पाकिस्तान में संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान ने कैबिनेट का विशेष सत्र बुलाया
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में संकट से घिरे प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संघीय कैबिनेट का विशेष सत्र बुलाया। यह सत्र इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बीच बुलाया गया कि सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य दल एमक्यूएम-पी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रियों ने इस्तीफा अपनी पार्टी के इस ऐलान के बाद दिया कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी।
सरकार द्वारा संचालित ‘‘रेडियो पाकिस्तान’’ की रिपोर्ट के मुताबिक एक विशेष बुलावे पर सहयोगी दलों के प्रमुख भी कैबिनेट के विशेष सत्र में भाग लेंगे, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक विशेष सत्र में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सांसदों को निचले सदन में अपने पक्ष में करने के मकसद से मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी। निचले सदन में एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं, जबकि बीएपी के पास पांच सांसद हैं।
कैबिनेट सदस्यों और आमंत्रित अन्य लोगों को खतरे से संबंधित उस पत्र पर भी भरोसे में लिया जायेगा, जिसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी सरकार गिराने की ‘विदेशी साजिश’ का सबूत है।
पत्र दिखाने की मांग को लेकर बढ़ते दबाव के बीच इमरान ने इसके पहले कहा कि वे शुक्रवार को पार्टी की शक्ति का प्रदर्शन करने वाली रैली में इस पत्र को दिखाएंगे।
इस बीच गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान शाम को ताजा राजनीतिक हालात के मद्देनजर भरोसा हासिल करने के लिए देश को संबोधित कर सकते हैं , लेकिन इस बारे में अभी कोई ऐलान नहीं किया गया है।
पाकिस्तान में गत आठ मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्ष दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन बृहस्पतिवार को होगा।
इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
बताया जा रहा है कि एमक्यूएम-पी के सांसद फारोग नसीम और अमीनउल हक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। एमक्यूएम-पी के नेता फैजल सब्जवाडी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष के साथ उसका समझौता हो चुका है।
69 वर्षीय इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं। इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं।
इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अवश्विास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग नहीं लें। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान अप्रैल के पहले हफ्ते में होने की संभावना है।
वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आये, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया। पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है।
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