मौद्रीकरण के नाम पर देश बेचने की योजना!
केंद्र सरकार की मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना पेश की है। विपक्ष ने इसे देश बेचने वाला कदम बताया है। सीपीएम महासचिव ने एक कार्टून शेयर करते हुए कहा कि “हमारे भारत को बेचना बंद करो मोदी जी”, जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि “‘आत्मनिर्भर’ की बात करते-करते पूरी सरकार को ‘अरबपति मित्रों पर निर्भर’ कर दिया गया।”
सरकार ने मौद्रिकरण के लिए कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है।
सड़क के बाद रेलवे दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) में शामिल किया गया है। वित्त वर्ष 2025 तक चार वर्षों में रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रिकरण कर 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल किए जाएंगे।
ब्राउनफील्ड संपत्तियों से आशय ऐसी अवसंरचनाओं से है, जो फिलहाल उपयोग में नहीं हैं और उन्हें विकसित किया जाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को जारी की गई छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) में रेलवे की संपत्ति का 26 प्रतिशत योगदान होगा।
वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान मौद्रिकरण के लिए चिन्हित की गई प्रमुख रेल संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री रेलगाड़ियां, 1400 किलोमीटर लंबी रेल की पटरी, कोंकण रेलवे का 741 किलोमीटर लंबा हिस्सा, 15 रेलवे स्टेडियम और चयनित रेलवे कॉलोनियां और चार पहाड़ी रेल शामिल हैं।
सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की, जिसके तहत रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा।
चार साल की अवधि में रेलवे स्टेशनों और यात्री रेलों के परिचालन को निजी हाथों में देने से क्रमश: 76,250 करोड़ रुपये और 21,642 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। माल परिवहन के लिये समर्पित गलियारे के मौद्रीकरण से 20,178 करोड़ रुपये, वहीं पटरी, सिगनल और पटरियों के ऊपर लगने वाले उपकरणों संबंधी इनविट से 18,700 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़ और पहाड़ों पर चलने वाली रेलवे के मौद्रीकरण से 630 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण को एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गयी थी।
इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना तैयार करने का भी प्रावधान किया गया। ढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी।
‘आत्मनिर्भर’ की बात करते-करते पूरी सरकार को ‘अरबपति मित्रों पर निर्भर’ बना दिया गया: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की पृष्ठभूमि में मंगलवार को आरोप लगाया कि ‘आत्मनिर्भर’ की बात करते-करते पूरी सरकार को ‘अरबपति मित्रों पर निर्भर’ कर दिया गया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आत्मनिर्भर का जुमला देते-देते पूरी सरकार को ही अरबपति मित्रों पर निर्भर कर दिया गया। सारा काम उन्हीं अरबपति मित्रों के लिए, सारी संपत्ति उन्हीं के लिए... । 70 सालों में देश की जनता की मेहनत से बनी लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति अपने अरबपति मित्रों को दे रही है यह सरकार।’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘60 लाख करोड़ रुपये की देश की संपत्ति की सेल- सड़क, रेल, खदान, दूरसंचार, बिजली, गैस, हवाईअड्डे ,बंदरगाह,खेल स्टेडियम…यानी मोदी जी….आसमान, ज़मीन और पाताल सब बेच डालेंगे। भाजपा है तो देश की संपत्ति नहीं बचेगी।’’
केंद्र की मौद्रीकरण योजना जन-विरोधी, तत्काल वापस लिया जाए: तृणमूल कांग्रेस
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) ‘साठगांठ वाले पूंजीपतियों द्वारा सरकार का निजीकरण’ करने का उदाहरण है और इस ‘जन-विरोधी फैसले’ को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी ‘केंद्र सरकार ने इतना असहाय होकर कॉर्पोरेट जगत के सामने समर्पण नहीं किया’।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार कॉर्पोरेट द्वारा, कॉर्पोरेट की और कॉर्पोरेट के लिए है। साठगांठ वाले पूंजीपतियों ने सरकार का पूरी तरह निजीकरण कर दिया है।’’
राय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) की आड़ में यह दरअसल एक निजीकरण कार्यक्रम है। वे रेलवे से लेकर पत्तन और राजमार्ग तक सबकुछ बेच रहे हैं। यह दिवालिया सरकार है। हम चाहते हैं कि इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाए।’’
हमारे भारत को बेचना बंद करो मोदी जी : येचुरी
वाम दलों ने भी मौद्रीकरण योजना का विरोध किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया- भारत की इस बिक्री को बंद कीजिए-
Stop this Sale of India. https://t.co/9R63f2fyTW pic.twitter.com/yxhehlchSx
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 24, 2021
येचुरी ने अपने ट्विटर पेज पर एक कार्टून भी शेयर किया और लिखा- “हमारे भारत को बेचना बंद करो मोदी जी.”
हमारे भारत को बेचना बंद करो मोदी जी. pic.twitter.com/D7ldmQ2e5a
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 24, 2021
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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