अमेरिका: नेतन्याहू के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में हैरिस की निंदा के बावजूद तीसरे पक्ष के उम्मीदवार शामिल
क्लाउडिया डे ला क्रूज़ 24 जुलाई को नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं (फोटो @votesocialist24/X)
वाशिंगटन, डीसी की सड़कों पर हज़ारों लोगों के प्रदर्शन के बाद, राष्ट्रपति पद की दावेदार डेमोक्रेटिक पार्टी की पसंदीदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक बयान जारी कर नेतन्याहू के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की है। इस बीच, वामपंथी धारा के तीसरे पक्ष के दो उम्मीदवार सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए।
हैरिस को इस बात का एहसास नहीं था कि कांग्रेस के हॉल में भाषण देने वाले युद्ध अपराधी के विरोध में लोगों की इतनी भीड़ क्यों प्रदर्शन में शामिल हो रही है। इसके बजाय, उन्होंने केवल प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधा, जिन्होंने मार्च माह के अंत में फ़िलिस्तीन में जारी नरसंहार के खिलाफ अमेरिकी झंडे को जला दिया था। उनके बयान में लिखा था कि, "कल, वाशिंगटन, डी.सी. में यूनियन स्टेशन पर हमने देशद्रोही प्रदर्शनकारियों द्वारा घृणित कार्य और खतरनाक घृणा से भरी बयानबाजी देखी।" "मैं क्रूर आतंकवादी संगठन हमास के साथ जुड़ने वाले किसी भी व्यक्ति की निंदा करती हूं, जिसने इज़राइल राज्य को नष्ट करने और यहूदियों को मारने पर उतारू हैं। हमास समर्थक वाल राइटिंग और बयानबाजी घृणित है और हम इसे अपने देश में बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि, "मैं अमेरिकी झंडे को जलाने की निंदा करती हूं। यह झंडा एक राष्ट्र के रूप में हमारे सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है और अमेरिका के वादे का प्रतिनिधित्व करता है। इसे कभी भी इस तरह से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।"
🚨BREAKING — Police brutally attack peaceful demonstrators exercising their first amendment right to protest the speech of genocidal war criminal Benjamin Netanyahu. But we will not let them succeed! The march is continuing — Free Palestine! pic.twitter.com/xN1aJhzzx9
— ANSWER Coalition (@answercoalition) July 24, 2024
मुख्यधारा के मीडिया और हैरिस जैसे प्रमुख राजनेताओं ने अमेरिकी झंडों को जलाने और यूनियन स्टेशन को फ़िलिस्तीन समर्थक संदेश के साथ टैग करने पर निशान साधा। लेकिन इस कथन में उस गंभीर पुलिस दमन का उल्लेख नहीं है जो प्रदर्शनकारियों ने अपने संवैधानिक अधिकारों को इस्तेमाल करने की कोशिश में अनुभव किया। मार्च की शुरुआत में ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संविधान एवेन्यू से नीचे मार्च करने से रोक दिया था। भीड़ ने रास्ता बदलने से इनकार कर दिया, प्रमुख संयोजक संगठन आंस्वर (ANSWER) गठबंधन के नेता ब्रायन बेकर ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि, "हमें संविधान एवेन्यू पर जाने का अधिकार है, इसके खिलाफ कोई नियम नहीं है। परमिट को संविधान का पहला संशोधन कहा जाता है।"
नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों में हैरिस के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं क्लाउडिया डे ला क्रूज़ ने न केवल प्रदर्शनकारियों की तरह नेतन्याहू विरोधी रुख अपनाया: बल्कि वे भी भीड़ के साथ शामिल थीं और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता में खड़ी थीं। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए डे ला क्रूज़ ने प्रदर्शनकारियों की नहीं, बल्कि "नेतन्याहू की कांग्रेस" की निंदा की।
डे ला क्रूज़ ने उन लोगों का भी सम्मान किया, जो पिछले दस महीनों से फ़िलिस्तीन के साथ एकजुटता के संघर्ष में “नरसंहार के दानव” से “मुक्ति के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने को तैयार हो गए हैं।”
उन्होंने कहा कि, "छात्र आंदोलन, मजदूर यूनियनों और जमीनी स्तर पर सभी तरह के संगठनों को एक ही मक़सद के साथ खड़े देखना ऐतिहासिक है। और वह है स्वतंत्रता, फिलिस्तीन की पूर्ण मुक्ति।"
डे ला क्रूज़ ने अपने भाषण में विशेष रूप से हैरिस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि अमेरिकी कांग्रेस, बाइडेन, ब्लिंकन, कमला हैरिस, क्योंकि हम उन्हें इसलिए माफ नहीं करेंगे क्योंकि वह अश्वेत हैं और एक महिला हैं, बल्कि वे आतंकवाद में शामिल हैं।" "हम संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग कहते हैं कि हम मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
ग्रीन पार्टी के टिकट पर हैरिस के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं जिल स्टीन ने कैपिटल के सामने प्रदर्शनकारियों के सामने एक और जोरदार भाषण दिया। उन्होंने हजारों लोगों से कहा, "हम सब मिलकर इस नरसंहार को रोकेंगे।" "अमेरिकी लोग इस नरसंहार को नहीं चाहते हैं। दुनिया के लोग इस नरसंहार को नहीं चाहते हैं। हमारे कैंपस के छात्र इस नरसंहार को नहीं चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी लोग इस नरसंहार को नहीं चाहते हैं।"
पिछले हफ़्ते बाइडेन के औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने और कमला हैरिस का समर्थन करने के बाद, डेमोक्रेट्स ने चुनाव प्रक्रिया के इर्द-गिर्द एक नई ऊर्जा पैदा होने का हवाला दिया। जैसा कि पार्टी महीनों से ज़ो बाइडेन के रूप में एक असफल उम्मीदवार को आगे रखने से उबरने का प्रयास कर रही है, मतदाताओं के लिए यह विश्लेषण करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा कि क्या हैरिस की ठोस नीतियां बाइडेन की नीतियों से मौलिक रूप से भिन्न होंगी। उनके रिकॉर्ड और इन नवीनतम विरोधों पर उनकी प्रतिक्रिया पर एक सरसरी नज़र डालने से 2020 के अभियान के दौरान धनी दाताओं से बाइडेन के शब्दों की याद आती है: जिसमें उन्होने कहा था कि, "कुछ भी मौलिक रूप से नहीं बदलेगा।"
साभार: पीपल्स डिस्पैच
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