सरकारी बंगला विवाद: दिल्ली हाई कोर्ट ने राघव चड्ढा की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा की उस याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी बंगले से बेदखल करने से राज्यसभा सचिवालय को रोकने संबंधी एक अंतरिम आदेश को रद्द करने के एक निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है।
Govt Bungalow Row: Delhi High Court Reserves Judgment In AAP MP Raghav Chadha’s Plea | @nupur_0111 #RaghavChadha #DelhiHighCourt https://t.co/cCbO4meANS
— Live Law (@LiveLawIndia) October 12, 2023
कार्यवाही पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने राज्यसभा सचिवालय के वकील से मौखिक रूप से कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर रहा हूं लेकिन जब तक मैं इस पर फैसला नहीं कर लेता, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाए।’’
चड्ढा के वकील ने कहा कि उन्होंने पहले ही मामले में अपनी संक्षिप्त दलीलें दाखिल कर दी हैं। राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कहा कि वह शुक्रवार शाम तक अपनी सारांश रिपोर्ट दाखिल कर देंगे।
चड्ढा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि ‘आप’ नेता को कल सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम की कार्यवाही के तहत संपदा अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वह संपदा अधिकारी से कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध करने का प्रस्ताव रखते हैं क्योंकि उच्च न्यायालय ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
चड्ढा ने निचली अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने आदेश में कहा था कि चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें आवंटन रद्द होने के बाद भी राज्यसभा सांसद के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगला रखने का अधिकार है।
निचली अदालत ने 18 अप्रैल को पारित एक अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा से सरकारी बंगला खाली नहीं कराने का निर्देश दिया गया था। निचली अदालत ने कहा था कि चड्ढा को उचित कानूनी प्रक्रिया के बिना अंतरिम राहत दी गई थी।
चड्ढा को पिछले साल छह जुलाई को पंडारा पार्क में ‘टाइप 6’ बंगला आवंटित किया गया था लेकिन उन्होंने 29 अगस्त को राज्यसभा के सभापति को ज्ञापन सौंपकर ‘टाइप 7’ बंगला आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्हें पंडारा रोड पर एक अन्य बंगला आवंटित कर दिया गया।
हालांकि, इस साल मार्च में आवंटन रद्द कर दिया गया।
अप्रैल, 2022 में राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी ‘हैंडबुक’ के अनुसार पहली बार के सांसद होने के नाते चड्ढा को सामान्य तौर पर ‘टाइप-5’ का बंगला आवंटित किया जा सकता है।
इसके अनुसार, केंद्रीय मंत्री रह चुके सांसदों, पूर्व राज्यपालों या पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व लोकसभा अध्यक्षों को ‘टाइप-7’ बंगलों में रहने का अधिकार है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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