Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

फ़िलिस्तीनी बच्चों,महिलाओं और नागरिकों के जनसंहार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरीं महिलाएं 

फ़िलिस्‍तीन में विगत 7 अक्टूबर से जारी इज़राइली हमलों में 9000 से भी अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं जिनमें बच्चों व महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। 
Image

“युद्ध रोको शांति की बहाली करो, फ़िलिस्तीन पर इज़राइली हमला बंद करो, फ़िलस्तीन के बच्चों महिलाओं का संहार बंद करो!” जैसे नारों के साथ देश के विभिन्न इलाकों में महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रतिवाद किया। 

प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 3 नवम्बर को देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ साथ झारखंड और बिहार के कई इलाकों में इज़राइल द्वारा फ़िलस्तीन पर हमला-जनसंहार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही फ़िलस्तीनी जनता के साथ मजबूत एकजुटता भी प्रदर्शित की गयी। 

झारखंड की राजधानी रांची व कई अन्य जिलों समेत रामगढ़ के कई ग्रामीण इलाकों में ‘फ़िलस्तीन पर इज़राइली हमले बंद करो, युद्ध रोको शांति बहाल करो’ लिखे विरोध पोस्टरों के साथ ‘युद्ध विरोधी प्रतिवाद अभियान’ चलाया गया। जिसमें काफी संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभायी। 

बिहार में राजधानी पटना के अलावा जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली समेत कई जिला मुख्यालयों पर यह प्रतिवाद अभियान संगठित किया गया।

पटना स्थित बुद्धा स्मृति पार्क परिसर के समक्ष- “फ्री फ़िलस्तीन, फ़िलस्तीन में नस्लभेदी युद्ध रोको, भारत की विदेश नीति को अमेरिका-इज़राइल के हाथों गिरवी रखना बंद करो’ इत्यादि नारे लिखे पोस्टरों का साथ विरोध प्रदर्शित किया गया।                       

अभियान को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि - फ़िलस्तीन में विगत 7 अक्टूबर से जारी इज़राइली हमलों में 9000 से भी अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं जिनमें बच्चों व महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। इज़राइल पर यह भी आरोप लगाया कि वह विश्व मानवीयता के सारे मानकों को तोड़कर अस्पतालों, स्कूलों व राहत शिविरों पर लगातर हमले कर पूरे गाज़ा में घुसकर आतंक बरपा रहा है। जिसका पूरी दुनिया में ज़ोरदार विरोध हो रहा है। 120 देशों के समूह में से कुछ को छोड़कर सारे देश फ़िलस्तीन के साथ खड़े होकर मुखरता के साथ इजराइली हमलों का विरोध कर रहें हैं। लेकिन भारत की सरकार अभी तक न सिर्फ चुप्पी साधे हुए है बल्कि खुद प्रधानमंत्री ने ही इज़राइल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर दुनिया के सामने पूरे हिन्दुस्तान को शर्मशार कर दिया है। इतना ही नहीं, इज़राइल के मुस्लिम विरोधी रुख को भारत में भाजपा व केंद्र की सरकार द्वारा जारी “हिन्दू-मुसलमान” राजनीति से जोड़कर यहां मुस्लिम विरोधी नफ़रत-हिंसा के कृत्य किये जा रहें हैं। 

इस अभियान के माध्यम से यह भी मांग की जा रही है कि - फ़िलस्तीन में नागरिक-मानवाधिकारों पर हमले तत्काल बंद हों, गाज़ा में इज़राइली हमले बंद किये जाएं। साथ ही भारत सरकार से ये मांग की जा रही है कि वह फ़िलस्तीन को लेकर हिन्दुस्तान की चली आ रही पहले की विदेश नीति पर अमल करे। जिसके तहत भारत फ़िलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र मानता रहा है और इज़राइली हमलों का विरोध करता रहा है। 

2 अक्टूबर को बिहार स्थित अरवल में इंसाफ़ मंच, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम व भाकमाले के संयुक्‍त तत्वाधान में “युद्ध विरोधी” विशाल आम सभा की गयी। अरवल स्थित कर्बला  मैदान में क्षेत्र के ख्यात जन नेता शाह चांद के समृति दिवस पर यह आयोजन हुआ।

इसके पूर्व नगर के ब्लॉक परिसर से युद्ध विरोधी मार्च निकाला गया। जिसका नेतृत्व भाकपा माले के राष्‍ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य, अरवल से माले विधायक महानंद, तरारी (भोजपुर) से माले विधायक सुदामा प्रसाद तथा जेएनयू छात्र संघ व आइसा के चर्चित राष्ट्रीय नेता सह पालीगंज के युवा माले विधायक संदीप सौरभ के अलावे INDIA गठबंधन के कई वरिष्ठ नेताओं ने किया।

युद्ध विरोधी सभा” को उक्त सभी नेताओं के अलावे स्थानीय सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी समेत INDIA गठबंधन के घटक दल जनता दल यूनाइटेड, राष्‍ट्रीय जनता दल व कॉंग्रेस इत्यादि के वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया। 

वक्ताओं ने जहां एक स्वर से इज़राइल द्वारा छद्म युद्ध के नाम पर फ़िलस्तीन में किये जा रहे बर्बर जनसंहार का पूरे विश्व जनमत के विरोध को नज़रंदाज़ किये जाने की तीखी भर्त्सना की। वहीँ भारत के प्रधानमंत्री व उनकी सरकार द्वारा इज़राइल के समर्थन में खड़े होने तथा फ़िलस्तीनी जनता के कत्लेआम पर चुप्पी साधने की भी कड़े शब्दों में विरोध-भर्त्सना की।                                                    
भाजपा सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि जब दुनिया के सभी अमन व लोकतंत्र पसंद राष्ट्रों ने विश्व मानवता के हित में खड़े होकर- फ़िलस्तीन पर इजराइली हमले फ़ौरन बंद करने तथा उसके शिकार हो रहे नागरिकों के जीवनरक्षार्थ पानी-बिजली-खाना व चिकित्सा इलाज जैसी बुनियादी मानवीय सहायता को रोके जाने की चरम अमानवीयता के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में प्रस्ताव पारित किया तो भारत की सरकार उसमें “तटस्थ” हो गयी। जिससे पूरी दुनिया के सामने यह देश बुरी तरह से शर्मशार हुआ। इज़राइल के पक्ष में खड़े होकर भाजपा की केंद्र सरकार ने वर्षों पहले से चली आ रही देश की विदेश नीति, जिसमें हमेशा से फिलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देकर इजराइल के युद्धोन्मादी वर्चस्ववाद का खुला विरोध किया जाता रहा है उसे भी धता बताकर इस देश की अमन पसंद गरिमा को तार तार किया है।      

वक्ताओं ने यह भी कहा कि आज फ़िलस्तीन में कोई युद्ध नहीं बल्कि इज़राइल का एकतरफा हमला-जनसंहार जारी है। जिसमें हिन्दुस्तान के लिए सबसे शर्मनाक यह भी है कि वहां जारी बर्बर-अमानवीयता के कांड से भी यहां “हिन्दू-मुसलमान राजनीति” करके 2024 के चुनावी ध्रुवीकरण का घृणित खेल खेला जा रहा है।    

अभियान का नेतृत्व करते हुए ऐपवा की राष्‍ट्रीय महासचिव मीना तिवारी समेत केन्द्रीय नेतृत्व की सरोज चौबे व शशि यादव इत्यादि ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

जहानाबाद समेत कई स्थानों पर विरोध मार्च निकालकर सभा की गयी। उक्त अभियान के माध्यम से ऐपवा ने आम जनमानस से इज़राइल द्वारा फ़िलस्तीनी जनता के नस्लीय जनसंहार के खिलाफ खड़े होने की अपील की।                                                                                              

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest