बंगाल: DYFI और SFI ने अनीस हत्याकांड को लेकर किया प्रदर्शन, उमड़ा जनसैलाब
मंगलवार 20 सितंबर को वामपंथी पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा इकाई ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (DYFI) और छात्र ‘संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (SFI) ने संयुक्त रूप से सियालदह, हावड़ा स्टेशन और पार्क स्ट्रीट से जुलूस निकाला और इस दौरान वे ‘‘ अनीस खान (छात्र नेता) को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। साथ ही रोजगार और उचित शिक्षा की मांग कर रहे थे। यह जुलूस एस्पलेनेड आकर रैली में तब्दील हो गया।
इस रैली को इंसाफ रैली का नाम दिया गया था। रैली में राज्यभर से हजारों की तादाद मे छात्र और नौजवान जुटे। हाल के समय बंगाल में यह वाम फ्रंट या कहें तो विपक्ष के सबसे बड़े जमावड़े में से एक था। इंसाफ सभा में लोग तृणमूल कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार, रोजगार की मांग, शिक्षा की मांग, अनीस खान की हत्यारों को कड़ी सजा की मांग को लेकर जुटे थे। बंगाल में ममता शासन में वाम कार्यकर्ताओं पर हमले लगातार बढ़े है और ये घटना भी उसी का विस्तार है। जहां एक युवा वाम कार्यकर्ता की हत्या का आरोप वहाँ की स्थनीय पुलिस पर है।
इस सभा को सलेम खान (अनीस खान के पिता), माकपा राज्य महासचिव मोहम्मद सलीम, मीनाक्षी मुखर्जी, सृजन भट्टाचार्य, प्रतिकुर रहमान, मयूख विश्वास, हिमाघनाराज भट्टाचार्य ने संबोधित किया।
अनीस का क्या है पूरा मामला?
अनीस खान वाम छात्र संगठन एसएफआई के नेता थे। पिछली 18 फरवरी को हावड़ा के अमाता स्थित अनीस खान के घर पहुंचे पुलिस की वर्दी में चार लोगों ने उन्हें कथित तौर पर तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है। घटना के बाद लंबे समय से राज्यभर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्र संगठनों की ओर से आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। ममता बनर्जी सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है लेकिन अनीस का परिवार सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा हुआ है।
परिवार पर हमले लगातार जारी!
इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर सवाल उठे हैं। यहाँ तक की ममता सरकार ने खुद भी कोर्ट में स्वीकार किया था कि पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। लेकिन आज तक इस मामले मे कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि परिवार ने आरोप लगाया है कि सुबूत मिटाने के लिए उन पर हमला किया गया। परिवार की ओर से अमाता थाने में सुरक्षा की कमी को लेकर लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। फिर भी उनके परिवार पर हमलों का सिलसिला जारी है।
बीते दिनों अनीस के भाई सलमान खान पर अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया था। परिजनों के मुताबिक अनीस के केस को लेकर सलमान हमेशा से एक्टिव थे। इसलिए सलमान को मारने के इरादे से हमला किया गया।
‘‘ बंगाल दलालों, लुटेरों या सांप्रदायिक शक्तियों के लिए नहीं...": सलीम
माकपा के राज्य महासचिव मोहम्मद सलीम ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी करीब एक दशक के बाद फिर से ताकतवर होकर उभर रही है और पश्चिम बंगाल में शांति और न्याय स्थापित करने की लड़ाई छेड़ेगी।
माकपा की युवा और छात्र इकाई द्वारा आयोजित रैली को संबोधित करते हुए सलीम ने अगले साल राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए युद्धस्तर पर तैयारी करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ 10-11 साल खोल में रहना बहुत होता है, नयी पीढ़ी जग रही है और बंधनों से मुक्त होना चाहती है।’’
गौरतलब है कि माकपा नीत वाम मोर्चे को वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस से हार मिली थी। वाम दल लगातार 34 साल से बंगाल पर शासन कर रहे थे।
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि पार्टी संगठित तौर पर कानून के दायरे में रहकर लड़ाई लड़ेगी।
सलीम ने दावा किया कि पंचायत क्षेत्र में रह रहे लोगों की शिकायतों के लिए माकपा द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन को अपार सफलता मिली है।
उन्होंने कहा,‘‘हम और कंप्यूटर खरीद रहे हैं और अतिरिक्त स्वयंसेवकों को शिकायत पंजीकृत करने के लिए संलग्न कर रहे हैं।’’
सलीम ने मंगलवार को ‘इंसाफ रैली’ में शामिल होने वालों से अपील की कि जब वे अपने-अपने इलाकों में लौटे तो इस हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार करें।
उन्होंने कहा कि पार्टी हिंसा के खिलाफ शांति के लिए, न्याय के लिए, रोजगार के लिए और शिक्षा व्यवस्था बचाने के लिए लड़ रही।
सलीम ने कहा, ‘‘ बंगाल दलालों, लुटेरों या सांप्रदायिक शक्तियों के लिए नहीं है बल्कि यह अन्याय के खिलाफ लड़ाई की भूमि है।’’
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार हवाई अड्डा से लेकर डाकघर तक देश की संपत्तियों को बेच रही है।
उन्होंने कहा,‘‘यह वह नहीं है जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया है। न ही ममता बनर्जी को इसलिए मुख्यमंत्री बनाया, जो कार्य वह कर रही हैं।’’ सलीम ने ममता बनर्जी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से साठगांठ करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस कुछ नहीं बल्कि स्वीमिंगपुल में कूदने के लिए बने मंच की तरह है, जिसने आरएसएस को राज्य में आधार जमाने का मौका दिया।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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