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अमेरिका: चुनाव परिणाम को लेकर ट्रंप समर्थकों का हंगामा, चार की मौत और कई घायल

कैपिटल में इलेकटोरल कॉलेज वोटों की गिनती के दौरान जहां अगले राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन के नाम पर मुहर लगनी थी, वहां ट्रम्प समर्थकों ने घुस कर हंगामा मचा दिया। इस दौरान पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प हो गई जिसमें 4 लोगों की मौत की ख़बर सामने आ रही है। नवनिर्वचित राष्ट्रपति बाइडन ने इसे लोकतंत्र पर "अभूतपूर्व हमला’’ क़रार दिया है।
अमेरिका

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक यूएस कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इस झड़प के दौरान एक महिला समेत तीन अन्य लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। वाशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल परिसर में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य बैठते हैं। कैपिटल में कांग्रेस के सदस्य इलेकटोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे जहां राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन के नाम पर मुहर लगनी थी। इस पूरे उपद्रव के चलते यह संवैधानिक प्रक्रिया अब बाधित हो गई है।

गिनती के दौरान कैपिटल के बाहर मौजूद बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज करते हुए कैपिटल इमारत में घुस गए और उपद्रव मचाने लगे। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। ट्रम्प समर्थक यह मानने को तैयार नहीं हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की शिकस्त हुई है। उनका मानना है कि चुनाव में धांधली के कारण जो बाइडेन की जीत हुई है। उपद्रव के कारण प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

समाचार चैनल ‘सीएनएन’ ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता के हवाले से एक खबर में बताया कि एक महिला जिसे कैपिटल के भीतर गोली मारी गई थी उसकी मौत हो गई है। प्रदर्शनकारियों के हमले में कई अधिकारी घायल हुए हैं।

बिगड़ते हालत के बीच मेयर मुरियल बोसरने दोपहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी और 15 दिन की सार्वजनिक आपातकाल का ऐलान भी कर दिया है। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं और हिंसक हो गए।

अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। नैशनल गार्ड्स की तैनाती से भीड़ को तितर-बितर करने में सफलता मिली है।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पोलेसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है।

ट्रंप,जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की है।

ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे,लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा हो। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’’

राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी।

ट्विटर ने चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा।

बाइडेन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘ इस समय हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।’’

उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए,राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’’

कार्यकारी रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने हालांकि कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस,सीनेट के नेता मैककोनेल, स्पीकर पोलेसी और सीनेटर शुमर से ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती को लेकर बात की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं किया।

दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 ‘इलेक्टोरल वोट’ में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे।
प्रतिनिधि सभा के लिए पांच बार चुनी जा चुकीं भारतीय मूल की प्रमील जयपाल ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने ट्वीट में कहा,‘‘मैं डोनाल्ड ट्रंप और उन रिपब्लिकन सांसदों की आलोचना करती हूं, जिन्होंने इस हंगामे को भड़काया। हमारे देश और हमारे लोकतंत्र को इनसे निकलना होगा और यह आसान नहीं है।’’

कई देशों के प्रतिनिधियों ने इस अप्रत्याशित घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा,"लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैर कानूनी प्रदर्शनों से बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।" इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर के अमेरिका में सत्ता के सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण की प्रक्रिया को जारी रखने का आह्वान भी किया है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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