बनारसः हल्द्वानी में दंगे के बाद ज्ञानवापी में पुलिस के सख़्त पहरे में हुई जुमे की नमाज़
बनारस के ज्ञानवापी परिसर के व्यास के तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा का अधिकार मिलने के बाद दूसरे जुमे की नमाज को लेकर 9 फरवरी को पुलिस अलर्ट मोड में रही। हल्द्वानी की घटना को देखते हुए सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती और बैरिकेडिंग भी लगाया गया था। पिछली मर्तबा की अपेक्षा इस बार शुक्रवार को ना तो मुस्लिम बहुल इलाकों में दुकाने बंद थी और न ही कहीं विरोध के तीखे स्वर सुनाई पड़े। कहीं नारेबाजी भी नहीं हुई। नमाजियों की ज्यादा संख्या होने के बावजूद उन्हें नहीं लौटाया गया। ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाती रही।
पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन के मुताबिक, जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई। नमाज अदा करके निकले लोगों और इंतजाम में लगे मुस्लिम समुदाय लोगों ने बताया कि गंगा जमुना तहजीब की बड़ी मिसाल देखने को मिली। एक तरफ नमाजी नमाज अदा करके निकल रहे थे तो दूसरी तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करके भी लोग लौट रहे थे। इस बार की नमाज के लिए करीब डेढ़ हजार लोग ज्ञानवापी मस्जिद में पहुंचे। किसी भी नमाजी को नहीं रोका गया। मस्जिद परिसर के साथ बारामदे में भी लोगों ने नमाज पढ़ी। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि पिछली बार से कम लोग नमाज के लिए आए और बेहद संजीदा तरीके से सबने नमाज अदा की।
पिछले हफ्ते वाराणसी की जिला जज एके विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार देने के मामले की सुनवाई हुई। शैलेंद्र पाठक की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बैरिकेडिंग हटाकर पूजा पाठ करने का आदेश दे दिया था। पुलिस प्रशासन ने चंद घंटों के भीतर तहखाने में पूजा-पाठ शुरू करा दिया था। इसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रोशित हो उठे। पिछले जुमे के दिन बनारस के मुस्लिम बहुल इलाकों की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। नमाज के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास के इलाकों में नारेबाजी भी हुई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। अबकी ज्ञानवापी मस्जिद में क्षमता से कम नमाजी पहुंचे, जिसके चलते किसी को बैरंग नहीं लौटना पड़ा।
ज्ञानवापी परिसर में मुफ्ती ए बनारस अब्दुल बातिन ने पौने एक बजे नमाज शुरू कराई। करीब पौन घंटे तक नमाज पढ़ी गई। ज्ञानवापी ही नहीं, वाराणसी जिले की 257 अन्य मस्जिदों में भी शांतिपूर्वक नमाज अदा की गई। इस दौरान पुलिस के जवान चौकसी बरतते रहे। पुलिस के आला अफसर के पर मौजूद रहे। मौनी अमावस्या के चलते गोदौलिया इलाके में रोज की अपेक्षा ज्यादा भीड़ भाड़ रही। ज्ञानवापी में शांतिपूर्ण नमाज के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था।
हल्द्वानी में दंगे की घटना के बाद बनारस में चौकसी बढ़ा दी गई है। शरारती तत्वों पर पुलिस की टीमें निगरानी रख रही है। शहर और देहात के मस्जिदों के बाहर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जा रही है। खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हैं। पुलिस की टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में रूट मार्च कर रही हैं। संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है और लोगों को घरों में रहने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की हिदायत दी गई है।
ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ के विरोध में मस्जिद इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एमएम यासीन ने न्यूज़क्लिक से कहा, "ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति से मुसलमानों में रोष है। हम अपनी मस्जिदों को बचाने के लिए अल्लाह से दुआ करेंगे। साल 1993 तक तहखाने में पूजा-पाठ की बात गलत है। वहां कोई पूजा-पाठ नहीं हुई। हम मुसलमानों से शांतिपूर्वक नमाज अदा करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।"
31 जनवरी 2023 को वाराणसी कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति दी थी। वाराणसी डीएम को रिसीवर नियुक्त करके कोर्ट ने 7 दिनों के भीतर पूजा शुरू कराने का निर्देश दिया था। हालांकि जिला प्रशासन ने उसी रात 11 बजे ही पूजा शुरू करवा दी। इससे पहले व्यास तहखाने में 1993 से पूजा पाठ रोक दिया गया था। 31 साल बाद फिर से वहां पूजा हो रही है। कहा जा रहा है कि प्रशासन ने पूजा के लिए व्यास के तहखाने में खंडित मूर्तियां रखवाई हैं।
तहखाने में विग्रहों की पूजा की गई है और भोर में 3:30 बजे मंगला आरती और सुबह भोग आरती हो रही है। जो दर्शनार्थी काशी विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं, वे तहखाने का भी 20-22 फीट दूर से दर्शन कर रहे हैं। तहखाने के एंट्री पर बैरिकेडिंग की गई है। दूसरी तरफ ज्ञानवापी मस्जिद को भी अलग करने के लिए डबल-लेयर स्टील बैरिकेडिंग की गई है। दक्षिणी तहखाने में पूजा करने वाले पुजारियों को जाने के लिए स्टील का गेट बनाकर एक रास्ता तैयार किया गया।
वाराणसी के ज्ञानवापी के बंद तहखानों को खोलने के लिए जिला जज की अदालत में दाखिल याचिका की सुनवाई 15 फरवरी को होगी। पिछली तारीख पर मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली तारीख तय कर दी थी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की पक्षकार राखी सिंह ने भी बंद तहखानों को खोलने की मांग उठाई है।
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