पायल तड़वी केस: अपराध शाखा को तीनों आरोपी महिला डॉक्टरों से पूछताछ की इजाजत मिली
बंबई हाई कोर्ट ने पायल तड़वी केस में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार तीन महिला डॉक्टरों को अपराध शाखा की हिरासत में देने से इनकार कर दिया। बहरहाल, न्यायालय ने अपराध शाखा को उनसे चार दिनों तक पूछताछ की इजाजत दे दी।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की एकल पीठ ने कहा कि अपराध शाखा तीनों आरोपियों को दिन के वक्त पूछताछ के लिए बायकला जेल से ले जा सकती है। हाई कोर्ट ने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपियों को आज (गुरुवार को) दोपहर दो बजे से शाम छह बजे जबकि शुक्रवार, शनिवार और रविवार को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक के लिए जेल, जहां उन्हें रखा गया है, से पूछताछ के लिए ले जाया जाएगा।’
अपराध शाखा ने इस हफ्ते की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख कर तीनों आरोपी डॉक्टरों - हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल- की हिरासत मांगी थी। स्थानीय बी वाई एल अस्पताल से जुड़ी तीनों आरोपी डॉक्टरों को पिछले हफ्ते अपनी कनिष्ठ सहकर्मी डॉ. पायल तड़वी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एक विशेष अदालत ने पिछले शुक्रवार को तीनों आरोपियों की पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
एनसीएसटी महाराष्ट्र सरकार और बीवाईएल अधिकारियों से मिलेगा
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का पांच सदस्यीय दल पायल तड़वी आत्महत्या कांड के संबंध में शीर्ष सरकारी अधिकारियों और बीवाईएल नायर अस्पताल के प्रबंधन से जुड़े लोगों से मिलने के लिए मुम्बई पहुंचा है।
एक अधिकारी ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अगुवाई वाली यह टीम महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, सचिव (स्वास्थ्य) और मुम्बई के पुलिस आयुक्त समेत प्रशासन एवं पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ आठ जून को बैठक करेगी।
आयोग इस मामले के सिलसिले में नेशनल मेडिकल कॉलेज के प्रबंध निदेशक टी एन टोपीवाला और बीवाईएल नायर अस्पताल के प्रबंधन से जुड़े लोगों से भी मिलेगा।
आयोग ने इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, मुम्बई के पुलिस आयुक्त और बीवाईएल नायर अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस जारी किया था और उनसे दस दिनों में जवाब मांगा था।
टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल के स्त्रीरोग विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्रा 26 वर्षीय तड़वी ने 22 मई को अपने छात्रावास में खुदकुशी कर ली थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि तड़वी के तीन वरिष्ठ साथियों ने उस पर ताना मारा और जातिसूचक अपमानजनक टिप्पणी की क्योंकि वह अनुसूचित जनजाति से थी।
आरोपियों पर अनुसूचित जाति/जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम, रैगिंग निरोधक कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। तड़वी को पिछले साल आरक्षित श्रेणी के तहत इस सरकारी कॉलेज एवं अस्पताल में दाखिला मिला था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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