साल 2050 तक दुनियाभर में एक अरब लोग हो सकते हैं ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ से पीड़ित: शोध
नयी दिल्ली: दुनियाभर में 2050 तक लगभग एक अरब लोग जोड़ों को प्रभावित करने वाली समस्या ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ से पीड़ित हो सकते हैं।
‘द लांसेट रियूमेटोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित नए शोध से यह जानकारी सामने आयी है।
शोध के दौरान 200 से अधिक देशों में 1990 से 2020 तक के ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। शोध में पता चला कि फिलहाल दुनियाभर में 30 साल या उससे अधिक आयु की 15 प्रतिशत आबादी ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ का सामना कर रही है।
शोध में कहा गया है कि 2020 में 59 करोड़ 50 लाख लोगों के ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ से पीड़ित होने का पता चला, यह संख्या 1990 की तुलना में 132 प्रतिशत अधिक है। शोध के अनुसार 1990 में 25 करोड़ 60 लाख लोग इससे प्रभावित थे।
‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ 2021 के तहत अमेरिका के वाशिंगटन में स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के नेतृत्व में यह शोध किया गया है।
शोध में ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ के मामलों में तेजी से वृद्धि के लिए मुख्य रूप से उम्र बढ़ने, जनसंख्या वृद्धि और मोटापे को जिम्मेदार बताया गया है।
आईएचएमई में शोध के संबंधित लेखक और प्रमुख अनुसंधान वैज्ञानिक जेमी स्टीनमेट्ज़ ने कहा, "उम्रदराज होते लोगों और दुनियाभर में बढ़ती आबादी के बीच हमें अधिकांश देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव का अनुमान लगाने की जरूरत है।"
शोध के अनुसार 2050 तक दुनियाभर में लगभग एक अरब लोग जोड़ों को प्रभावित करने वाली समस्या ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ से पीड़ित हो सकते हैं।
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