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महिला गिग वर्कर्स ने दीपावली के दिन पूरे भारत में ‘डिजिटल स्ट्राइक’ का आह्वान किया

यूनियन ने बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों सहित देश भर के गिग वर्कर्स से हड़ताल के दौरान अपने फोन बंद करने और 'डिजिटल साइलेंस' रखने का आग्रह किया है।
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फ़ोटो साभार : X

प्लेटफॉर्म और एग्रीगेटर के लिए काम करने वाली महिला गिग वर्कर्स की यूनियन गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन (GIPSWU) ने 31 अक्टूबर को दिवाली के दिन 'डिजिटल स्ट्राइक' करने का आह्वान किया है।

यूनियन ने बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों सहित देश भर के गिग वर्कर्स से हड़ताल के दौरान अपने फोन बंद करने और 'डिजिटल साइलेंस' रखने का आग्रह किया है।

यूनियन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मांगों में प्लेटफॉर्म कंपनियों के कर्मचारियों के रूप में गिग वर्कर्स की मान्यता, सम्मानजनक कार्य स्थितियां, वैधानिक न्यूनतम मजदूरी का कार्यान्वयन, कर्मचारियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र बनाने और एसोसिएशन व सामूहिक सौदेबाजी के लिए श्रमिकों के अधिकारों की मान्यता शामिल है।

GIPSWU ने यह भी मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें श्रम कानूनों के माध्यम से गिग अर्थव्यवस्था में रोजगार को विनियमित करने, ईपीएफ, कर्मचारी पेंशन योजना जैसे सामाजिक सुरक्षा अधिकारों का विस्तार करने और मातृत्व लाभ अधिनियम को इस क्षेत्र में लागू करने के लिए कदम उठाएं।

बेंगलुरु की यूनियन लीडर सेल्वी ने कहा, "वे कहते हैं कि हम जब चाहें काम करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यह झूठ है। हम सभी को यह दिखाने के लिए हड़ताल पर जा रहे हैं कि हमारे लिए हालात कितने बुरे हैं।"

महाराष्ट्र की GIPSWU नेता निशा पंवार ने कहा, "हालांकि दूसरे लोग आतिशबाजी कर रहे हैं और खुशी मना रहे हैं और हम अपने संघर्षों की गूंज के साथ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।"

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जून महीने में अर्बन कंपनी काम करने वाली महिला गिग वर्कर्स ने काम के नए शर्तों को लेकर बेंगलुरु कार्यालय के पास हड़ताल कर दिया था।

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले “सैकड़ों” कर्मचारी गिग और प्लेटफॉर्म सेवा वर्कर्स यूनियन (GIPSWU) का हिस्सा थे, जो इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) से संबद्ध है।

बयान में कहा गया था कि ये विरोध नई कार्य स्थितियों के खिलाफ था जो “भयावह” हैं और “हजारों भागीदारों को गुलामी जैसी परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया है”।

Inc42 ने पाया कि इस मामले के केंद्र में स्टार्टअप का ‘मिशन शक्ति’ है, जिसे पिछले साल इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लॉन्च किया गया था।

विरोध प्रदर्शन करने वाले गिग वर्कर्स ने कहा कि मिशन में न्यूनतम 4.8 रेटिंग के साथ-साथ कार्य असाइनमेंट को स्वचालित करना अनिवार्य है। उन्होंने दावा किया कि स्टार्टअप प्रति माह प्रत्येक कर्मचारी को केवल दो बार कैंसिलेशन की अनुमति देता है और यदि अधिक कैंसिलेशन होते हैं तो उन्हें अपनी नौकरी गंवाने का जोखिम होता है।

कर्मचारियों ने यह भी दावा किया कि इस स्टार्टअप के साथ चर्चा के परिणामस्वरूप कोई कार्रवाई नहीं हुई।

साभार : सबरंग 

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