बिहार : INDIA गठबंधन के प्रत्याशी ने किसानों की मांग को बनाया चुनाव का अहम मुद्दा
बिहार प्रदेश में ‘धान का कटोरा’ कहे जाने वाले सघन किसानी क्षेत्र के औरंगाबाद-रोहतास की काराकाट संसदीय सीट काफी चर्चा में है। ये बात दिगर है कि गोदी मीडिया और “व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी” के भक्त-कारिंदे मीडियाकर्मी सोशल मीडिया में हवा-हवाई नैरेटिव गढ़कर “फ़ेक-चर्चा” को प्रभावी बनाने की हरचंद कवायद कर रहें हैं। जिसे देख-सुनकर सरल-सतही धारणा बनाने के अभ्यस्तजनों के लिए बहुत फ़र्क नहीं पड़ता है और आदतन वे भी इस कुचक्र में माहौल को गंधाने में जुटे हुए हैं।
लेकिन इससे परे और ज़मीनी धरातल पर हक़ीक़त बिल्कुल दूसरी और विपरीत है। वो यह कि भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे INDIA गठबंधन से भाकपा माले प्रत्याशी और चर्चित किसान नेता पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने इस संसदीय सीट के पूरे चुनावी परिदृश्य को किसानों के सवालों से काफ़ी सरगर्म बना दिया है। विगत कई महीनों से अपने विधानसभा क्षेत्र ओबरा से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में गांव-गांव जाकर किसानों की तमाम समस्या-सवालों के लिए किसानों को विशेष रूप से आगे लाने का काम कर रहे हैं। जिसकी ख़बरें “मीडिया-गोदी मीडिया” द्वारा पूरी तरह से सेंसर करके, “मनगढ़ंत-नैरेटिव” थोपा जा रहा कि बिहार में चुनाव सिर्फ “जातीय समीकरण” पर ही होता है।
बावजूद इसके, काराकाट संसदीय क्षेत्र के गांवों में सघन जन संपर्क-संवाद पदयात्रा अभियानों में उभर कर आ रहे ‘खेती-किसानी’ से जुड़े सभी सवाल चुनावी मुद्दों के केन्द्र में आ रहे हैं। इसका ही असर है कि जगह जगह पर यह नारा लगया जा रहा है कि- एक ही नारा एक ही नाम, काराकाट से राजाराम!
इसकी एक बानगी 8 मई को कराकाट संसदीय क्षेत्र के डिहरी विधान सभा अंतर्गत अकोढ़ी गोला स्थित प्रेम हाई स्कूल मैदान में राजाराम सिंह जी के चुनाव नामांकन पर आयोजित जनसभा में साफ़ तौर से दिखी भी। इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का नाम ‘परिवर्तन सभा’ रखा गया था। जिसमें राष्ट्रीय किसान आन्दोलन के कई चर्चित-महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के साथ साथ भाकपा माले राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य व बिहार विधान सभा में नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और ‘वीआइपी’ पार्टी प्रमुख मुकेश साहनी सरीखे राजनेता भी शामिल हुए।
परिवर्तन-सभा में पहुंचे इस संसदीय क्षेत्र के अलावा पड़ोसी विधान सभा क्षेत्रों से भी पहुंचे INDIA गठबंधन के विधायकों ने किसानों के समर्थन में अपनी बातें रखीं। किसान विरोधी भाजपा सरकार को हटाने के लिए INDIA गठबंधन के प्रत्याशी राजाराम सिंह को रिकार्ड मतों जिताने का आह्वान किया।
‘परिवर्तन सभा’ में ‘कौन बनाता हिन्दोस्तान, भारत का मजदूर किसान’ के जोशपूर्ण नारे लगाते हुए किसानों-नौजवानों के जन सैलाब के सामने बोलते हुए किसान आन्दोलन के राष्ट्रीय बौद्धिक प्रवक्ता योगेन्द्र यादव ने कहा कि "आज यहां राष्ट्रीय किसान आन्दोलन के प्रतिनिधिगण सिर्फ यही अपील करने आये हैं कि- संसद के अंदर किसानों की आवाज़ गुंजाने के लिए राजाराम सिंह जैसे किसान आन्दोलन के अगुवा सेनानी को चुनाव में जीताकर भेजना बहुत ज़रूरी है। जिसे सारे देश के किसान भी काफी आशा भरी नज़रों से देख रहें हैं। हम आज इसलिए भी बिहार आये हैं कि- देश में परिवर्तन का रास्ता हमेशा ही बिहार ने दिखाया है।"
योगेन्द्र ने यह भी कहा कि इस देश के प्रधानमंत्री के पास अब कहने को कुछ नहीं बचा है इसलिए वे किसी न किसी बहाने “हिन्दू-मुसलमान” बोल रहे हैं। लोग असलियत जानने लगे हैं इसीलिए भाजपा वाले जब “मोदी-मोदी” नारा लगाते हैं तो लोग ‘मुद्दों की बात’ कर रहे हैं। वे जब “हिन्दू-मुसलमान” कहते हैं तो लोग ‘महंगाई’ का सवाल उठा रहे हैं। मोदी जी जब “मंगलसूत्र-मछली” की बात करते हैं तो इस देश के किसान ‘एम्एसपी’ की मांग उठा रहे हैं।
इसलिए जब इनकी दाल नहीं गल रही है तो फिर से सांप्रदायिक-नफ़रत की आग लगाकर अपनी वोट की रोटी सेंकना चाह रहे हैं। उधर हरियाणा में किसान भाजपा वालों को गावों में घुसने नहीं दे रहे हैं। वे उनसे कह रहे हैं कि- जब किसान आन्दोलन के समय हमें आतंकवादी कहा तो अब आतंकवादियों से वोट मांगने क्यों आये हो? काराकाट से राजाराम की जीत का परिणाम सारे देश के किसान देखना चाहते हैं।
महाराष्ट्र से पहुंचे सीपीएम् के पोलित ब्यूरो सदस्य व किसान आन्दोलन के चर्चित राष्ट्रीय नेता अशोक धावले ने भी राजाराम सिंह की जीत को देश के किसानों की जनआकांक्षा बताते हुए ज़ोरदार जीत दिलाने का आह्वान किया।
धावले ने कहा कि मोदी शासन जो एक ओर, बड़े पूंजीपतियों के 16 लाख करोड़ से भी अधिक की कर्ज माफ़ी दी है लेकिन खेती चौपट होने से भयावह कर्जे में दबे किसानों को “आत्महत्या” करने के लिए मजबूर बना रही है।
ऐसे में बिहार से देश भर के किसानों को काफी उम्मीदें हैं क्योंकि बिहार ही ऐसा वो राज्य है जिसने देश का सबसे पहला किसान नेता ‘स्वामी सहजानंद सरस्वती पैदा किया है। साथ ही बीते समय में जब पूरे देश में “रथ यात्रा” निकालकर दंगे भड़काए जा रहे थे तो इसी बिहार में आडवाणी के रथ को रोक दिया गया था। इसीलिए इस बार भी सबको विश्वास है कि मोदी जी जो आज पूरे देश में पूंजीपतियों का राज फिर से थोपने के लिए साम्प्रदायिकता के “अश्वमेघ यज्ञ” का घोड़ा दौड़ा रहे हैं, यही बिहार उन्हें रोकेगा और सत्ता से बाहर करेगा।
मध्य प्रदेश से आये किसान आन्दोलन के राष्ट्रीय नेता डॉ. सुनीलम ने भी राष्ट्रीय किसान आन्दोलन के घनिष्ठ सहकर्मी रहे किसान नेता राजाराम सिंह को रिकार्ड मतों से जीताने की पुरजोर अपील की। अपने संबोधन में उन्होंने भी कहा कि आज मैं यहां सिर्फ यही ध्यान दिलाने आया हूं कि 1 जून को जब अपना वोट देने के लिए ईवीएम मशीन पर बटन दबाने जाइयेगा तो याद कीजिएगा कि किस तरह से मोदी-शासन ने किसानों और उनके आन्दोलनों पर भीषण अत्याचार किया है। 700 से भी अधिक किसानों की शहादत से हुए ऐतिहासिक किसान आन्दोलन से विश्वासघात करके देश के किसानों को ‘एम्एसपी’ नहीं दिया।
वोट के लिए मोदी सरकार ने आज “राम मंदिर-निर्माण” के लिए फ्री में ट्रेनें चलवाई, लेकिन कोरोना काल में लाखों मजदूर जब सड़कों पर अपना पूरा परिवार लेकर भूखे-प्यासे नंगे पांव पैदल चल रहे थे तब कोई ट्रेन नहीं चलवाई और चुपचाप मासूमों की मौत का तमाशा देखती रही।
बिहार के युवाओं की ज़ोरदार पसंद कहे जाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जब मंच से राजाराम सिंह को भारी जीत दिलाने का अहवान करते हुए कहा कि- राजाराम जी की जीत का मतलब तेजस्वी की जीत, तो वहां मौजूद सारे युवा जोश से नारे लगाने लगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार समेत इस देश के युवाओं को अविलम्ब रोज़गार देने तथा किसानों की लंबित सभी मांगों को INDIA गठबंधन की सरकार पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। इसलिए ‘चुपचाप, झंडा पर तीन तारा छाप’ पर बटन दबाना है और तानाशाह मोदी सरकार को पूरी एकजुटता के साथ हराना है।
परिवर्तन सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि अब तक संपन्न हुए लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव से मिल रहे संकेतों ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि मोदी सरकार और बीजेपी का ग्राफ तेज़ी से नीचे गिर रहा है। जो मोदी जी के भाषणों को सुनकर भी आसानी से समझा जा सकता है कि वे अब तो देश के क्रिकेट में भी “हिन्दू-मुसलमान” करने लगे हैं। उधर इस चुनाव में देश के किसानों के साथ नौजवान भी अपने सवालों को लेकर डटे हुए हैं। दस वर्षों के शासन का हिसाब मांग रहे है। जिससे मोदी इस क़दर घबराए हुए हैं कि वे फिर से लोगों को बांटकर वोट झटकने की क़वायद कर रहे हैं।
INDIA गठबंधन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस बार का चुनाव बेहद असाधारण है। क्योंकि इस बार सबसे बड़ी चुनौती है देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने की। किसानों के लिए ‘स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को हर हाल में लागू करवाने तथा निजीकरण को समाप्त कर व्यापाक नौजवानों के लिए हर हाल में सम्मानजनक रोज़गार की गारंटी करवाने के लिए यह चुनाव है। INDIA गठबंधन की सरकार ही इन सारे गंभीर सवालों का सार्थक समाधान करेगी।
नामांकन के लिए सासाराम गए काराकाट INDIA प्रत्याशी और भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने अपने संबोधन में हाल में क्षेत्र में हुए आगलगी-कांड में जलकर मरे बच्चे, महिला व गरीबों कि चर्चा करते हुए मोदी सरकार से सवाल पूछा कि इस कांड के शिकार हुए इन गरीबों को मोदी जी का दिया पक्का मकान और उज्ज्वला गैस क्यों नहीं हासिल था?
उन्होंने इस बात के लिए आश्वस्त किया कि यदि क्षेत्र की जनता ने जनादेश देकर उन्हें जीता दिया तो वर्षों से सिचाई संकट झेल रहे किसानों के लिए ‘सोन नदी नहर परियोजना के आधुनिकीकरण’ व इन्द्रावती जलाशय डैम निर्माण जैसे ज्वलंत मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए सरकार को बाध्य करेंगे। साथ ही देश के किसानों की ‘खेती-किसानी’ से जुड़े सभी मुद्दों, कॉर्पोरेटीकरण से निज़ात दिलाने व किसानों की क़र्जमाफी व एम्एसपी कानून बनाने समेत ग्रामीण-शहरी युवाओं के सम्मानजनक स्थायी रोज़गार जैसे सभी ज़रूरी मुद्दों को लेकर जो आज तक वे सड़कों पर आन्दोलन खड़ा करते रहे, संसद में जाकर वे इन्हें अपना प्राथमिक कार्यभार बनायेंगे।
परिवर्तन सभा को राजद के डिहरी, सासाराम, ओबरा, नोखा, गोह, दिनारा व नवीनगर विधान सभा क्षेत्रों के विधायकों के साथ साथ भाकपा माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने भी संबोधित करते हुए किसान विरोधी मोदी सरकार को हटाने के संकल्प का आह्वान किया।
ऐपवा की बिहार सचिव अनीता पटेल के अलावा राजद की कई महिला नेताओं व पूर्व केन्द्रीय मंत्री कान्ति सिंह ने भी संबोधित किया। जेएनयू के छात्र नेता धनंजय ने कहा कि जैसे महज एक महीने पहले जेएनयू में वहां के छात्रों ने भाजपा-एबीवीपी की चौकड़ी को पटखनी दी है, ज़रूरत है कि यहां के किसान, महिला और नौजवान INDIA गठबंधन को भारी बहुमत दिलाकर मोदी चौकड़ी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दें।
सभा की अध्यक्षता INDIA गठबंधन दलों से चुने गए सात सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की तथा संचालन माले विधायक अजित कुशवाहा व बेतलाल ने किया। कारकाट संसदीय क्षेत्र का मतदान 1 जून को होना है।
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