अदालत ने पश्चिम बंगाल में 10 वीं कक्षा का परीक्षा समय बदलने के लिए हस्तक्षेप से किया इंकार
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह दो फरवरी से कक्षा दसवीं की शुरू हो रही परीक्षा की समय सारिणी में परिवर्तन करने के पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि माध्यमिक परीक्षा से महज दो-तीन सप्ताह पहले उसका समय पौने बारह बजे से पौने दस बजे करने से परीक्षार्थियों की सुविधा पर असर पड़ेगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य एवं बोर्ड के वकीलों ने कहा है कि परीक्षा के वास्ते जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के प्रशासनिक कदम/उपाय पूरे हो चुके हैं और इस परीक्षा में कई लाख बच्चे भाग लेंगे।
न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने कहा कि उक्त स्थिति में किसी हस्तक्षेप से परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर असर पड़ सकता है और इसी वजह से यह अदालत परीक्षा की समयसारिणी में किये गये बदलाव कोई हस्तक्षेप करने से परहेज कर रही है।
उच्च ने बोर्ड एवं राज्य (सरकार) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विद्यार्थियों को कोई परेशान न हो।
उच्च न्यायालय ने बोर्ड को सभी जिलों में परीक्षार्थियों के वास्ते समुचित संख्या में हेल्पलाइन खोलने का आदेश दिया। उसने कहा कि यदि किसी विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में कठिनाई हो तो बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठायेगा कि विद्यार्थी समय से केंद्र पर पहुंचे।
अदालत ने कहा कि बोर्ड अगले बुधवार तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करे।
इस बार भी पिछले साल के समय पर परीक्षा कराने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि परीक्षा के समय में बदलाव की कोई वजह नहीं बतायी गयी। याचिकाकर्ता एक शिक्षक ने यह भी कहा कि समय घटाने से परीक्षार्थियों पर असर पड़ेगा।
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