गांधी: मुझे बधाई नहीं शोक संदेश भेजिए
"आज़ादी के बाद अपने पहले जन्मदिन 2 अक्टूबर 1947 को प्रार्थना-सभा में उदास मन से गांधीजी ने पूछा था ''आज मुझे बधाइयां क्यों दी जा रही हैं? क्या इससे बेहतर यह नहीं होता कि मुझे शोक संदेश भेजा जाता?’’ इसी हवाले से गांधी जयंती के मौके पर न्यूज़क्लिक के ख़ास कार्यक्रम 'सारे सुख़न हमारे' में बात महात्मा गांधी की।
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