बाढ़ की आशंका से गज़ा का स्वास्थ्य संकट बढ़ा
डेर अल-बलाह में आश्रय स्थल के बाहर बारिश में भोजन के लिए कतार में खड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी (फोटो: UNRWA)
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य और स्वच्छता नेटवर्क, आने वाले महीनों में गज़ा पट्टी में संभावित बाढ़ से पैदा होने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर लगातार चिंता जता रहा है। इजरायली हमलों के कारण कई लोग संभावित बाढ़ वाले हॉटस्पॉट के पास के इलाकों में चले गए हैं, और बड़े पैमाने पर हमलों/विनाश के कारण इन उच्च जोखिम वाले इलाकों की संख्या में वृद्धि हुई है। ग्लोबल वाश क्लस्टर के अनुसार, वर्तमान में गज़ा की लगभग आधी स्वास्थ्य सुविधाएं बाढ़ के जोखिम वाले इलाकों में मौजूद हैं।
नेटवर्क ने चेतावनी दी कि, तत्काल युद्ध विराम और बिना ध्वस्त इलाकों के पुनर्निर्माण के, इन इलाकों में निश्चित रूप से जलजनित और वेक्टर जनित बीमारियां फैलेंगी, साथ ही सांप के काटने का खतरा बढ़ेगा और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति खराब होगी।
इन सब के बीच, इज़राइल मानवीय सहायता पहुंचने में भी लगातार बाधा डाल रहा है, जो कम से कम आंशिक रूप से इन सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं को कम करने में मदद कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एजेंसियों ने, अगस्त 2024 को जनवरी के बाद से गज़ा में मानवीय प्रयासों के मामले में सबसे खराब महीना घोषित किया है, जिसमें 46 फीसदी तय मिशनों में देरी हुई या इज़राइली ऑक्यूपेशन फोर्सेज (IOF) ने उन्हें रोक दिया। उदाहरण के लिए, अगस्त के अंत में, 10,000 टीकों, 58 पैलेट दवाओं और 24,000 लीटर ईंधन की खेप को रोक दिया गया क्योंकि इज़राइली ऑक्यूपेशन फोर्सेज (IOF) ने हेल्थ वर्कर्स और वाहनों को रोक दिया, जबकि देरी का कारण एक टूटे हुए चेकपॉइंट गेट को बताया गया है।
इन अवरोधों की वजह से गज़ा की पहले से ही खराब स्वास्थ्य स्थिति और खराब हो रही है। बचे हुए कुछ अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र आवश्यक दवाइयों, आपूर्ति, रक्त और यहां तक कि जनरेटर को चालू रखने के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की कमी से जूझ रहे हैं। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी के अनुसार, तत्काल आपूर्ति के बिना, सभी अस्पताल जनरेटर अक्टूबर की शुरुआत तक काम करना बंद कर सकते हैं।
अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता भी कम है, सभी अस्पतालों में प्रसूति और गहन देखभाल इकाइयों यानी आईसीयू सहित केवल 1,501 बिस्तर उपलब्ध हैं। अतिरिक्त 600 बिस्तर फील्ड सुविधाओं में उपलब्ध हैं, जो कुछ राहत प्रदान करते हैं लेकिन पूरी तरह कार्यात्मक अस्पताल प्रणाली की क्षमता से मेल नहीं खा सकते हैं। फील्ड इकाइयों का समन्वय करने वाले कुछ संगठनों ने कहा कि वे इजरायली अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और चल रही सुरक्षा चिंताओं के कारण इन-पेशेंट क्षमताओं का विस्तार नहीं कर सकते हैं, इसलिए स्थिति में सुधार होने तक आउटपेशेंट परामर्श सुविधा देने का विकल्प चुना है।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) का अनुमान है कि इजराइली हमलों के मद्देनजर कम से कम 4,000 लोगों को पहले से ही पुनर्निर्माण सर्जरी और पुनर्वास की आवश्यकता है। हालांकि, इजराइली अधिकारियों द्वारा चिकित्सा निकासी पर गंभीर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिससे मरीज जॉर्डन जैसे आस-पास के देशों में उपलब्ध चिकित्सा के लिए पहुंच नहीं पा रहे हैं। जिन लोगों को अंततः निकाला भी जाता है, उनमें तीव्र तनाव के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें पिछले साल 7 अक्टूबर से उनके द्वारा झेले गए आघात से निपटने में कठिनाई और फ्लैशबैक शामिल हैं।
"यह कोई सामान्य आघात नहीं है। यह एक बहुत बड़ी, पीड़ादायक आपदा है, और मनोवैज्ञानिक रूप से उनका दिमाग इस तनाव को झेलने में असमर्थ है," मनोचिकित्सक अहमद महमूद अल सलेम, जो अम्मान में चिकित्सा विस्थापितों का इलाज करते हैं, ने एमएसएफ के साथ बातचीत में उक्त बातें बताई।
गज़ा में अभी भी मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच इसी तरह का आघात मौजूद है। नासेर अस्पताल के निदेशक अतेफ मोहम्मद अल-हौत ने मेडिकल एड फॉर फ़िलिस्तीनियों (एमएपी) को इस मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक आघात के बारे में बताया। अल-हौत ने बताया कि उनके अस्पताल की मेडिकल टीम को इज़राइली सेना ने गिरफ़्तार किया, उन्हे बांध कर रखा गया, और उन्हे नंगा कर फ़र्श पर छोड़ दिया गया। "यह मेरे जीवन का सबसे कठिन क्षण था। मैंने इसे अपनी आंखों से देखा और अभी भी इसे अनदेखा नहीं कर सकता हूं।"
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साभार: पीपल्स डिस्पैच
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