तरह खटाया जा रहा है। 1650 रु मासिक मानदेय राशि पर स्कूल में रसोइयों से पूरे दिन खाना बनाने के अलावे साफ सफाई का काम लिया जा रहा है। साल में 12 महीने के बजाए 10 महीने ही मानदेय दिया जाता है। प्रतिनिधियों ने सरकार से स्कूलों में आधुनिक किचन का निर्माण करने, झारखंड के तर्ज पर 12 महीने का मानदेय भुगतान और 1650 रु मासिक मानदेय राशि में गुणात्मक वृद्धि करने की मांग की गई।

बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के नव निर्वाचित महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि विद्यालय रसोइयों के मानदेय राशि मे पिछले कई वर्षों से वृद्धि नहीं किया गया है जिस कारण बिहार की रसोइया मात्र 1650 मासिक मानदेय पर खटने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि इस चरम महंगाई में इतना कम मानदेय राशि देना सामाजिक अपराध है। यह अपमानजनक और अमानवीय है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मानदेय राशि मे सरकार को वृद्धि करनी होगी वर्ना विद्यालय रसोइया संघ बेमियादी हड़ताल करेगा।

9-10 सितम्बर को पटना में आहूत ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन (ऐक्टू) के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने के आह्वान के साथ यह सम्‍मेलन सम्पन्न हुआ।

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