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यूपी: किसानों ने ट्यूबवेल पर मीटर लगाने का किया विरोध, बड़े आंदोलन की तैयारी

योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्राइवेट ट्यूबवेलों के लिए मुफ़्त बिजली देने का वादा किया था।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। विकिमीडिया कॉमन्स

लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (यूपी) के अधिकांश जिलों में बाढ़ के बाद फसल बर्बाद होने से परेशान किसानों ने, "मुफ़्त ट्यूबवेलों के लिए मुफ़्त बिजली" के वादे को पूरा नहीं करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की योजना बनाई है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्राइवेट ट्यूबवेलों के लिए मुफ़्त बिजली देने का वादा किया था।

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) समेत कई किसान संगठन, ट्यूबवेलों से बिजली मीटरों को तत्काल हटाने और 'मनमाने' बिजली बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर गन्ना बेल्ट के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर राज्य भर में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने की धमकी दी है।

किसानों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि किसानों की सहमति के बिना ट्यूबवेल पर बिजली मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान पूरे राज्य में आंदोलन शुरू करेंगे और किसी भी संघर्ष के लिए प्रशासन पूरी तरह से ज़िम्मेदार होगा।मीटर लगाने को लेकर कथित तौर पर बिजनौर में किसान, जिला प्रशासन से भिड़ गए। हालांकि, अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे को सरकार तक पहुंचाने का 'आश्वासन' दिए जाने के बाद उन्होंने विरोध बंद कर दिया।

किसानों के अनुसार, वे 185 रुपये प्रति हॉर्स पावर की दर से बिजली का भुगतान करते हैं जबकि हरियाणा महज़ 35 रुपये का शुल्क लेता है; जबकि, पंजाब में यह मुफ़्त है। वे मुफ़्त बिजली नहीं चाहते लेकिन उन्हें डर है कि ट्यूबवेल पर बिजली मीटर उन्हें बर्बाद कर देंगे।

किसान नेता सुखदीप तोमर ने न्यूज़क्लिक को बताया, "गांवों में बिजली की आपूर्ति अनियमित है। मीटर लगने से बिजली का बिल बढ़ जाएगा। हमने अधिकारियों से कहा है कि कोई भी किसान अपने ट्यूबवेल पर मीटर लगाने की अनुमति नहीं देगा।"

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने मई 2022 में मीटर लगाना शुरू किया और इस साल अगस्त तक सभी ट्यूबवेलों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, किसानों के विरोध के कारण यह प्रक्रिया धीमी ज़रूर हो गई।

ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं जब किसानों ने मीटर लगा रहे यूपीपीसीएल कर्मचारियों को बंधक बना लिया और ट्यूबवेलों से मीटर उखाड़ दिया। पिछले जून में, मीटर लगाने का विरोध करने के लिए विभिन्न जिलों के सैकड़ों किसान, बीकेयू के तत्वावधान में मेरठ में PVVNL के मुख्यालय पर एकत्र हुए।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

UP Farmers Oppose Tube Well Meter Installation,Plan Massive Agitation

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