सीपीआई(एम) की केरल यात्रा : भाजपा शासन के 'ख़तरे' को उजागर करना मुख्य उद्देश्य !
केरल में सीपीआई(एम) की राज्यव्यापी जन प्रतिरोध यात्रा का उद्देश्य संघीय ढांचे पर हो रहे 'हमलों का पर्दाफाश करना' है और आरएसएस समर्थित भाजपा सरकार द्वारा देश के संवैधानिक मूल्यों को पहुंचाए जा रहे 'खतरे' को भी उजागर करना है। वहीं इस यात्रा का एक अन्य उद्देश्य राज्य में 'गंभीर वित्तीय बाधाओं' के बावजूद वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार की 'उपलब्धियों' की व्याख्या करना भी है।
सीपीआई(एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन के नेतृत्व में और सोमवार को कासरगोड जिले के कुंबला में मुख्यमंत्री और पोलित ब्यूरो सदस्य पिनराई विजयन द्वारा उद्घाटन की गई यात्रा का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव में LDF को अपनी स्थिति सुधारने में मदद करना है।
यह यात्रा सीपीआई(एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन के नेतृत्व में निकाली गई जिसका उद्घाटन सोमवार को कासरगोड जिले के कुंबला में मुख्यमंत्री और पोलिट ब्यूरो सदस्य पिनराई विजयन ने किया। यात्रा का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव में LDF को अपनी स्थिति सुधारने में मदद करना है।
यह यात्रा सभी 140 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने के बाद 18 मार्च को तिरुवनंतपुरम में समाप्त होगी।
“भाजपा/आरएसएस राष्ट्र के लिए खतरा”
विजयन ने राज्यों और देश पर केंद्र के कथित 'बहुआयामी हमलों' को सूचीबद्ध करते हुए कहा, “भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार देश, लोगों, संविधान, धर्मनिरपेक्षता और संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है।”
भाजपा लंबे समय से अल्पसंख्यक वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही है और 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद चर्चों और नेताओं के साथ तालमेल बिठा रही है जबकि आरएसएस चुनावी फायदे के लिए जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों से लगातार बातचीत कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “सांप्रदायिकता वह हथियार है जिसका इस्तेमाल भाजपा सरकार लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाने के लिए करती है। सीपीआई(एम) ने हमेशा बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों सांप्रदायिक ताकतों का विरोध किया है, और हम इस यात्रा के माध्यम से इसके खतरे को उजागर करेंगे।”
केंद्र की आर्थिक नीतियों का ज़िक्र करते हुए विजयन ने बीजेपी पर चंद लोगों को 'सुपर रिच' बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “किसान, श्रमिक और सामान्य रूप से श्रमिक वर्ग जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार और संघ परिवार के संगठन चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रहे हैं।”
LDF की वैकल्पिक नीतियों समेत केंद्र द्वारा उपेक्षित हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड (एचएनएल) जैसे PSUs पर भी प्रकाश डाला गया।
गोविंदन ने ‘खतरे’ की चेतावनी दी अगर भाजपा 2024 में दोबारा सत्ता में वापसी करती है। उन्होंने केरल और अन्य राज्यों के लोगों से देश की धर्मनिरपेक्ष और संघीय विशेषताओं को बचाने के लिए बीजेपी को हराने का आह्वान किया और कहा, “2025 उस आरएसएस का शताब्दी वर्ष है, जो भाजपा का मार्गदर्शन और उसे नियंत्रित करता है। अगर भाजपा 2024 में सत्ता में वापस लौटती है, तो हमें गंभीर 'खतरों' का सामना करना पड़ सकता है।”
“केंद्र की उपेक्षा का पर्दाफाश करेंगे”
केरल सरकार लगातार केंद्र पर अपनी वित्तीय मांगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाती रही है। कई भाजपा और गैर-भाजपा शासित राज्यों द्वारा जीएसटी मुआवज़े के पांच और वर्षों के विस्तार की मांग को जीएसटी परिषद की बैठक में फिर से खारिज कर दिया गया।
गोविंदन ने आरोप लगाते हुए कहा, “यात्रा में केंद्र द्वारा केरल के साथ किए जा रहे विश्वासघात के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी। भाजपा सरकार केरल को आर्थिक रूप से अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।”
सीपीआई(एम) ने केंद्र पर राज्य को कई रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से वंचित करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उधारी की सीमा बढ़ाने की मांग को भी नज़रंदाज़ किया गया है।
उन्होंने कहा, “सरकार ने राज्य को लगभग 40,000 करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया है जिसका वह हकदार था। 15वें वित्त आयोग में आवंटन में की गई कमी राज्य की आर्थिक स्थिति को कुचलने का प्रयास है। भाजपा सरकार संघीय सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रही है।”
“LDF सरकारों की उपलब्धियां बताएंगे”
इस यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण एजेंडा वर्तमान और पिछली LDF सरकारों की उपलब्धियों को बताना है।
गोविंदन ने कहा, “प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों ने भूमि सुधारों और 'वेलफेयर मीज़र्स' में समाज पर सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए अन्य देशों से भी केरल मॉडल का अनुकरण करने का आह्वान किया है।”
केरल में भूमि सुधार राज्य की पहली कम्युनिस्ट सरकार द्वारा शुरू किए गए थे, जिसका नेतृत्व देश में कम्युनिस्ट आंदोलन के दिग्गज ईएमएस नंबूदिरीपाद ने किया था।
उन्होंने कहा, “ईएमएस सरकार ने सत्ता में आने के बाद 11 अप्रैल, 1957 को भूमि सुधार अध्यादेश पारित किया। केवल सीपीआई (एम) और वामपंथियों के निरंतर प्रयासों के कारण, 1969 में सुधार लागू किए गए थे। यह बड़ी उपलब्धि राज्य के विकास की नींव है।”
LDF सरकार कल्याण पेंशन के रूप में 54 लाख लाभार्थियों को प्रति माह 1,600 रुपये का भुगतान करती है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा, राज्य के बजट में घोषणा की गई कि प्री-मेट्रिक और पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति को जारी रखा जाएगा।
LDF की हाल की उपलब्धियां, जिनमें स्टार्टअप मिशन के लिए मान्यता, उद्यमों का वर्ष और उच्च शिक्षा में उपलब्धियां शामिल हैं, वे इस यात्रा में चर्चा के केंद्र बिंदु होंगे।
अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
CPI(M)’s Kerala Yatra to ‘Expose Threats’ of BJP Regime
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