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शाहीन बाग़ आंदोलन : क्या वार्ताकार खत्म कर पाएंगें गतिरोध?

शाहीन बाग़ में प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच की बातचीत चौथे दिन भी बेनतीजा रही है।इससे पहले शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रदर्शन स्थल के साथ लगती सड़क को यदि खोला जाता है तो सुप्रीम कोर्ट प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश जारी करे।
shaheen bagh

दिल्ली शाहीन बाग़ में आंदोलनकारियों और वार्ताकारों के बीच की बातचीत चौथे दिन भी बेनतीजा रही है। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के सामने अपनी मांगें रखीं। इसके साथ उन्होंने आंदोलन को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग भी की। उन्होंने शाहीन बाग़जामिया में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की। गौरतलब है कि शनिवार सुबह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों में से एक साधना रामचंद्रन शाहीन बाग़ पहुंचीं

आपको बता दें कि रविवार को बातचीत के लिए निर्धारित तारीख खत्म हो रही है और वार्ताकारों को सोमवार (24 फरवरीको अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। अभी तक बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इससे पहले शुक्रवार शाम को वार्ताकार वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने तीसरे दिन शाहीन बाग़ में बातचीत की थी।

इस दौरान यह बात सामने आई कि शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल के साथ लगती सड़क को यदि खोला जाता है तो सुप्रीम कोर्ट प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश जारी करे। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के बीच कालिंदी कुंज रोड पर शुक्रवार को भी अवरोध जारी रहा और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

क्या है प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग?

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को अपना मांगपत्र सौंपा है। इसमें डिवाइडर पर एल्यूमीनियम शीट की बैरिकेडिंग की मांग है ताकि विरोध स्थल को सड़क के दूसरी तरफ से अलग किया जा सकेजिसे खोला जाएगा। कोर्ट प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले और सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दे।

सीआरपीसी की धारा 117 के तहत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों और स्वयंसेवकों को नोटिस दिए गए हैं इसे वापस लिया जाए। उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए हैं। अदालत दिल्ली सरकार को एनपीआर की कवायद पर रोक लगाने के लिए एक निर्देश भी जारी करे। साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की बर्बरता की जांच की जाय।

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दिल्ली पुलिस ने बंद की है सड़क!

इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये अवरोधक लगाए हैं। नोएडा को दक्षिण दिल्ली और फिर हरियाणा में फरीदाबाद से जोड़ने वाली सड़क 15 दिसंबर से ही शाहीन बाग़ में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के कारण बंद है।

पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों जैसे जरूरी वाहनों को ही इस सड़क से जाने की अनुमति दी जा रही है। एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, “इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं। दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एकमात्र सड़क नहीं है।”

इस दौरान हेगड़े ने कहा, “आज शिवरात्रि है। हमारा बोलने का अधिकार हैबोलिए। आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं कहिए। यहां प्रभावित सभी पक्षों के लिये एक संयुक्त फैसला लेते हैं।”

उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा रास्ता दिल का रास्ता हैउसे खोलिए। आप शुरुआत कीजिएदेखिए कितने दिल के रास्ते खुलेंगे।'

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया कि उनके तंबू की समानांतर सड़क पर पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जब प्रदर्शन की शुरुआत हुई तो सिर्फ एक तरफ की सड़क के हिस्से को बंद किया था। दूसरी तरफ की सड़क को पुलिस ने बंद किया। इसके अलावा शाहीन बाग़-कालिंदी कुंज मार्ग को जोड़ने वाली दो अन्य सड़कों को भी अवरुद्ध किया गया है। वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मामले पर चर्चा के लिये पुलिस को भी मौके पर बुलाया था।

समानांतर सड़क खोली जाए तो सुरक्षा का आदेश दे कोर्ट

पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये बंद किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमनें प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समानांतर सड़क पर अवरोधक लगाए हैं। अगर सड़क यात्रियों के लिये खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिये दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’

एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ‘सरकार सोचती है कि महिलाएं अशिक्षित हैं। हम सभी शिक्षित महिलाएं हैं जो जानती हैं कि हम किस लिये लड़ रही हैं। हमें सीएए और एनआरसी के बारे में और जानकारी दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को पीटा जा रहा है। पुलिस अगर हम पर गोली चलाने वाले लोगों को नहीं रोक सकतीतो वे ये दावा कैसे कर रहे हैं कि अगर समानांतर सड़क खुल जाती है तो वे हमारी सुरक्षा करेंगे।’

इसके बाद वार्ताकारों ने शाहीन बाग़ के एसएचओ से पूछा कि क्या सड़क खोले जाने पर वह प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा मुहैया करा पाएंगेंजब एसएचओ ने कहा कि वह सुरक्षा मुहैया कराने में सक्षम हैं तो प्रदर्शनकारियों ने लिखित आश्वासन दिए जाने की मांग की।

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एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी जल्द नहीं आने जा रहीइसलिये उनसे एक परिपत्र जारी करने को कहिए जिसमें यह बात हो कि वे अब एनआरसी नहीं ला रहे हैं। हम चाहते हैं कि अगर प्रदर्शन स्थल के बगल वाली सड़क खोली जाती है तो उच्चतम न्यायालय हमारी सुरक्षा के लिए एक आदेश जारी करे।’

वार्ताकारों ने किया था सभी सड़कों का मुआयना

इससे पहले वार्ताकारों ने गुरुवार को कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ जाकर दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सभी सड़कों का मुआयना किया था। रामचंद्रन ने कहा, ‘जब हमने सड़कों का निरीक्षण किया तो पाया कि आप (प्रदर्शनकारीसही थे। कई सड़कें खुली हैं जिन्हें पुलिस ने बंद कर रखा है। मैं यह कहते हुए बेहद व्यथित हूं कि नोएडा-फरीदाबाद मार्ग जो शुक्रवार को खुला था उसे पुलिस ने फिर बंद कर दिया है। जिस किसी ने भी यह किया है वह अब सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाबदेह है।’

बाद मेंहेगड़े ने कहा कि वार्ताकार प्रदर्शनकारियों के काफी निकट थे और वे विशेषकर सुरक्षा को लेकर ‘उनकी घबराहटदर्द और डर को अच्छी तरह समझ’ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में जो सड़क बाधित नहीं की थीउसे एक ओर से खोलने को लेकर पहले कदम के तौर पर चर्चा की गई। प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि जिस ओर प्रदर्शन नहीं हो रहावहां अवरोधक शुरुआत में उन्होंने नहींबल्कि दिल्ली पुलिस ने लगाए थे। हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों को लगा कि जिस जगह प्रदर्शन नहीं हो रहे उस सड़क को बंद रखने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगीखासकर उन पर पहले हुई गोलीबारी की कोशिश की घटनाओं के मद्देनजर उन्हें ऐसा लगता है।’

हेगड़े ने कहा, ‘हम पुलिस द्वारा नोएडा-फरीदाबाद सड़क खोले जाने से सुबह बहुत खुश थे। इससे फरीदाबाद के यात्रियों को काफी राहत मिली। हालांकि हमें सूचित किया गया कि कुछ ही देर बाद पुलिस ने किसी स्पष्ट कारण के बिना सड़क पर फिर अवरोधक लगा दिए। यह हमारे लिए काफी निराशाजनक है और हम इस बात पर जोर देते हैं कि सड़कों पर फिर अवरोधक लगाने से पुलिस की ओर से विश्वास जीतने की कोशिश विफल हो जाएगी।’

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग़ में 15 दिसंबर से लगातार प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के चलते बंद रास्ता खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो वार्ताकारों संजय हेगड़ेसाधना रामचंद्रन और बातचीत में सहायता के लिए वजाहत हबीबुल्लाह समेत अन्य को नियुक्त किया है दोनों वार्ताकार आंदोलनकारियों से बुधवार से लगातार रोजाना बातचीत कर रहे हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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