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मज़दूर दिवस : हम ऊंघते, क़लम घिसते हुए, उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे

न्यूज़क्लिक के नए कार्यक्रम 'सारे सुख़न हमारे' में हम बात करेंगे साहित्य की तमाम विधाओं के बारे में। 'सारे सुख़न हमारे' के पहले एपिसोड में हम बात कर रहे हैं मई दिवस के मद्देनज़र मेहनतकशों से जुड़ी कविताओं की, इन कविताओं में फ़ैज़ हैं, शमशेर बहादुर सिंह हैं, कार्ल मार्क्स हैं, लेनिन हैं और मज़दूरों-किसानों-महिलाओं-मेहनतकशों की आवाज़ है। सुनिए और राय दीजिये...

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