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दिल्ली के युवाओं की मांग–‘नौकरी दो या बेरोज़गारी भत्ता दो’, 28 को प्रदर्शन

शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को DYFI के बैनर तले दिल्ली के उप राज्यपाल के निवास पर प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। 
youth

दिल्ली: शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को “नौकरी दो या बेरोजगारी भत्ता दो” के नारे के साथ सैकड़ों की संख्या में दिल्ली के युवा भारत की जनवादी नौजवान सभा (DYFI) के बैनर तले उप-राज्यपाल (LG) निवास पर प्रदर्शन करेंगे।

DYFI दिल्ली राज्य कमेटी की ओर से ज़ारी बयान के अनुसार दिल्ली के विभिन्न सरकारी विभागों और MCD में (50 प्रतिशत) खाली पड़े लाखों पदों पर तुरंत भर्ती, सभी बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने, शहरी रोजगार गारंटी योजना कानून बनाने, नशे के कारोबार पर रोक लगाने और सरकारी स्कूलों के मर्जर को बंद करने की मांग को लेकर डी.वाई.एफ.आई. दिल्ली राज्य कमेटी 28 सितम्बर 2024 को उप-राज्यपाल आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

DYFI के राज्य अध्यक्ष रिक्ता कृष्णस्वामी और राज्य सचिव अमन सैनी ने जारी बयान में कहा कि दिल्ली दिल वालों की जगह बेरोजगारों की दिल्ली बन गई है। इसके लिए दिल्ली सरकार मतलब उप राज्यपाल जिम्मेवार हैं। मोदी सरकार की तरह भाजपा समर्थित उप राज्यपाल द्वारा युवा विरोधी और रोजगार विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। जिसके चलते आज दिल्ली के सरकारी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत 20 लाख शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। इससे कहीं गुना ज्यादा बेरोजगारों ने पंजीकरण भी नहीं करवाया हुआ है।

दिल्ली में सरकारी विभागों में 50% से ज्यादा पद खाली हैं जो कि लगभग डेढ़ लाख के आसपास होंगे। हमारे संगठन द्वारा लगाई गई RTI और समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना इकट्ठा की गई है। दिल्ली के अंदर 20 हजार शिक्षकों और गैर शिक्षकों, अस्पतालों में 2000 से ज्यादा डॉक्टर और हजारों की संख्या में नर्स और पैरामेडिकल मेडिकल स्टाफ, सेवा शाखा ग्रेड II और III में 2860 पद, LDC में 1331 पद, तकनीकी शिक्षा में 1800, परिवहन विभाग में 1228 पद, महिला बाल विकास विभाग में 1000, PWD में 1300 पद, दिल्ली जल बोर्ड सहित सरकारी विभागों में और एमसीडी में हजारों की संख्या में नौकरियां है, और जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है उसके मुताबिक कई गुना कर्मचारियों की जरूरत है। 

उप राज्यपाल द्वारा खाली पड़े हुए पदों को भरने करने की बजाय मार्शल और सिविल डिफेंस में लगे युवाओं को नौकरी से निकालने का काम किया है। सरकारी विभागों में ठेकेदारी और निजीकरण का बोलबाला है। सरकार युवाओं के रोजगार देना चाहती है तो पहले सरकारी विभागों में खाली पड़े हुए पदों पर जल्द भर्ती की जाए, और निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा को बंद करे।

12 सितंबर 2021 को DYFI ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन करते हुए मांग की थी कि सभी बेरोजगारों को 5000 रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की थी, जिसके दबाव में दिल्ली सरकार ने 22 अप्रैल 2022 में घोषणा भी कर दी। लेकिन जमीन पर यानी वास्तव में दिल्ली के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा। साथ ही इसको स्नातक और स्नातकोत्तर तक सीमित कर दिया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से हमारी सरकार से मांग है कि बिना शर्त, सभी बेरोजगार युवाओं के लिए मासिक भत्ते को तुरंत लागू करे।

इन मुद्दों को लेकर दिल्ली के विभिन्न जिलों के लोकल एरिया में युवाओं की बैठक की जा रही है, पर्चा वितरण किया जा रहा है, और साथ में आंदोलन के लिए आर्थिक मदद के लिए चंदा का अभियान भी चलाया हुआ है। नौकरी और बेरोजगारी भत्ते के अधिकार को लेकर शहीद ए आजम भगत सिंह के दिखाए गए संघर्ष के रास्ते चलते हुए 28 सितंबर को उप राज्यपाल कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा और दिल्ली सरकार (उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री) को मांग पत्र दिया जाएगा।

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