कानपुर: बौद्ध कथा के दौरान दलितों पर हमला, दो लोग बुरी तरह घायल
उत्तर प्रदेश की सरकार में दो उपमुख्यमंत्री हैं, ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य। राजनीतिक लिहाज़ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इन दोनों को इसलिए रखा गया है ताकि प्रदेश की ब्राह्मणों के साथ बाकी सवर्णों के वोट तो अपने हो हीं, दलितों के वोट भी बचकर कहीं न जा पाएं।
हुआ भी ऐसा ही, चुनाव में इन्हें सवर्णों और दलितों से इतने वोट मिले कि कमल खिल गया। मग़र ये दोनों मुख्यमंत्री शायद ज़मीनी स्तर पर सवर्णों और दलितों के संबंधों में कमल खिलाने में असमर्थ रहे हैं।
इसका ताज़ा उदाहरण कानपुर से आया है। इस इलाके के घाटमपुर क्षेत्र में दलित बस्ती कहे जाने वाले पहेवा गांव के लोग बौद्ध कथा सुन रहे थे, तभी अचानक कुछ अराजक तत्व लाठी, डंडे, रॉड और बंदूकें लेकर पहुंच गए। पहले तो इन लोगों ने सो रहे साउंड वाले लड़कों को जमकर पीटा और लहूलुहान कर दिया। फिर जब कथा सुन रहे लोगों को पता चला तब ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसके बाद कथा वाली जगह पर रखी कुर्सियों को तोड़ डालीं, पंडाल फाड़ दिए और बाद में संत रविदास की मूर्ति को भी खंडित कर दिया।
1. Welcome to Brahmin India, the new cruel land.
In #UttarPradesh's #Kanpur, massive violence and vandalism after some Brahmins attacked and also opened fire at the venue of "#BuddhaKatha" being organised by #Dalit community in #Paheva village. pic.twitter.com/VX5Bb4Q7Gb— Riffat wani 🍁 (@FrwaChaudhry) December 20, 2023
मामले की जानकारी मिलते ही एसीपी अभिषेक पांडेय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक आरोपी मौके से भाग चुके थे। पुलिस ने एक पीड़ित, जो कार्यक्रम के आयोजक भी थे, राम सागर पासवान की तहरीर पर 8 लोगों के खिलाफ बलवा, मारपीट, डकैती, एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। जिसमें घाटमपुर की विधायक सरोज पुरी के पीआरओ मनीष तिवारी, चंद्रभान मिश्रा, गोलू मिश्रा, शिवम मिश्रा, जीतू मिश्रा, अरुण कोटेदार, किन्नर मिश्रा और विशंभर मिश्रा के नाम शामिल हैं। इसके अलावा पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
In UP's Kanpur, massive violence and vandalism after miscreants attacked and also opened fire at the venue of "Buddha Katha" being organised by Dalit community in Paheva village. FIR registered against 8 named accused including Chandrabhan Mishra, Golu Mishra Jeetu Mishra and MLA… pic.twitter.com/EkzZvQhImH
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) December 19, 2023
इस पूरी घटना के बारे में गांव के ही एक शख्स पवन संखवार बताते हैं कि "ये घटना रात के करीब 12 से 2 बजे के बीच हुई है। 9 दिनों की कथा में ये चौथा दिन था। ब्राह्मण समाज के 15-20 लोग अचानक आ गए और हमला कर दिया। इस हमले में 2 लोग बहुत बुरी तरह से घायल हो गए हैं।" पवन ने दो लोगों के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि अरुण कोटेदार और जीतू मिश्रा पहले भी हम लोगों से कई बार कह चुके हैं कि अगर तुम लोग कोई कार्यक्रम करोगे तो गोली चल जाएगी। जबकि हम लोगों ने इनसे कहा था कि आप कार्यक्रम में आइए, आपको जो भी बात ख़राब लगेगी उसके बारे में बैठकर बात करेंगे।
वहीं दूसरी ओर सवर्ण समाज का कहना है कि साल 2022 में इसी जगह दलित समुदाय के लोगों ने बौद्ध कथा करवाया था। जिसमें ब्राह्मणों का पुतला बनाकर कालिख पोती थी। इसके बाद जूते की माला पहनाया था। दलित समुदाय की इस हरकत से सवर्ण वर्ग के लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद सवर्ण समुदाय के लोगों ने इस साल बौद्ध कथा न होने के लिए 16 दिसंबर को घाटमपुर एसडीएम रामानुज से शिकायत भी की थी। इस चिट्ठी में सवर्णों ने कहा था कि अगर इस बार कार्यक्रम की परमिशन मिलती है तो बवाल हो सकता है।
हालांकि ज्वाइंट कमिशनर पुलिस कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी के बयान से सवर्ण समाज की ओर से किया गया दावा पूरी तरह से बेबुनियाद लगता है। आनंद तिवारी ने उस पत्र का ज़िक्र किया, जो उप ज़िलधिकारी को भेजा गया था, और दलित बौद्ध कथा होने पर बवाल की धमकी दी गई थी। आनंद तिवारी बताते हैं कि हमने जांच की और पाया गया कि यहां इस साल ऐसी कोई चीज़ नहीं की गई है जिससे दूसरे लोग आहत हों। यहां पुलिस भी लगी थी, वीडियोग्राफी भी हो रही थी।
तिवारी बताते हैं कि यहां कथा होती है, रामचरित मानस पाठ होता है, बौद्ध कथा होती है, जिसकी कई बार अनुमति नहीं ली जाती है, इन लोगों ने भी नहीं ली होगी। क्योंकि ऐसे तमाम कार्यक्रम हर घर में होते हैं। हालांकि हम इसे भी देखेंगे। मगर ऐसी घटना क्यों हुई और इसके पीछे कौन है इसकी बारीकी से जांच की जाएगी ताकि आगे ऐसा न हो। आनंद तिवारी के अनुसार अभी तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
उधर दलितों पर हमला और रविदास की मूर्ति खंडित होने की ख़बर सुनकर अगली सुबह भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कार्रवाई की मांग को लेकर आयोजन स्थल पर धरना दे दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जल्द से जल्द बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए और संत रविदास की नई मूर्ति स्थापित की जाए।
इस क्षेत्र के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि "यहां सवर्ण वर्ग के लोग आए दिन शराब पीकर झगड़ा करते हैं। किसी से भी शराब पीने के लिए रुपये निकाल लेते हैं। क्षेत्रीय विधायक सरोज कुरील दलितों की सुनती ही नहीं हैं।"
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