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उदयपुर हत्याकांड : हर किसी ने की निंदा, दोनों आरोपी गिरफ़्तार, शांति बनाए रखने की अपील

अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि यह देश के कानून और हमारे धर्म के ख़िलाफ़ है। हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
udaipur
उदयपुर हत्याकांड के दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में।

राजस्थान के उदयपुर में धर्म के नाम पर एक ग़रीब दर्जी की नृशंस हत्या से पूरा देश दुखी है और हर कोई इस घटना की खुलकर निंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तक, भाजपा नेताओं से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं तक हर किसी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।

अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

सभी ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की है।

आपको बता दें कि राजस्थान में उदयपुर के धानमंडी थानाक्षेत्र में सोमवार को दो व्यक्तियों ने दर्जी कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या कर दी और सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि उन्होंने ‘‘इस्लाम के अपमान’’ का बदला लेने के लिए ऐसा किया।

घटना के बाद रात आठ बजे उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।

मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने मंगलवार शाम उच्चस्तरीय बैठक की और सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।

सरकारी बयान में मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किए जाने, सभी जिलों में आगामी एक माह तक धारा 144 लागू करने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो के मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए, साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

केंद्र उदयपुर में मंगलवार को की गई एक दर्जी की नृशंस हत्या को आतंकवादी हमला मान रहा है और एक जांच दल भेजा गया है जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से यह बात सामने आई है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मामले की गहन जांच करेगा और गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पृष्ठभूमि की पड़ताल करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह एक आतंकी मामला लगता है और इसकी गहन जांच की जरूरत है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगालना शामिल है।

कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है।

घटना से सांप्रदायिक तनाव पैदा होने के बाद उदयपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

वीडियो क्लिप में एक कथित हमलावर को यह कहते सुना जा सकता है कि उसने एक आदमी का सर कलम कर दिया है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी देते हुए कहा कि ‘‘उनका छुरा उन (मोदी) तक भी पहुंचेगा।’’

हमलावरों ने परोक्ष रूप से नुपुर शर्मा का भी जिक्र किया जिन्हें पैगंबर मोहम्मद पर एक टिप्पणी के मामले में भाजपा से निलंबित किया गया था।

दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देने के आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनमें से एक ने खुद की पहचान रियाज अख्तरी के रूप में की।

अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से मिले हैं, जिसकी भारत में भी शाखाएं हैं। दावत-ए-इस्लामी के कुछ सदस्य 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या सहित कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे।

पुलिस के अनुसार आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से पकड़ा गया।

राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें भीम क्षेत्र में नाकेबंदी के दौरान पकड़ लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आरोपियों की पहचान की पुष्टि की है। 10 टीम को आरोपियों की तलाश में लगाया था।’’

टेलर कन्हैया लाल को सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां करने के मामले में स्थानीय पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था। जमानत मिलने के बाद दर्जी ने 15 जून को पुलिस को बताया था कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं।

हत्या की घटना के बाद पुलिस ने शिकायत के समय लापरवाही बरतने के आरोप में एक सहायक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया है।

सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के अनुसार दोनों आरोपी धानमंडी थाना क्षेत्र स्थित टेलर की दुकान पर दोपहर के समय पहुंचे। इनमें से एक ने अपना नाम रियाज बताया है। उसने अपने आप को एक ग्राहक बताया और टेलर ने उसका नाप लेना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने टेलर पर हमला कर दिया, वहीं दूसरे आरोपी ने मोबाइल फोन से घटना का वीडियो बनाया।

वीडियो के अनुसार, जब टेलर नाप लेकर लिख रहा था उस दौरान रियाज ने अचानक धारदार हथियार से उस पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए तथा बाद में एक और वीडियो में उन्होंने अपराध करने की पुष्टि की।

घटना के सामने आने के बाद इसके विरोध में स्थानीय बाजारों में दुकानें बंद कर दी गयीं। दुकानदारों ने पुलिस को कन्हैयालाल का शव ले जाने से रोका और कहा कि हत्यारों की गिरफ्तारी होने तथा मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा के बाद ही वे शव ले जाने देंगे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्विटर पर जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और वीडियो साझा नहीं करने को कहा।

उन्होंने जोधपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। पूरा पुलिस बल पूरी सतर्कता के साथ इस पर काम कर रहा है। हत्या के कारण लोगों में व्याप्त आक्रोश की मैं कल्पना नहीं कर सकता। हम कार्रवाई कर रहे हैं।’’

उदयपुर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने भी कड़ी कार्रवाई का वादा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘नृशंस हत्या हुई है। मोटे तौर पर यह सुनियोजित हत्या लगती है। हम मृतक के परिजनों की मांगों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।’’

इस बीच, एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उदयपुर में युवक की हत्या के दोनों आरोपियों को राजसमंद से गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अनुसंधान केस ऑफिसर स्कीम के तहत किया जाएगा एवं त्वरित अनुसंधान सुनिश्चित कर अपराधियों को न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। मैं पुन: सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।’’

गहलोत ने कहा कि देश में सांप्रदायिक तनाव है और प्रधानमंत्री को जनता को संबोधित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों चिंतित हैं।

घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि वीडियो में देखे गए लोगों ने 17 जून को दर्जी को धमकी दी थी। उन्होंने दावा किया, ‘‘पीड़ित ने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस ने नहीं दी।’’ पूनियां ने कहा कि यह राज्य सरकार की उदासीनता को दिखाता है।

धानमंडी थानाधिकारी गोविंद सिंह ने कहा कि टेलर ने सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले कथित विवादित बयान दिया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि सिंह ने विवादित बयान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती और आतंक फैलाने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उदयपुर में हुई जघन्य हत्या से मैं बेहद स्तब्ध हूं। धर्म के नाम पर बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस कदर हैवानियत से आतंक फैलाने वालों को तुरंत सख़्त सज़ा मिले।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्विटर पर कहा, ‘‘मैं उदयपुर में दुकानदार कन्हैयालाल की दो मुस्लिम युवकों द्वारा की गई भयानक हत्या की निंदा करता हूं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर हत्या का एक भीषण वीडियो पोस्ट किया।’’
थरूर ने कहा, ‘‘कट्टरता और हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है, त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए और की जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हत्यारों को उचित सज़ा मिलनी चाहिए। किसी को भी यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह इस तरह के अपराधों से बच सकते हैं, चाहे कोई भी उकसावे का मामला हो।’’

थरूर ने सोशल मीडिया कंपनियों से वीडियो को हटाने का भी आग्रह किया ताकि हिंसा न भड़के।
तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद ने कहा कि पुलिस को भड़काऊ बात कर रहे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए।

मुसलमान कभी भी भारत में तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे : अजमेर दरगाह दीवान

जयपुर: अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने उदयपुर में एक दर्जी की हत्या किए जाने की घटना की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे।

खान ने एक बयान में कहा ‘‘कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढावा नहीं देता है विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति के स्त्रोत के रूप में कार्य करती है।’’

खान ने कहा कि आरोपी कुछ कट्टरपंथी समूहों का हिस्सा थे जो हिंसा के रास्ते से ही समाधान ढूंढते है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की है। उन्होंने एक बयान में कहा, "जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।’’

मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने इस अवसर पर देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की।

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