सीबीआई की ताज़ा FIR उन्हीं पुराने आरोपों का दोहराव है: न्यूज़क्लिक
दिल्ली में न्यूज़क्लिक कार्यालय और इसके प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (जिन्हें प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती के साथ 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था) के आवास पर इस बार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 11 अक्टूबर, 2023 को एक बार फिर से तलाशी ली गई।
7 अक्टूबर को दर्ज एक ताजा F.I.R. में सीबीआई ने "28.46 करोड़ रुपये (लगभग) के अस्पष्ट निर्यात प्रेषण (unexplained export remittance) का हवाला देते हुए" दिल्ली स्थित निजी कंपनी और उसके निदेशक सहित अन्य "के खिलाफ F.C.R.A. (Foreign Contribution Regulation Act) 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। साथ ही “एफडीआई के रूप में फंड के गलत वर्णन द्वारा 9.59 करोड़ रुपये (लगभग) की अस्पष्टीकृत प्राप्ति” का आरोप है। ये वही आरोप हैं जो अलग-अलग जांच एजेंसियों द्वारा बार-बार लगाए गए हैं और उन्हीं आरोपों का इस्तेमाल करते हुए कई F.I.R. दर्ज करके अलग-अलग अधिनियमों के तहत अपराध का आरोप लगाया जा रहा है।
न्यूज़क्लिक ने दोहराया है कि उसने अपने व्यावसायिक सौदों के दौरान और विशेष रूप से विदेशी धन की प्राप्ति के संबंध में सभी प्रासंगिक भारतीय कानूनों का पालन किया है। न्यूज़क्लिक को प्राप्त सभी फंडिंग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून के अनुसार संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है। माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आर्थिक अपराध शाखा को इसकी पुष्टि की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा पहले ही की गई गहन तलाशी और ज़ब्ती के बाद बुधवार को सीबीआई की छापेमारी हुई। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (दिल्ली पुलिस) भी कर रही है। न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ समान फ़र्ज़ी और मनगढ़ंत आरोपों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैनात की गई यह पांचवीं एजेंसी है। यह उस समाचार वेबसाइट को चुप कराने का एक प्रयास है जिसने वास्तविक भारत का चेहरा पेश करने वाली अपनी कहानियों के माध्यम से लगातार सत्ता के सामने सच बोला है।
यह उल्लेखनीय है कि न्यूज़क्लिक की सभी फ़ाइलों और खातों तक पहुंच होने के बावजूद और इसके निदेशकों और कर्मचारियों से गहन और व्यापक पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय पिछले दो से अधिक वर्षों में न्यूज़क्लिक के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कर पाया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर नहीं कर पाई है। आयकर विभाग अदालतों के समक्ष अपने कार्यों का बचाव करने में सक्षम नहीं है और UAPA के तहत F.I.R. अपुष्ट और फ़र्ज़ी है। वास्तव में, सरकार हमारी सभी जानकारी, दस्तावेज़ और संचार के कब्जे में होने के बावजूद न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ किसी भी आरोप को साबित नहीं कर पाई है।
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई ताज़ा F.I.R. एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए साज़िश रच रही है कि न्यूज़क्लिक अब एक स्वतंत्र मीडिया इकाई के रूप में कार्य नहीं कर सके। न्यूज़क्लिक न्यायिक प्रक्रिया में अपना विश्वास दोहराता है और सरकार की सभी एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखते हुए न्यूज़क्लिक भारत के संविधान के अनुसार पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए लड़ने की प्रतिज्ञा करता है।
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