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बीएचयू : दृष्टिबाधित छात्रा से छेड़खानी पर कैंपस में तनाव, छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी

"बीएचयू कैंपस में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। यहां छात्राएं लगातार छेड़खानी की शिकार हो रही हैं, जिनमें से कुछ पारिवारिक वजहों से घटना की लिखित शिकायत नहीं कर पाती हैं। प्रॉक्टोरियल बोर्ड से जुड़े सुरक्षाकर्मी तमाशबीन की भूमिका में हैं।"
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उत्तर प्रदेश का जो शहर ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जिस सूबे में मुख्यमंत्री बनते ही लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘एंटी-रोमियो स्क्वायड’ लाया गया, वहां के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एक के बाद एक छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ रही हैं। हद तो तब हो गई जब 25 जनवरी 2023 को अपराह्न तीन बजे एक दृष्टिबाधित छात्रा के साथ देश के जाने-माने विश्वविद्यालय बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) के पूर्व डीन के बेटे ने न सिर्फ छेड़छाड़ की, बल्कि बीच-बचाव करने वालों के साथ जमकर मारपीट भी की। इस मुद्दे को लेकर पिछले दो दिनों से बीएचयू का माहौल गर्म है। विश्वविद्यालय की छात्राएं दोबारा धरने पर बैठी हैं। आंदोलनकारी स्टूडेंट्स आरोपी के खिलाफ सख़्त एक्शन लेने, उसे दोबारा गिरफ्तार करने और बीएचयू परिसर में सुरक्षा इंतजाम और ज़्यादा सख्त करने की मांग कर रही हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में दृष्टिबाधित छात्रा से छेड़छाड़ मामले में स्टूडेंट्स गुस्से में हैं। बीएचयू के हॉस्टलों में रहने वाले दृष्टिबाधित छात्रों ने 27 जनवरी को पहले चीफ प्रॉक्टर ऑफिस और बाद में कुलपति आवास का घेराव किया। स्टूडेंट्स की डिमांड है कि दृष्टिहीन छात्रा से हुई छेड़छाड़ के आरोपी की फिर से गिरफ्तारी हो। पीड़ित छात्रा स्नातक प्रथम वर्ष में है। बीएचयू के स्टूडेंट्स ने शनिवार को दोपहर बाद कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के आवास पर प्रदर्शन किया तो विश्वविद्यालय के अफसर और पुलिसकर्मी उन्हें समझाने में जुट गए।

प्रोफेसर का बेटा है आरोपी

25 जनवरी 2023 को बीएचयू परिसर में लिफ्ट देने के बहाने असीम राय नाम के एक शख़्स ने दृष्टिबाधित छात्रा के साथ छेड़छाड़ की थी। पीड़िता के शोर मचाने पर वहां मौजूद लोगों ने आरोपी को पकड़कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में छात्रा ने बाकी स्टूडेंट्स के साथ लंका थाने में पहुंचकर आरोपी असीम राय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपी की उम्र करीब 47 साल है और उसके पिता बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। वह बीएचयू में डीन हुआ करते थे। दृष्टिबाधित छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की वारदात की रिपोर्ट इतनी हल्की धाराओं में दर्ज की गई कि पुलिस ने जब आरोपी को कोर्ट में पेश किया तो उसे तत्काल ज़मानत मिल गई।

बीएचयू कैंपस में छेड़खानी के मामले में आरोपी को ज़मानत मिलने से गुस्साए स्टूडेंट्स देर रात वीसी लॉज के बाहर जुटे और 'बीएचयू प्रशासन होश में आओ' के नारे लगाने लगे। छात्रों ने पुलिस प्रशासन का जमकर विरोध किया। नेत्रहीन और बाकी दिव्यांग छात्राएं पूरी रात विश्वविद्यालय में धरने पर बैठी रहीं। छात्रों का कहना है कि छेड़खानी करने वाला एक प्रोफेसर का बेटा है। बिना पीड़िता का बयान लिए ही उसे छोड़ दिया गया। यह नैसर्गिक न्याय नहीं है।

एक दिव्यांग छात्र संतोष ने कहा, "बीएचयू कैंपस में तीन दिन पहले भी एक नेत्रहीन छात्रा के प्राइवेट पार्ट को गलत तरीके से छुआ गया और उसके साथ ज़बरदस्ती की गई। इस मामले में गैर-ज़मानती धाराएं लगनी चाहिए, लेकिन लंका थाना पुलिस ने मुकदमा ही गलत तरीके से दर्ज किया। शुक्रवार की रात पुलिस के कुछ जवान पीड़ित छात्रा का बयान दर्ज करने के बहाने उससे मिलने की ज़िद करते रहे। छात्राओं के कड़े विरोध पर खाकी वर्दीधारियों को बैरंग लौटना पड़ा। बीएचयू के एक प्रोफेसर के बेटे का नाम आने के बाद पुलिस उसे बचाने में जुटी है।"

वीसी आवास के सामने धरने पर बैठी पीड़ित छात्रा ने ‘न्यूज़क्लिक’ से कहा, "विश्वविद्यालय का माहौल सुरक्षित नहीं है। बीएचयू के कई हॉस्टलों में बाहरी लोग रहते हैं। खतरा तो सभी लड़कियों के लिए है, लेकिन दृष्टिबाधित छात्रों को परेशानी ज़्यादा होती है। कैंपस में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम भी नहीं है, जिसके चलते छात्राएं छेड़खानी की शिकार हो रही हैं।"

छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल

बीएचयू में बेटियों की सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। पिछले बीस दिनों में बीएचयू कैंपस में छेड़खानी की चार वारदातें हुईं। यह स्थिति तब है जब विश्वविद्यालय प्रशासन स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर हर साल करीब 30 करोड़ रुपये खर्च करता है। बीएचयू कैंपस में लगातार हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं से छात्राओं में ज़बर्दस्त गुस्सा है। गर्ल्स स्टूडेंट्स भयभीत हैं और वह अपनी सुरक्षा के लिए मुखर होकर आवाज़ उठा रही हैं।

बीएचयू में इस साल छेड़खानी की पहली वारदात 8 जनवरी 2023 को हुई थी। उसके बाद 13 जनवरी को आईआईटी बीएचयू की स्टूडेंट से हैदराबाद गेट के पास मनचलों ने छेड़खानी की। इस मामले की रिपोर्ट चितईपुर थाने में लिखी गई। इन दोनों मामलों के बाद 21 जनवरी 2023 को भी एक छात्रा के साथ छेड़खानी की वारदात हुई। इस घटना के ठीक चार दिन बाद लिफ्ट देने के नाम पर ब्लाइंड स्टूडेंट से छेड़छाड़ हुई जिसके बाद बीएचयू की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

पीड़ित छात्रा का आरोप है कि असीम राय ने उसके साथ छेड़छाड़ की जिसका उसने विरोध किया, तभी मौके पर कई लोग उसे बचाने में जुट गए। इसमें कुछ सुरक्षा गार्ड भी थे। आरोपी ने बीच-बचाव करने वालों के साथ भी मारपीट की। भीड़ जुटने पर लोगों ने आरोपी को पकड़कर लंका थाने के हवाले कर दिया।

बीएचयू कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं से आक्रोशित स्टूडेंट्स ने शनिवार को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के आवास पर दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आंदोलनकारी स्टूडेंट्स का नेतृत्व दृष्टिबाधित छात्र कर रहे हैं। संस्कृत में पीएचडी कर रहीं सोनिया ने न्यूज़क्लिक से बताया, "बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में गर्ल्स स्टूडेंट की सुरक्षा के लिहाज़ से माहौल ठीक नहीं है। कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसी छोटी वारदातों के बाद लड़कियां शिकायत भी नहीं करती हैं।"

भगत सिंह छात्र मोर्चा से जुड़ी बीएचयू की छात्रा आकांक्षा आज़ाद ने न्यूज़क्लिक से कहा, "बीएचयू कैंपस में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। यहां छात्राएं लगातार छेड़खानी की शिकार हो रही हैं, जिनमें से कुछ पारिवारिक वजहों से घटना की लिखित शिकायत नहीं कर पाती हैं। प्रॉक्टोरियल बोर्ड से जुड़े सुरक्षाकर्मी तमाशबीन की भूमिका में हैं। जब छात्राएं शिकायत करती हैं, तब उल्टे उन्हें ही डांटा जाता है कि तुम वहां गई ही क्यों थीं? कई बार लड़के हॉस्टल के सामने आकर अपशब्द बोलते हैं, कभी पत्थर फेंकते है, गंदी गंदी हरकतें करते हैं, जो बेहद शर्मनाक है।"

सुरक्षा के पुख़्ता प्रबंध नहीं

बीएचयू में कुलपति आवास पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं की मांग है कि वीसी वहां पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें। साथ ही छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह का इस्तीफा भी मांगा है। इन छात्राओं का कहना था कि छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं के चलते कुछ छात्राओं ने सिर्फ इसलिए अपना हुलिया बदल लिया है ताकि छेड़छाड़ न हो सके। छात्राओं ने कैंपस में सुरक्षा को लेकर पुख़्ता इंतज़ाम की मांग की है।

धरना-प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि उनके हॉस्टल तक आने-जाने का रास्ता सुरक्षित नहीं है, वहां अक्सर अभद्रता और बदतमीज़ी की घटनाएं होती हैं। बाहरी देशों से आईं छात्राएं भी अक्सर छेड़खानी का शिकार हो जाती हैं। कैंपस में बार-बार छेड़खानी की शिकायत आने पर जब ‘न्यूज़क्लिक’ ने चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह से बात की तब उनका कहना था, "लगातार शिकायत जैसा कोई मामला नहीं है। वह कैंपस में अपने सिक्योरिटी अफसरों से लगातार चेकिंग करा रहे हैं।"

चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु यह भी कहते हैं, "बीएचयू के स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए कैंपस में चौबीस घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। कैंपस की सुरक्षा के नाम पर हर साल करीब-करीब 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। बीएचयू में मौजूदा समय में 780 सुरक्षा कर्मचारी तैनात हैं जो दिन-रात कैंपस में स्टूडेंट्स की सुरक्षा में लगे रहते हैं। सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी क्रमवार लगाई जाती है। कैंपस के कुछ चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जिनके रख-रखाव पर अलग से धन खर्च किया जाता है।"

आपकों बता दें छेड़खानी की वारदातों के चलते साल 2017 में बीएचयू में बड़ा बवाल हुआ था। एक छात्रा से छेड़छाड़ के बाद विश्वविद्यालय की छात्राएं सिंह द्वार (बीएचयू का मेन गेट) पर धरने पर बैठ गई थीं। 23 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दौरे पर आए तो छात्राओं के भारी विरोध के चलते बीएलडब्ल्यू से दुर्गाकुंड जाते समय उनके काफिले को अपना रास्ता भी बदलना पड़ा था। छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के चलते सुरक्षा एजेंसियों ने काफी नाराज़गी जताई थी और स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी। बाद में इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि तत्कालीन कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी को लंबी छुट्टी पर भेजना पड़ा।

ज्ञात हो कि ख़बर लिखे जाने तक छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी है।

(लेखक बनारस के वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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