विधानसभा चुनाव: हिमाचल की इन सीटों पर होगी कांटे की टक्कर!
हिमाचल प्रदेश में हर साल बदल जाने वाली सियासी परंपरा को जहां कांग्रेस बरकरार रखना चाहती है, तो भाजपा राज नहीं रिवाज़ बदलने का दावा कर रही है। लेकिन दोनों ही पार्टियों के भीतर अंदरूनी कलह है कि खत्म होने का नाम ही ले रही है, ऐसी कई सीटें हैं जहां पार्टियों के दिग्गज खिलाफत पर उतर आए हैं और निर्दलीय पर्चा भर अपनी ही पार्टी को चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा कई सीटे ऐसी हैं जहां बड़े नेताओं की आपस में टक्कर देखी जाती है, तो कई सीटें इसलिए खास हो जाती हैं क्योंकि प्रधानमंत्री फोन कर कहते हैं कि हमारे खिलाफ चुनाव मत लड़ो।
हिमचाल प्रदेश की कुछ ऐसी ही विधानसभा सीटों पर नज़र डालते हैं, जो चर्चा में बनी हुई हैं।
सिराज
मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी ज़िले की इसी सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। इस बार भी जयराम ठाकुर इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन उनके सामने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर चुनाव लड़े रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने गीता नंद ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है।
बिलासपुर सदर
ये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह क्षेत्र है, यहां से भाजपा ने त्रिलोक जम्वाल को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस से बंबर ठाकुर प्रत्याशी हैं। लेकिन कभी जेपी नड्डा के बहुत करीबी रहे भाजपा के कद्दावर और मौजूदा विधायक सुभाष शर्मा अब निर्दलीय लड़ रहे है। जो खेल बिगाड़ सकते हैं।
कसुम्पटी
कांग्रेस की गढ़ कसुम्पटी विधानसभा सीट से पार्टी के मौजूदा विधायक अनिरुद्ध सिंह जीत की हैट्रिक लगाने की तलाश में हैं, यहां बीते 20 सालों से भाजपा नहीं जीत सकी है। भाजपा ने कांग्रेस के इस किले को ढहाने की जिम्मेदारी राज्य के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को दी है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने यहां से राजेश चन्ना को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।
हारोली
कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री हारोली विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं और इस बार के चुनाव में वे जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। भाजपा ने एक बार फिर राजकुमार पर भरोसा जताया है जो लगातार दो बार मुकेश अग्निहोत्री से चुनाव हार चुके हैं। राजकुमार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हैं जबकि मुकेश अग्निहोत्री पहले पत्रकार रह चुके हैं और उन्हें राजनीति में लाने की सलाह वीरभद्र सिंह ने दी थी।
शिमला ग्रामीण
हिमाचल में सबसे ज्यादा छह बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड रखने वाले कांग्रेस के दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण सीट से दूसरी बार जीतने की तैयारी कर रहे हैं। विक्रमादित्य के भाजपा ने रवि मेहता को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रेम ठाकुर को मैदान में उतारा है।
ठियोग
शिमला जिले में आने वाली ठियोग विधानसभा सीट इकलौती ऐसी सीट थी जहां सीपीएम ने 2017 के चुनाव में जीत हासिल की थी, सीपीएम के सीटिंग विधायक राकेश सिंघा के सामने इस चुनावी जीत को दोहराने की चुनौती होगी। ठियोग सीट से भाजपा ने अजय श्याम को मौका दिया है जबकि कांग्रेस ने कुलदीप सिंह राठौर को अपना उम्मीदवार बनाया है।
फतेहपुर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच फतेहपुर सीट भी सुर्खियां बटोर रही है, और इसका कनेक्शन प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ा है। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पीएम मोदी इस सीट से भाजपा के बागी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार को बगावत छोड़ कर चुनाव से हटने को कहते कहते सुने गए।
कृपाल परमार को 2017 के चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया था लेकिन तब वे कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया से चुनाव हार गए। 2020 में पठानिया के निधन के बाद फिर चुनाव हुआ लेकिन भाजपा ने इस बार परमार को नजरअंदाज कर अर्जुन सिंह को टिकट दे दिया। अर्जुन सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार और सुजान सिंह के बेटे भवानी सिंह पठानिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने एक बार फिर भवानी सिंह पठानिया को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने राकेश पठानिया पर भरोसा दिखाया है। इससे नाराज कृपाल परमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया और पीएम के कहने पर भी वो पीछे नहीं हटे हैं। फिलहाल भाजपा ने कृपाल परमार को पार्टी से निकाल दिया है।
मंडी सदर
हिमाचल की राजनीति के 'फीनिक्स' कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पंडित सुखराम के विधानसभा क्षेत्र मंडी सदर की सीट भी हॉट सीटों में है। यहां भाजपा का बागी ही भाजपा और कांग्रेस को टक्कर दे रहा है। भाजपा ने यहां अनिल शर्मा और कांग्रेस ने चंपा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन टिकट न मिलने से नाराज प्रवीण शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। दरअसल अनिल शर्मा पंडित सुखराम के ही बेटे हैं और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं, प्रवीण शर्मा आरोप लगा रहे हैं कि भगवा पार्टी कांग्रेस छोड़ पैरासूट से आए नेता को तरजीह दे रही है।
नादौन
नादौन विधानसभा सीट पर भी मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है, यहां 2017 के चुनाव में कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खु ने भाजपा उम्मीदवार विजय अग्निहोत्री को 2,349 से मात दी थी। इस बार भी दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार नहीं बदले हैं। गुजरात के साथ-साथ हिमाचल में अपनी जमीन तलाश करती आम आदमी पार्टी ने इस सीट से शैंकी ठुकराल को चुनावी मैदान में उतारा है। खास बात है कि नादौन विधानसभा सीट पर पुरुष वोटरों की अपेक्षा महिला वोटरों ज्यादा है।
मनाली
राजनीतिक और पर्यटन के लिहाज से चर्चित मनाली की सीट पर 2012 से भाजपा नेता गोविंद सिंह ठाकुर का कब्जा है। लेकिन इस बार असंतुष्ट अधिवक्ता महेंद्र ठाकुर ने निर्दलीय मैदान में उतर कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। कांग्रेस ने इस सीट से 2012 में चुनाव लड़ चुके भुवनेश्वर गौर को मौका दिया है जबकि आप ने अनुराग प्रार्थी को उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
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