सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं भारतीय पहलवान, कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग की
भारतीय कुश्ती महासंघ और इसके अध्यक्ष बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय पहलवानों का विरोध प्रदर्शन मौन व्रत के तौर पर आज गुरुवार, 19 जनवरी को दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर जारी है। इस बीच पहलवानों का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक शामिल थे, सरकार से मध्यस्थता के लिए मिला। हालांकि सरकार से बातचीत के बाद खिलाड़ी असंतुष्ट दिखें और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने उन्हें बस आश्वासन दिया है।
साक्षी मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सरकार ने हमें आश्वासन दिया है मगर हम इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। हम चाहते हैं कि फेडरेशन को भंग किया जाए। क्योंकि हर राज्य में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के लोग मौजूद हैं, हमें केरल से भी लड़कियों ने फोन किया है और कहा है कि आपने आवाज़ उठाई इस बात का हम समर्थन करते हैं।"
विनेश फोगाट ने कहा, "अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो हम आने वाले समय में अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज करवाएंगे। हमारे पास सिर्फ़ 1-2 नहीं बल्कि 6-7 लड़कियां आई हैं और उनके पास सबूत हैं कि अध्यक्ष ने उनके साथ कैसा दुर्व्यवहार किया था।"
बजरंग पुनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमें सिर्फ़ अध्यक्ष का इस्तीफ़ा नहीं चाहिए बल्कि हम चाहते हैं कि फ़ेडरेशन को भंग किया जाए, इस्तीफ़े के बाद तो वह उस पद पर फिर किसी अपने को ही बिठा लेंगे।"
इन खिलाड़ियों के समर्थन में कुश्ती, कबड्डी के कई पूर्व खिलाड़ी, गोल मेडलिस्ट शामिल हुए। इनमें रवि दहिया, महावीर फोगाट जैसे खिलाड़ियों के भी नाम हैं।
महावीर फोगाट ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "संदीप सिंह, बृजभूषण जैसे लोगों ने कुश्ती के खेल को बदनाम किया है। मैं कई सालों से बृजभूषण के बारे में सुनता रहा हूं कि वो कितना गंदा आदमी है, उसकी लड़कियों के बारे में कितनी गंदी सोच है। आज खिलाड़ी यहां सड़क पर जमा हुए हैं, आंदोलन कर रहे हैं, मैं उनका समर्थन करता हूं।"
बुधवार को बीजेपी नेता और पहलवान बबीता फोगाट भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंची थीं। उन्होंने प्रदर्शनकारी पहलवानों से बात करने के बाद मीडिया से कहा कि सरकार खिलाड़ियों के साथ है। बजरंग पुनिया के मुताबिक़ बबीता फोगाट सरकार की ओर से मध्यस्थ बनकर आईं थीं। प्रदर्शन में मौजूद खिलाड़ियों ने अध्यक्ष की महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के अलावा कुश्ती में खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं की कमी की भी बात रखी।
बता दें कि 1991 में पहली बार गोंडा से सांसद बने बृज भूषण भारतीय जनता पार्टी के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं। वे साल 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। 2019 में वे कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे। बृज भूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक हिंदूवादी नेता के तौर पर बनाई है और वो अयोध्या के बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के अभियुक्त भी रहे हैं। अपने विवादित बयानों के चलते वे हमेशा सुर्ख़ियों में रहे हैं। अतीत में उन पर हत्या, आगज़नी और तोड़-फोड़ करने के भी आरोप लग चुके हैं। पिछले दिनों झारखंड में अंडर-19 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान एक रेसलर को मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था। अब महिला पहलवानों के गंभीर आरोप के बाद भी अभी तक उनका इस्तीफा सामने नहीं आया है, जो उन्हें और पूरी भारतीय जनता पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।
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