जापान ने भारतीय ओलंपिक दल पर कड़े नियम लगाये, आईओए ने कहा, ‘‘अनुचित और भेदभावपूर्ण’’
नयी दिल्ली: जापान की सरकार ने तोक्यो ओलंपिक के लिये जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों को रवानगी से एक हफ्ते पहले रोज कोविड-19 जांच कराने और पहुंचने के बाद तीन दिन तक अन्य देश के किसी भी व्यक्ति से मेलजोल नहीं करने को कहा है जिससे भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) काफी नाराज है।
ये सख्त नियम उन 11 देशों के सभी यात्रियों - जिसमें खिलाड़ी, कोच और सहयोगी स्टाफ शामिल हैं - के लिये लगाये गये हैं जहां कोविड-19 के अलग वैरिएंट मिले हैं। इन देशों में भारत भी शामिल हैं।
आईओए ने इनकी काफी कड़ी आलोचना की और इन्हें ‘‘अनुचित और भेदभावपूर्ण’’ बताया। उसने खेलों की आयोजन समिति को पत्र लिखा है और उससे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि कोविड-19 को रोकने की व्यवस्था से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोई "प्रतिकूल और हानिकारक प्रभाव" नहीं पड़े।
भारत में दूसरी लहर के बाद कोविड-19 हालात काफी सुधर चुके हैं और रोज संक्रमण के मामले तीन लाख से ज्यादा से घटकर अब 60,000 हो गये हैं।
भारत को ग्रुप एक में अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ रखा गया है।
ग्रुप एक देशों के लिये सलाह के अनुसार, ‘‘यात्रा करने से पहले : आपको जापान के लिये रवानगी से पहले सात दिन तक प्रत्येक दिन परीक्षण कराना होगा। ’’
इसके अनुसार, ‘‘शारीरिक दूरी : जापान के लिये रवानगी से पहले सात दिन, आपको अन्य लोगों से शारीरिक मेलजोल बिलकुल न्यूनतम रखना होगा, जिसमें कोई अन्य टीम, दल या देश शामिल हैं। ’’
यहां तक खिलाड़ियों और अधिकारियों को जापान पहुंचने के बाद तीन दिन तक अपने दल के अलावा किसी अन्य से मेलजोल की अनुमति नहीं दी जायेगी।
इसमें कहा गया, ‘‘खेलों के दौरान, आपका हर दिन परीक्षण होगा जो सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिये होगा। ’’
सलाह में कहा गया, ‘‘जापान में आपके पहुंचने के तीन दिन तक आप किसी अन्य टीम, दल या देश से किसी से भी शारीरिक रूप से मेलजोल नहीं कर पाओगे। ’’
खिलाड़ियों को खेल गांव में भी अपनी प्रतिस्पर्धा शुरू होने से पांच दिन पहले ही प्रवेश दिया जायेगा।
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में नये नियमों पर सवाल उठाये।
इस संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘खिलाड़ियों को खेल गांव में अपनी स्पर्धा से केवल पांच दिन पहले ही प्रवेश दिया जायेगा। अब तीन दिन का समय बरबाद होगा, यह ऐसा समय होता है जिसमें खिलाड़ियों को अपनी फार्म के शीर्ष पर पहुंचने की जरूरत होती है। यह भारतीय खिलाड़ियों के लिये अनुचित है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन तीन दिनों में खिलाड़ी अपना नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन कब और कहां करेंगे क्योंकि हर कोई खेल गांव के ‘फूड हॉल’ में खाना लेता है जहां सभी खिलाड़ी और अन्य राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (एनओसी) के अधिकारी हमेशा मौजूद रहते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर फूड पैकेट खिलाड़ियों के कमरे के बाहर पहुंचाये जायेंगे तो उनके शरीर की जरूरतें जैसे प्रोटीन या खाने की पसंद की योजना कौन बनायेगा और क्या इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ेगा जिन्हें अपनी पसंद के पोषक तत्व नहीं मिलेंगे और वो भी ओलंपिक से महज पांच दिन पहले। ’’
कई खिलाड़ी जैसे भारोत्तोलक मीराबाई चानू, पहलवान विनेश फोगाट, भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा विदेशों में ट्रेनिंग कर रहे हैं और वे वहीं से तोक्यो पहुंचेंगे।
हालांकि भारतीय दल के ज्यादातर सदस्य भारत से ही रवाना होंगे और इन नियमों से उनकी ट्रेनिंग प्रभावित होगी।
आईओए ने इन नियमों की जरूरत पर भी सवाल उठाये कि भारत से जाने वाले से सभी खिलाड़ियों का टीकाकरण हो गया और वे रवानगी से पहले एक हफ्ते तक रोज उनकी जांच होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी कब और कहां अभ्यास करेंगे क्योंकि अभ्यास और ट्रेनिंग स्थल कभी भी खाली नहीं होते। और अन्य एनओसी के खिलाड़ी और अधिकारी हर वक्त मौजूद होते हैं। ’’
आईओए बयान के अनुसार, ‘‘हम किसी भी देश के खुद के देश को सुरक्षित रखने के फैसले का सम्मान करते हैं, खिलाड़ी जो भारत से जा रहे हैं, उन्हें टीके की दोनों डोज लगी होंगी, रवानगी से पहले प्रत्येक दिन आरटीपीसीआर परीक्षण हुआ होगा। तो फिर खिलाड़ियों को ऐसे समय पर क्यों परेशान किया जाये, जब उन्हें अपने शिखर पर होने की जरूरत है, यह भारतीय खिलाड़ियों के लिये काफी अनुचित है जिन्होंने पांच साल तक कड़ी मेहनत की और उनके साथ ओलंपिक से महज पांच दिन पहले ही भेदभाव होगा। ’’
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