दिल्ली बलात्कार कांड: जनसंगठनों का कई जगह आक्रोश प्रदर्शन; पीड़ित परिवार से मिले केजरीवाल, राहुल और वाम दल के नेता
दिल्ली कैंट के पुराना नांगल गांव की 9 वर्षीय दलित बच्ची के सामूहिक बलात्कार, हत्या और जबरन दाह संस्कार के विरोध में बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर दलित शोषण मंच व् वाम छात्र और महिला संगठनों ने सांझा विरोध प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) ने भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। छात्र संगठनों ने बयान जारी कर विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी और मामले में शीघ्र न्याय की मांग की। वहीं इस मामले के ख़िलाफ़ विरोध की आवज़ और बुलंद हो रही है। राजनैतिक दलों के नेता भी अब पीड़ित परिवार के साथ अपनी एकजुटता दिखाने पहुंच रहे हैं। कल बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ,कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वाम दलों के तमाम नेता भी पीड़ित परिवार से मिले।
‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई ), ‘दलित शोषण मुक्ति मंच’ (डीएसएमएम ) और ‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन’ के कार्यकर्ताओं ने आरोपियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई और पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए आवज़ बुलंद की।
आपको बता दें कि रविवार शाम को कथिततौर पर दिल्ली कैंट के पुराना नांगल स्थित श्मशान घाट के पुजारी और दो-तीन अन्य अपराधियों ने बच्ची की मां की सहमति के बिना लड़की के शरीर का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। बच्ची शाम को श्मशान घाट के वाटर कूलर से ठंडा पानी लेने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौट सकी। बाद में पुजारी ने लड़की की मां को बच्ची का शव दिखाया और बताया कि कूलर से पानी पीते समय उसे करंट लग गया था। लड़की की मां पुलिस को सूचित न करे इसलिए पुजारी ने उन्हें यह कहते हुए डराया धमकाया कि इससे मामला बिगड़ जाएगा और यदि पोस्टमॉर्टम किया गया तो उसकी बेटी के अंग निकाल लिए जाएंगे। इस सब के बाद भी मां शव दफनाने के लिए राज़ी नहीं हुई और अपने पति और गांव वालों को ख़बर की, इसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम छह बजे श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम और बच्ची की मां को और उनके जानने वाले दो-तीन अन्य लोगों ने उसे वहां बुलाया और बेटी का शव दिखाकर दावा किया कि कूलर से पानी लेने के दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई। उसकी बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे और उसके होंठ भी नीले पड़ गए थे।
पुलिस ने सोमवार को बताया था कि पुजारी समेत चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर हत्या और दुष्कर्म के आरोप हैं। इस बीच, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है और पुलिस को तलब किया है।
आयोग ने कहा कि मामला “बेहद गंभीर” है और इसमें “तत्काल ध्यान देने” की जरूरत है और दक्षिण पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त को पांच अगस्त या उससे पहले पेश होने तथा मामले की पूरी फाइल एवं प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने को कहा है।
अभी पुलिस ने बताया कि एक पुजारी समेत चार लोगों को घटना के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया है।
जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे जनसंगठनों ने अपने बयाना में कहा कि "पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा एक बहुत गम्भीर समस्या है जिसका सीधा कारण अनियंत्रित यौन इच्छा नहीं अपितु पितृसत्तात्मक समाज में पुरुष को प्राप्त शक्ति तथा वर्चस्व से जुड़ता है। पिछले 10 वर्षों में दलित महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 6% की वृद्धि हुई है, यह लिंग और जाति दोनों के प्रति की जाने वाली हिंसा है। दलित महिलाएं अपने लिंग और जातिगत पहचान के कारण समाज में सबसे अधिक शक्तिहीन और उत्पीड़ित हैं।
एसएफआई दिल्ली के सचिव प्रीतिश ने कहा, "पहले भी कई मामलों में हमने देखा है कि कैसे यौन हिंसा के कृत्यों को जातिगत अपराधों के लिए 'दंड' के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हमें उस विचारधारा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए जो बलात्कारी संस्कृति और जाति उत्पीड़न को वैध बनाने की कोशिश करती है।"
दिल्ली राज्य समिति की सदस्य और जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने इस मुद्दे पर कहा, "दलित महिलाओं पर दोहरा अत्याचार किया जाता है। हम एक ऐसे राजनीतिक माहौल में रह रहे हैं जिसकी सामाजिक व्यवस्था के भीतर जाति को पूरी शक्ति के साथ ढाला गया है। यह कोई पुराने जमाने की बीती हुई बात नहीं बल्कि वर्तमान राज्य के ढांचे ठीक भीतर ही विकसित की जा रही है, और जैसे-जैसे लिंग और जाति की ब्राह्मणवादी धारणाएं शक्तिशाली होती जाएंगी, महिलाओं और ‘निचली’ जातियों के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे। हमें इस सब का विरोध करना चाहिए और आक्रोश को संगठित करना चाहिए!",
जनसंगठनों ने कहा वो इस अपराध के विरोध में खड़ी है और मांग करती है कि दलित महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों, उसके कारणों के विविध आयामों की पहचान करते हुए उनका विरोध किया जाए। पीड़िता को इंसाफ मिलना ही चाहिए!
बुधवार शाम को प्रदेश कांग्रेस तथा युवा कांग्रेस के सदस्यों ने बुधवार को जंतर मंतर पर मोमबत्ती जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने बच्ची को न्याय दिलाने की मांग की और राष्ट्रीय राजधानी में अपराध की दर में वृद्धि पर केंद्र सरकार की आलोचना की। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कहा कि मृतका के परिजनों को सभी प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए।
केजरीवाल ने दलित लड़की की कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नौ वर्षीय दलित लड़की की कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने बच्ची के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की।
बच्ची के परिवार से मिला, उनका दर्द बांटा-
- परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देंगे
- मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी
- दोषियों को सजा दिलवाने के लिए बड़े वकील लगायेंगे
केंद्र सरकार दिल्ली में क़ानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए, हम पूरा सहयोग करेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 4, 2021
उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमारी बच्ची वापस नहीं आ सकती। परिवार के साथ हुआ अन्याय दुर्भाग्यपूर्ण है और उसकी भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन सरकार परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी।’’
बच्ची के माता-पिता बड़ी संख्या में जुटे लोगों के साथ दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुराना नांगल इलाके में घटनास्थल पर धरना दे रहे हैं और दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जब केजरीवाल बच्ची के माता-पिता से मिलने इस इलाक़े में पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को घेर लिया और उनके खिलाफ नारे लगाने लगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दोषियों को सजा सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष वकीलों को नियुक्त करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से इस दिशा में कड़े कदम उठाने की अपील करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार को हमारी मदद की ज़रूरत है तो हम उनके साथ पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन अगर इस तरह की घटना दिल्ली में होती है तो इससे दुनिया भर में राष्ट्रीय राजधानी के बारे में अच्छा संदेश नहीं जाता है।’’
राहुल ने 9 वर्षीय बच्ची के परिवार से मुलाकात की, कांग्रेस ने केंद्र और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को यहां उस नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिलाया ।
राहुल गांधी दिल्ली छावनी इलाके में पहुंचकर इस परिवार से मुलाकात की और न्याय के लिए उनके साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
देश की बेटी को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए। हम चाहते हैं कि अपराधी को उसके अक्षम्य अपराध की सजा दिलवाकर दिवंगत बेटी के परिजनों को इंसाफ मिले।#JusticeForDelhiCanttGirl#राहुल_का_हाथ_न्याय_के_साथ pic.twitter.com/GjHmIwjVCf
— Congress (@INCIndia) August 4, 2021
राहुल गांधी ने बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है। और न्याय के लिए इस रास्ते पर मैं उनके साथ हूं।"
मौके पर जब पत्रकारों ने पूछा कि इस घटना के लिए वह किसे जिम्मेदार मानते हैं तो कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ यह जानता हूं कि मेरा काम इस परिवार की मदद करना है।’’
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले राहुल गांधी ने इस बच्ची के लिए आवाज उठाई और परिवार से मिलने पहुंचे। बच्ची की मां ने राहुल को सारी बात बताई। राहुल गांधी ने भी परिवार के लिए न्याय की बात की है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘हर बात पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री ने इस बच्ची के लिए ट्वीट क्यों नहीं किया?’’ गोहिल ने बताया कि इस घटना को लेकर कांग्रेस दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में कैंडल मार्च और प्रार्थना सभा का आयोजन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ बच्ची के लिए इंसाफ चाहते हैं।’’
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना के आरोपी पर पहले भी इस तरह के आरोप लगे हैं। अगर ऐसा है तो पुलिस क्या कर रही थी? अगर पुलिस पहले ही इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करती तो इस बच्ची के साथ यह दरिंदगी नहीं होती।’’
कुमार ने कहा, ‘‘निर्भया की घटना के बाद राहुल गांधी और गांधी परिवार ने उस पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाया और मदद की। 2014 के बाद महिलाओं से दुष्कर्म के हजारों मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के झूठे विज्ञापनों और दावों के बावजूद ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं।’’
इससे पहले स्थानीय लोग पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे जबकि कल यानि मंगलवार को भीम आर्मी के संस्थापक और आज़द समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद भी पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा प्रशासन पीड़िता की मदद करने के बजाए उन्हें ही परेशान कर रहा है। उन्होंने दाव किया की पुलिस ने पीड़ित परिवार को थाने में कई घंटे तक बिठाए रखा और केस दर्ज करने में भी आनकानी कर रहे थे।
वाम दलों के नेता भी पीड़िता के घर पहुंचे और न्याय की मांग की
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी( मर्क्सवादी) यानी माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद बृंदा कारत के नेतृत्व में राज्य सचिवमंडल सदस्य नत्थू प्रसाद, आशा शर्मा, सुबीर बनर्जी तथा दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के स्थनीय सदस्यों समेत पार्टी का प्रतिनिधी मंडल पीड़ित परिवार से मिला।
इसी तरह भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य कविता कृष्णन, उनकी दिल्ली राज्य की नेता सुचेता डे और आइसा दिल्ली राज्य अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने भी पीड़िता के घर का दौरा किया। इसी तरह भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल भी पीड़िता से मिला और न्याय की मांग दोहराई।
Comrade Brinda Karat led a delegation to meet family of the 9 year old girl who was brutally raped and murdered in Delhi. The delegation demanded immediate justice for the family and compensation for the family. pic.twitter.com/4chpmv0CTc
— CPI (M) (@cpimspeak) August 4, 2021
माकपा ने अपने बयाना में कहा केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। यह घटना छोटे बच्चों और महिलाओं पर बर्बर घटनाओं की कड़ी का हिस्सा है, जिसके पीछे वो महिला-विरोधी शक्तियां हैं जो हिन्दुत्व की मजबूती से लगातार मजबूत होती जा रही हैं।
प्रतिनिधी मंडल ने बच्ची के परिवार को न्याय की लड़ाई में हर मदद का भरोसा दिया। सभी दोषियों पर आईपीसी की उचित धारा लगाते हुए फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जरिए जल्द-से-जल्द सजा दी जाने की मांग की। दिल्ली सरकार ने परिवार को 10 लाख की सहायता देने की घोषणा की है पर उसने यह भी कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार होने के चलते केन्द्र सरकार को परिवार को आर्थिक सहायता देने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
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