बनारस: 6 दिसंबर को मनाया गया ब्लैक डे, पुलिस ने बरती चौकसी
उत्तर प्रदेश के बनारस में बाबरी मस्जिद के ढांचे के विध्वंस की बरसी पर मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार पूरी तरह बंद रहे। इन इलाकों में 06 दिसंबर को ब्लैक डे मनाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर दालमंडी, सरैया, हड़हा सराय, मदनपुरा और पीलीकोठी इलाकों में पुलिस ने कड़ी चौकसी बरती। कई स्थानों पर काला दिवस मनाने और बाजार बंदी की तख्तियां लगाई गई थीं जिसे पुलिस ने देर रात उतरवा दिया। इसी के साथ संवेदनशील इलाकों में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई। कुछ इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ पुलिस सड़कों पर उतरी। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान मुस्तैद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। 05 दिसंबर रात में दालमंडी, सरैया, हड़हा सराय, मदनपुरा, पीलीकोठी और जैतपुरा इलाके में कई स्थानों पर बाबरी मस्जिद के ढांचे के विध्वंस की बरसी पर 06 दिसंबर को काला दिवस मनाने और बाजार बंद कराने के बाबत कई स्थानों पर तख्तियां लगवाई गई थीं। सूचना मिलते ही पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग (गश्त) करना शुरू कर दिया। साथ ही बाजार बंदी और काला दिवस मनाने के बाबत लगाई गई सभी तख्तियों को पुलिस ने जबरन उतरवा दिया। बनारस में खासतौर पर दालमंडी, बेनियाबाग, नई सड़क, शिवाला गौरीगंज, रेवड़ी तालाब सहित मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हर साल मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी दुकानों को बंद रखकर 06 दिसंबर को काला दिवस मनाते हैं। बुधवार को करीब छह हजार दुकानें पूरी तरह बंद रहीं।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के बाद बड़ा विवाद हुआ था जिसके चलते देश भर में शांति व्यवस्था और भाईचारे पर खतरा मंडराने लगा था। तभी से बनारस में हर साल मुस्लिम बहुल इलाकों में बाबरी विध्वंस की बरसी काला दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस साल भी शहर के तमाम इलाकों में काला दिवस मनाया गया। दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। बंदी का फैसला मंगलवार को दिन में लिया गया था। आज सुबह से ही दालमंडी, सरैया, हड़हा सराय, मदनपुरा, पीलीकोठी, जैतपुरा और बजरडीहा आदि इलाकों में दुकानें बंद रहीं।
पुलिस उन इलाकों में कड़ी चौकसी बरतती रही थी जहां हिन्दू और मुसलमानों की मिश्रित आबादी रहती है। मुख्य रूप से चौक के दालमंडी, नई सड़क और हड़हा सराय में पुलिस काफी चौकस नजर आई। बाजर बंदी की तख्तियां उतरवाने के बाद संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पीएसी का कड़ा पहरा बैठा दिया गया था। चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी इलाके के एक दुकानदार अब्दुल समद ने बताया कि बाबरी विध्वंस की जो घटना हुई वह भारतीय इतिहास के पन्नों में बेशक काले अक्षरों में लिखी जाएगी। इस तारीख को ब्लैक डे मनाते रहेंगे। बजरडीहा के हाजी अशफाक ने कहा कि आखिर कब तक एक दूसरे को हीन भावना से देखेंगे।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाकों को बुधवार को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने छावनी जैसा बना दिया था। मंदिरों और महत्वपूर्ण इमारतों के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। कई स्थानों पर वाहनों को रोक-रोककर उनकी तलाशी ली जा रही थी। गुप्तचर और पुलिस एजेंसियां विशेष रूप से सतर्क रहीं क्योंकि बनारस में चरमपंथी कई बार हमला कर चुके हैं। संकटमोचन मंदिर, डिस्ट्रिक कोर्ट और गंगा घाटों पर बम विस्फोट की घटनाओं में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
(लेखक बनारस के वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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