लखनऊ विवि: कुलपति और शिक्षकों के बीच वार्ता, समस्याओं के निपटारे के लिए स्थाई कमेटी की मांग!
FUPUCTA (उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ) के प्रतिनिधि मंडल ने 26 मई, 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय, से मुलाकात की और उन्हें अपना 6 सूत्री मांगपत्र सौंपा।
कुलपति और शिक्षकों के बीच लगभग 1 घंटे तक अलग-अलग बिंदुओं पर सकारात्मक बातचीत हुई।
डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि FUPUCTA के संज्ञान में शिक्षकों द्वारा ये जानकारी लाई गई कि उनकी कई गंभीर समस्याएं विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित रहती है जिसका समाधान समय से नहीं हो पाता है।
बता दें कि बीते दिनों LUACTA (लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ) द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में दिए गए धरने और बाद में इसकी समाप्ति के परिदृश्य ने एक नये तरह का वातावरण पैदा कर दिया था जिसे समाप्त करने के लिए महासंघ को हस्तक्षेप करना ज़रूरी लगा।
शुक्रवार, 26 मई को एक प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति महोदय से मिलकर कई मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। प्रतिनिधि मंडल में महासंघ के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार राय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ. एस.पी. शुक्ला, महासचिव डॉ. टी.एस. चैहान तथा कोषाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार मिश्र शामिल थे।
इस चर्चा में, परीक्षा में पेपर सेटिंग, मूल्यांकन, कक्ष निरीक्षक आदि के बाकी भुगतान को एक सप्ताह में पूरा करने पर सहमति बनी। इसके साथ-साथ आगे से इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कुलपति महोदय ने आश्वासन दिया और अवगत कराया कि पेमेंट के लिए बने पोर्टल को तकनीकी रूप से और बेहतर बनाया जा रहा है।
इसी क्रम में यह सहमति भी हुई कि परीक्षा संचालन में परीक्षार्थियों की संख्या के सापेक्ष विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों को पैसा NEFT कर देगा। महाविद्यालयों को उसका केवल उपभोग प्रमाण-पत्र देना होगा। इससे महाविद्यालयों को बड़ी राहत प्राप्त होगी।
वहीं साथ ही वरिष्ठता सूची निर्धारण के संबंध में कुलपति द्वारा तत्काल प्रभाव से कुलसचिव महोदय को निर्देश दे दिया गया कि वरिष्ठता सूची महाविद्यालयों के आधार पर नहीं बल्कि विभाग/विषय के आधार पर बनाई जाए और इस संबंध में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित हो।
डॉ. प्रदीप शर्मा ने आगे बताया कि शिक्षक कल्याण कोष के संबंध में भी वार्ता सकारात्मक रही और कुलपति ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय के स्तर पर अंशदान लंबित है तो उसका भुगतान तत्काल कर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होनें कहा कि शिक्षक कल्याण कोष के लिए बनी समिति हमारे समक्ष जो प्रस्ताव रखेगी उसको विश्वविद्यालय पूरा करा देगा।
कस्टोडियन होने के नाते शिक्षक कल्याण कोष के विगत कई वर्षों के आय-व्यय का ब्योरा सार्वजनिक करने का भी निर्देश जारी किया जाएगा। शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर त्वरित समाधान के लिए एक समिति बनाने पर भी सहमति बनी जिसमें कुलपति स्वयं अध्यक्ष होंगे।
उनके साथ-साथ कुलसचिव, वित्त अधिकारी, डीन सीडीसी तथा तीन शिक्षक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस आशय का पत्र विश्वविद्यालय से जारी होगा। इस समिति का कार्य शिक्षकों की व्यक्तिगत व सामूहिक समस्याओं को तत्काल हल कराना है।
वार्ता में यह भी तय हुआ कि NEP को लेकर एक विस्तृत कमेटी बनाए जाने की ज़रूरत है जिसमें सभी स्टेक होल्डर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस कमेटी के संबंध में भी लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा पत्र जारी किया जाएगा।
महासंघ के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार राय ने बताया कि "वार्ता बेहद सकारात्मक रही जिसमें कुलपति ने हमारे द्वारा रखी गई सभी मांगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और बेहद सकारात्मक निर्णय लिए और भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों से भी अवगत कराया गया। लेकिन जून माह में परीक्षाएं न कराए जाने पर उन्होनें बताया कि अभी छोटे-छोटे पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं संचालित की जाएगी जो केवल विश्वविद्यालय के स्तर पर हैं।
डॉ. हरेंद्र आगे कहते हैं, "उन्होनें महाविद्यालयों में परीक्षाओं के कार्यक्रम को फाइनल करते समय हमारी मांग को ध्यान में रखने का आश्वासन दिया। आज की वार्ता से कई सकारात्मक बिंदु निकले हैं जिन्हें अमल में लाकर शिक्षकों और कुलपति के बीच गतिरोध की स्थिति खत्म की जा सकती है। शिक्षकों की मांगों को समय से हल करके ही सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाया जा सकता है।"
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