नासा-इसरो संयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर कर रहे काम
नासा और इसरो संयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अधिकारियों ने कहा है कि ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार’ (निसार) कुछ परीक्षणों के पश्चात 2024 के पहले तिमाही में प्रक्षेपण के लिए तैयार है।
#WATCH | Bengaluru: On NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar Mission (NISAR), Laurie Leshin, Director, Jet Propulsion Laboratory, NASA, says, "...We are so excited to work on NISAR... It is a radar machine to look at the surface of the earth and how it is changing. In India, they… pic.twitter.com/S0IKj7y0ek
— ANI (@ANI) November 14, 2023
नासा निसार के परियोजना प्रबंधक फिल बरेला ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ इसरो अगले वर्ष की पहली तिमाही का अनुमान लगा रहा है। तो, मेरा मतलब है कि यह तैयार है।’’
उन्हें उम्मीद है कि निसार का प्रक्षेपण ‘‘जनवरी से पहले नहीं हो सकता।’’ यह प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भूस्थैतिक उपग्रह परीक्षण यान मार्क-II के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा।
तीन वर्ष की अवधि वाले इस मिशन का लक्ष्य प्रत्येक 12 दिन में पृथ्वी की संपूर्ण भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वेक्षण करना है।
शेष बचे अहम परीक्षणों के संबंध में बरेला ने कहा, ‘‘कंपन परीक्षण चल रहा है, लेकिन कई परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए बैटरी और ‘सिमुलेशन’ परीक्षण किए जाने हैं।
बरेला ने कहा, ‘‘ .....हम राडार और विभिन्न अंतरिक्षयान इलेक्ट्रॉनिक्स पर परीक्षण करेंगे। अभी काफी सारे परीक्षण बाकी हैं लेकिन जो अहम परीक्षण अभी बाकी है वह है कंपन के संबंध में।’’
‘नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी’ के निदेशक डॉ लॉरी लेशिन ने कहा कि निसार परियोजना पूर्व की किसी भी परियोजना से बेहतर है।
उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालांकि पिछले मिशन के डेटासेट हैं जो एक प्रकार की आधार रेखा हैं लेकिन यह क्षमता का एक नया स्तर है ...।’’
इसरो ने कहा कि निसार ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ वेधशाला है जिसे वह और नासा मिल कर बना रहा है।
निसार 12 दिन में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगा।
निसार में ‘सिंथेटिक अपर्चर रडार इंस्ट्रूमेंट’ (एसएआर), एल-बैंड एसएआर, एस-बैंड एसएआर और एंटीना रिफ्लेक्टर होंगे।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।