कार्टून क्लिक : धन तरस या धनतेरस
पिछले 9 वर्षों में बढ़ती महंगाई का रोना मत रोओ। धन तेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है सो 9वें धनतेरस पर इतनी हैसियत तो अब भी है कि एक कटोरा खरीद सको।
क्या हुआ कि इस कमर तोड़ महंगाई में फल-सब्जियां खरीदना आम आदमी को भारी पड़ रहा है। जितना कमाता है वह महंगाई के सुरसा जैसे मुंह में समा जाता है। प्याज-टमाटर तक आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। ऐसे में वह क्या खाए क्या बचाए। आम आदमी की थाली से भोजन की मात्रा भले कम होती जा रही है पर त्योहार तो मनाना ही है।
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