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इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में अमेरिकी एक्टिविस्ट को मारी गोली

यह गोली तब मारी गई जब इज़रायली सेना एक इज़रायली सेटलमेंट के खिलाफ़ चल रहे साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन को हिंसक तरीके से दबा रही थी, गोली लगने से अमेरिकी एक्टिविस्ट की मौत हो गई।
american activist
फोटो में नज़र आ रही आयसेनुर एज़गी एयगी को इज़रायली सेना ने गोली मारी (फोटो: वफ़ा)

26 वर्षीय अमेरिकी एक्टिविस्ट आयसेनुर एज़गी ईगी ने, शुक्रवार को नाबलस के दक्षिण में बेइता में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान इज़रायली सेना द्वारा गोली मारे जाने के बाद दम तोड़ दिया। पश्चिमी मुख्यधारा के मीडिया स्रोतों की सुर्खियों ने पहले ही इस खबर को यह कहकर थोड़ा धुंधलाने की कोशिश की थी कि अमीरकी एक्टिविस्ट की हत्या किसने की है, जिसमें सीएनएन ने कहा है कि "फिलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि वेस्ट बैंक में विरोध प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी एक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई," जबकि सीएबीएस न्यूज़ ने लिखा कि, "अमेरिकी महिला आयसेनुर ईगी की इज़रायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हत्या की गई और अमेरिका ने इसकी पुष्टि की है," और बीबीसी ने लिखा है कि, "कब्जे वाले वेस्ट बैंक में अमेरिकी एक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई।"

यह गोली तब दागी गई जब इजरायली सेना इजरायली सेटलमेंट के खिलाफ़ चल रहे एक साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन को हिंसक तरीके से दबा रही थी। इजरायली सेना ने गोला-बारूद, स्टन ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया और छर्रे लगने से एक 18 वर्षीय फिलिस्तीनी युवा भी घायल हो गया था। कथित तौर पर ईगी फ़ज़ा अभियान का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीन में ज़मीन पर अंतरराष्ट्रीय एकजुटता कार्यकर्ताओं को संगठित करना है ताकि फिलिस्तीनी किसानों को इजरायली सेटलर्स और सैन्य बलों से बचाया जा सके। ईगी इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी मूवमेंट की एक एक्टिविस्ट भी थीं, जो फिलिस्तीनी नेतृत्व वाला संगठन है lLe इजरायली कब्जे का विरोध करने वाला एक प्रतिबद्ध संगठन है।

आईएसएम ने कई आईएसएम सदस्यों के हवाले से ईगी की हत्या की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया। आईएसएम की कार्यकर्ता मरियम डाग (एक छद्म नाम) जिसने इसराइली सैनिक को गोली मारते हुए देखा था, कहा कि, "हम सिर्फ फिलिस्तीनियों की मातृभूमि के उपनिवेशीकरण और एव्यातार में अवैध क़ब्ज़े के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। स्थिति तब बिगड़ गई जब इजरायली सेना ने आंसू गैस और गोला-बारूद दागना शुरू कर दिया, जिससे हमें पीछे हटना पड़ा। हम सैनिकों से लगभग 200 मीटर की दूरी पर सड़क पर खड़े थे, छत पर एक स्नाइपर बंदूक ताने दिखाई दे रहा था। हमारा साथी कार्यकर्ता कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जैतून के पेड़ के पास थोड़ी पीछे खड़ी थी। इसके बावजूद, सेना ने जानबूझकर उसके सिर में गोली मार दी।"

दाग ने आगे बताया कि, "यह इजरायली सरकार और सेना का वह उदाहरण है जिसकी आड़ में यह बिना किसी डर और खौफ़ के इस तरह का खूनी आतंक मचा रहे हैं, जिसे अमेरिका और यूरोपीय सरकारें भरपूर समर्थन दे रही हैं, जो गज़ा में नरसंहार को बेरोक टोक जारी रखने में मदद कर रहा है। फिलिस्तीनियों ने उपनिवेशवाद के बोझ तले बहुत लंबे समय तक कष्ट झेले हैं। हम एकजुटता के साथ खड़े रहेंगे और शहीदों का सम्मान करेंगे, तब तक जब तक कि फिलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता।"

फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने "इज़रायली कब्ज़ाधारी सैनिकों द्वारा की गई क्रूर हत्या" की निंदा करते हुए कहा है कि "मंत्रालय इस कृत्य को फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ़ इज़रायली कब्ज़ाधारियों द्वारा किए जा रहे अपराधों के हिस्से के रूप में देखता है, जिसमें नरसंहार, जबरन विस्थापन और फिलिस्तीनी मुद्दे के साथ एकजुटता दिखाने वाले व्यक्तियों को निशाना बनाना शामिल है।"

मंत्रालय ने आहवान किया है कि, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, मानवाधिकार संगठन और वैश्विक संस्थाएं फिलिस्तीनियों को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्काल कार्रवाई करें। मंत्रालय इन संस्थाओं से आग्रह करता है कि वे नरसंहार, जबरन विस्थापन, अवैध बस्तियों और न्यायेतर हत्याओं सहित उल्लंघनों के खिलाफ कानूनी और नैतिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करें और इज़रायली युद्ध अपराधियों को जवाबदेह ठहराएं।"

यह स्पष्ट नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी "गहरी संवेदना" व्यक्त करने के अलावा किस तरह प्रतिक्रिया देगा।  इस साल की शुरुआत में इजरायल ने कई अमेरिकी नागरिकों की हत्या की है, जिसमें दो फिलिस्तीनी-अमेरिकी किशोर, मोहम्मद खदौर और तौफिक अब्देल जब्बार शामिल हैं, दोनों की 17 वर्ष थी, जिन्हें भी इजरायली सेना ने गोली मार दी थी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फिर से उन किशोरों के लिए संवेदना व्यक्त की, "जो कथित तौर पर मारे गए थे", लेकिन जांच की बात के अलावा कुछ नहीं किया।

ब्लिंकन ने उस समय कहा था, "हमने स्पष्ट कर दिया है कि जिन घटनाओं का आपने ज़िक्र किया है, उनके संबंध में जांच होनी चाहिए। हमें तथ्य जानने की ज़रूरत है। और अगर उचित हो, तो जवाबदेही भी होनी चाहिए।"

मृतकों के परिवार अमेरिका की प्रतिक्रिया से असंतुष्ट थे। वेस्ट बैंक में इजरायली सेना द्वारा मारे गए मोहम्मद खदौर के चाचा अदनान खदौर ने कहा कि, "हमें बातचीत की ज़रूरत नहीं है।" "हमें कुछ करना चाहिए। हम कुछ देखना चाहते हैं।" अमेरिका ने कभी भी अमेरिकी नागरिक की हत्या के आधार पर इजरायल को सहायता देने की शर्त नहीं रखी।

ईगी की हत्या, 2003 में इजरायली सैनिकों द्वारा अमेरिकी एक्टिविस्ट राहेल कोरी की की गई हाई प्रोफ़ाइल हत्या के हाई-प्रोफाइल मामले की याद दिलाती है, जिसे राफा में एक फिलिस्तीनी घर को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे एक बुलडोजर ने कुचल दिया था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने उस वक़्त भी इजरायल को दंडित करने के लिए कुछ नहीं किया, जबकि अमेरिकी अधिकारियों ने खुद दावा किया था कि कोरी की मौत की इजरायली जांच "विश्वसनीय" नहीं थी। वास्तव में, अमेरिका खुद भी इस हत्या में शामिल है क्योंकि कोरी को मारने वाले कैटरपिलर बुलडोजर को अमेरिका ने ही इजरायल को दिया था।

फिलिस्तीन एकजुटता आंदोलन में सक्रिय अमेरिका में मौजूद समाजवादी राजनीतिक दल पार्टी फॉर सोशलिज्म एंड लिबरेशन ने ईगी की हत्या के बारे में कहा कि: "यह हत्या, कई अन्य हत्याओं की तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रदान किए गए हथियारों की बदौलत की गई है। हम मांग करते हैं कि बाइडेन प्रशासन इस नरसंहारी शासन को सभी सहायता बंद करे। हज़ारों फिलिस्तीनियों के हत्यारों के साथ-साथ आयसेनुर के हत्यारों को भी न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।"

ाभार: पीपल्स डिस्पैच

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