नोएडा: मज़दूर नेता पर ‘हमले’ के बाद ग़ुस्से में श्रमिक, कंपनी के बाहर धरना जारी!
ग्रेटर नोएडा स्थित ऑटो मोबाइल कंपनी ‘मानी ताऊ इक्यूपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ में एक बार फिर प्रबंधन और मज़दूर आमने-सामने हैं। 4 जनवरी से मज़दूरों ने कंपनी गेट के बाहर दिन-रात का धरना लगाया हुआ है। ये सभी मज़दूर 'गैर कानूनी' छंटनी के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन का नेतृत्व मज़दूर यूनियन सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन) कर रही है जिसके दिल्ली-एनसीआर के उपाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा पर कथित तौर पर प्रबंधन द्वारा हमला किया गया, जिसके बाद से मज़दूरों का आंदोलन तेज़ हो गया है।
इस घटना के बाद से किसान और मज़दूर संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं। पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मज़दूरों ने कमिश्नर कार्यालय का भी घेराव किया।
4 जनवरी को क्या हुआ?
मज़दूर यूनियन ने अपने बयान में कहा कि "ग्रेटर नोएडा स्थित 'मानी ताऊ इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड' के प्रबंधन के इशारे पर 04जनवरी को भाड़े के गुंडों द्वारा सीटू, गौतम बुद्ध नगर जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा पर कायराना हमला किया गया।”
बयान में आगे कहा गया, "ज्ञात हो कि यह संस्थान इंजीनियरिंग उद्योग के तहत आता है तथा प्रदेश सरकार द्वारा जारी 24जनवरी 1990 की अधिसूचना व संविदा श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम 1970 की धारा-10 का खुला उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से संविदा श्रमिकों से उत्पादन का काम करवाया जा रहा है। इसके ख़िलाफ़ सीटू से जुड़े संस्थान की यूनियन द्वारा श्रम विभाग के समक्ष विवाद प्रस्तुत किया गया है जो कि विचाराधीन है। इस बीच 2 जनवरी 2024 को प्रबंधन ने संस्थान में काम कर रहे 31 संविदा श्रमिकों को बाउन्सरों की मदद से कार्य स्थल से हटा दिया और 3जनवरी 2024 को संस्थान में प्रवेश नहीं करने दिया। प्रबंधन ने इन्हें निकालते समय वरीयता के कानूनी सिद्धांत का खुले तौर पर उल्लंघन किया। साफ़ है प्रबंधन हठधर्मिता दिखाते हुए देश के क़ानून को मानने के लिए तैयार नहीं है।”
नोएडा के सीटू नेता राम सागर ने बताया, "इसी के ख़िलाफ़ 4जनवरी 2024 से संस्थान के गेट पर धरने की शुरुआत हुई। मज़दूर विरोधी कदम के ख़िलाफ़ सीटू की इस फौरी कार्रवाई से बौखलाकर प्रबंधन ने यह हमला करवाया जिसमें स्थानीय पुलिस भी शामिल रही। इस कायराना हमले की खबर मिलते ही मानी ताऊ तथा पास के ही अनमोल बिस्किट्स कंपनी के श्रमिकों ने कंपनी गेट को घेर लिया व जुझारू प्रदर्शन किया जिसे जिला नेतृत्व राम सागर, राम स्वरथ, किसान नेता रूपेश वर्मा समेत सीटू दिल्ली-एनसीआर अध्यक्ष वीरेंद्र गौड़ ने संबोधित किया। पिछले साल भी प्रबंधक के ऐसे ही हमले के ख़िलाफ़ स्थाई व संविदा कर्मियों की एकता ने प्रबंधन को पीछे हटने पर मजबूर किया था।”
राम सागर ने कहा कि "जिस प्रबंधन ने यह सोचा था कि वह कायराना हमले से मज़दूरों के आंदोलन को कुचल सकती है वह जान ले कि इससे आंदोलन झुकने के बजाय और अधिक विस्तृत तथा मजबूत हुआ है।”
सागर ने कहा कि "उक्त मामले में कंपनी ने 31 मज़दूरों को बाहर कर दिया है और उनकी जगह नए मज़दूर रखे गए हैं। यह गैर कानूनी है। जिन मज़दूरों को बाहर किया गया है उन्हें कंपनी ने स्थाई करने का वादा किया था जिनमें से 10 मज़दूर अभी स्थाई होने ही वाले थे।"
सीटू के केंद्रीय नेतृत्व के नेता वीरेंद्र गौड़ ने मज़दूरों को संबोधित किया और कहा कि "यह आंदोलन अब पूरे एनसीआर का आंदोलन है। पूरे एनसीआर के मज़दूर आपके साथ हैं और किसी भी किस्म की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
किसान सभा के नेता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा, "किसान सभा मज़दूरों के हक़ के साथ है। हम मांग करते हैं कि दोषी लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर उन पर कार्रवाई की जाए और जिन मज़दूरों को गैर कानूनी तरीके से काम से बाहर किया गया है, उन्हें पुनः काम पर रखा जाए।"
आपको बता दें, कंपनी यूनियन के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद फिरोज़ का कहना है, "जब तक मज़दूरों को न्याय नहीं मिलता तब तक हड़ताल चलती रहेगी। कंपनी ने गुंडो को मैनेजमेंट में रखा है और यही लोग कंपनी में कार्य कर रहे मज़दूरों के साथ मारपीट करके गए हैं। गंगेश्वर दत्त शर्मा मज़दूरों के बहुत पुराने और लोकप्रिय नेता हैं उनके साथ हुई घटना से पूरे जिले के मज़दूर और किसानों में आक्रोश है।”
इससे पहले हज़ारों मज़दूरों ने जुलूस निकालकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस, सूरजपुर पर एक बड़ा प्रदर्शन किया था।
गंगेश्वर दत्त शर्मा पर हमले की कथित वीडियो भी वायरल हो रही है जिसमें हमलावरों के हाथ में लाठी और डंडे देखे जा सकते हैं। मज़दूर यूनियन के नेताओं का कहना है कि "हमले वाले दिन ही पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी। हमने कुछ पुलिकर्मियों पर इस घटना में उनकी संलिप्तता को लेकर आरोप लगाए थे और उनके सस्पेंशन व जांच की मांग की थी परंतु प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके बाद किसानों और मज़दूरों में आक्रोश फैल गया। इसके परिणामस्वरूप शनिवार 6 जनवरी को हज़ारों की संख्या में मज़दूर, किसान व महिलाएं प्रदर्शन में शामिल हुईं।”
हज़ारों की संख्या में मज़दूरों का जुलूस कंपनी से शुरू होकर नारेबाज़ी करते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस, सूरजपुर पहुंचा। इसके बाद वहां एडीसीपी कठेरिया ने प्रदर्शनकारियों की समस्या को सुना और आश्वासन दिया कि दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ प्राथमिक जांच पूरी कर सस्पेंशन की अग्रिम कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित का बयान दर्ज कर अपराधियों के ख़िलाफ़ धाराओं में वृद्धि की जाएगी और इसके आधार पर आगे गुंडा एक्ट अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून जो भी उचित होगा उसको अमल में लाया जाएगा।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने मज़दूरों और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि "यह हमला सिर्फ़ गंगेश्वर दत्त शर्मा पर नहीं है, यह हर उस व्यक्ति के ऊपर हमला है जो अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ता है इसलिए किसान सभा पूरी तरह इस हमले की निंदा करती है और हमले के दोषी लोगों को सज़ा दिलाए बिना किसान सभा चुप नहीं बैठेगी।”
सीटू के राष्ट्रीय सचिव उमेश ने कहा कि "यह मज़दूर और किसान विरोधी सरकार है यदि सरकार होश में नहीं आई तो हम ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा कि "समाजवादी पार्टी, मज़दूर नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा पर हुए हमले का पुरजोर विरोध करती है।"
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), दिल्ली राज्य कमेटी के सचिव केएम तिवारी ने कहा कि "यह घटना गुंडों और मैनेजमेंट के गठजोड़ को उजागर करती है। हमलावरों ने मैनेजमेंट के इशारे पर हमला किया है। वे किराए के गुंडे थे जिन्हें पुलिस का संरक्षण प्राप्त था और कुछ पुलिसकर्मी भी इसमें मिले हुए थे। अब पुलिस दोषी पुलिसकर्मियों को बचाना चाहती है, इसी के ख़िलाफ़ आज का प्रदर्शन है।”
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि "पुलिस प्रशासन ने एक दिन का समय मांगा है। हमें उनकी कार्रवाई करने का इंतज़ार करना चाहिए। यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।”
गंगेश्वर दत्त शर्मा के आवास पहुंची वृंदा करात
गंगेश्वर दत्त शर्मा का हाल-चाल जानने के लिए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलिट ब्यूरो सदस्य वृंदा करात सोमवार को उनके आवास पर पहुंची। घटना और उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद वृंदा करात ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह व जिलाधिकारी मनीष वर्मा से मुलाकात की और उनसे घटना में कथित तौर पर शामिल पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड करने और दोषियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। जिलाधिकारी/पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने करात को शीघ्र जांच पूरी कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद करात कंपनी पर धरना दे रहे कर्मचारियों की बीच पहुंची और उनसे बातचीत की। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि "पुलिस की मौजूदगी में यह हमला गंगेश्वर दत्त शर्मा के ऊपर नहीं है, यह हमला मज़दूर वर्ग के ऊपर है क्योंकि गंगेश्वर दत्त शर्मा पूरी मजबूती के साथ मज़दूरों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में हम और हमारी पार्टी सीपीआई(एम) मज़दूरों के साथ खड़ी है।"
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।