…ये तमग़े जो गले का हार है इन बेटियों के
इस सप्ताह विशेष कार्यक्रम 'बोल' में सुनिए गौहर रज़ा की नज़्म 'तमग़े'
इंडियन कल्चर फोरम के विशेष कार्यक्रम बोल में इस बार सुनिए मशहूर शायर और वैज्ञानिक गौहर रज़ा की नज़्म तमग़े जो उन्होंने महिला पहलवानों के संघर्ष को प्रतीक बनाकर कही है।
ये तमग़े जो गले का हार है इन बेटियों के,
ये इनके अज़्म की, परवाज़ की, हिम्मत की,
हर सीमा को छूने की गवाही है...
साभार: इंडियन कल्चर फोरम
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