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'तुम हारी नहीं हो, तुम हमारी हीरो हो': विनेश फोगाट के साथ नारीवादी एकजुटता का पत्र

पत्र का समर्थन करने वाली 100 से ज्यादा महिलाओं ने फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के पीछे की परिस्थितियों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा न होता तो वह कम से कम रजत पदक जीत सकती थीं।
Vinesh Phogat

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई किए जाने के बाद देशभर में रोष व दुख का माहौल है। हर कोई डिस्क्वालिफाई किए जाने के कारणों में जवाबदेही की मांग कर रहा है। इस बीच विभिन्न क्षेत्रों और संगठनों से जुड़ी 113 महिलाओं के एक समूह ने ओलंपिक में एक महत्वपूर्ण खेल से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश फोगाट के साथ ‘नारीवादी एकजुटता’ व्यक्त करते हुए एक पत्र का समर्थन किया, जिसमें कहा गया कि “कहां और किसने गलती की है” इसकी “जांच होनी चाहिए”।

हिंदी और अंग्रेजी में जारी किए गए इस पत्र की शुरुआत में कहा गया, “बधाई हो!! तुम हारी नहीं हो। तुम हमारी हीरो हो और रहोगी।”
 
इसमें आगे लिखा था: "कल पेरिस में तुमने दिखा दिया कि तुम सच में क्या हो। तुम्हारा हुनर ​​बेजोड़ है और ऐसी कोई ऊंचाई नहीं है जिसे तुम छू न सको।"
 
फोगाट को जो कुछ हुआ उससे निराश न होने के लिए कहते हुए, पत्र में कहा गया है, "हम समझते हैं कि अपने वजन का ध्यान रखना तुम्हारी जिम्मेदारी नहीं थी", इस बात की जांच होनी चाहिए कि इसमें गलती कहां और किससे हुई है। हम तुम्हें अयोग्य घोषित किए जाने के लिए अपना विरोध व्यक्त करते हैं और यह कहना चाहते हैं कि तुम इस वक्त बिल्कुल दुखी मत होना।  

फोगाट ने मंगलवार (6 अगस्त) को पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन कल सुबह उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनका वजन 50 किलोग्राम से अधिक पाया गया।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "रात भर टीम द्वारा किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था।"
 
द हिंदू के अनुसार, जिसमें मुख्य कोच वीरेंद्र दहिया का हवाला दिया गया है, फोगाट का वजन 50 किलोग्राम से ठीक 100 ग्राम अधिक था।

भारतीय कुश्ती महासंघ ने वैश्विक कुश्ती शासी निकाय यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) से अपील की है कि वह फोगाट की अयोग्यता पर पुनर्विचार करे, और IOA ने UWW के समक्ष अपना “कड़ा विरोध” दर्ज कराया है।
 
फोगाट को लिखे गए खुले पत्र, में कहा गया है, "जब तुम पेरिस से वापस आओगी, तो हम सब एक बार फिर जंतर-मंतर पर मिलेंगे और तुम्हारी सफलता का जश्न मनाएंगे।" साथ ही, उन्होंने आगे कहा: "पदक जीतना या न जीतना जीत का पैमाना नहीं है। सफलता और जीत का पैमाना आपका दृढ़ संकल्प और साहस है।"

अगर उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जाता, तो फोगाट को ओलंपिक स्पर्धा में कम से कम रजत पदक मिलना तय था और फाइनल में उनका मुकाबला अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से होना था। उन्होंने इससे पहले जापान की युई सुसाकी को 3-2 से हराया था।
 
पिछले साल फोगाट भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे थीं, जिन पर कई पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है और जिनके खिलाफ मई में एक अदालत ने आरोप तय करने का आदेश दिया था। विरोध प्रदर्शनों के दौरान और उसके बाद, फोगाट को एक भयंकर नफरती अभियान का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके लिए जान की क्षति की धमकियाँ भी शामिल थीं। सिंह और कई अन्य लोगों ने उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाए। सिंह ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है।

विनेश फोगाट का कुश्ती से संन्यास

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा- "मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।"
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डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की

विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की।

7 अगस्त को विनेश का वजन उनकी तय कैटेगरी 50kg से 100 ग्राम ज्यादा निकला। इसके बाद ओलिंपिक एसोसिएशन ने उन्हें फ्रीस्टाइल महिला कुश्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।

ओलिंपिक से बाहर होने के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोच वीरेंद्र दाहिया उनसे मिलने पहुंचे तो विनेश ने उनसे कहा- 'किस्मत खराब थी कि हम मेडल से चूक गए, लेकिन यह खेल का हिस्सा है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा से कहा था कि वे रेसलर की मदद के तरीके तलाशें। PM ने उषा से इस मामले में विरोध दर्ज कराने को भी कहा था।

पत्र यहां पढ़ा जा सकता है:

साभार : सबरंग 

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