ईडी ने धनशोधन मामले में पोनमुडी, उनके बेटे को मंगलवार शाम पेश होने को कहा
चेन्नई: तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी और उनके बेटे को कथित अवैध रेत खनन से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार शाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। दोनों पूछताछ के लिए सोमवार को भी ईडी के समक्ष पेश हुए थे और मंगलवार तड़के ईडी कार्यालय से बाहर निकले थे।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रवक्ता और वकील ए. सरवनन ने कहा, “ईडी अधिकारियों ने पोनमुडी और उनके सांसद बेटे गौतम सिगामणि से लगभग रातभर पूछताछ की। दोनों को आज तड़के लगभग साढ़े तीन बजे घर जाने की अनुमति दी गई। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए आज शाम चार बजे ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया।”
#WATCH | "They (ED) are one of the alliance partners of BJP, they do whatever the government says... They are not acting as an investigating agency, they are acting as 'chamchas' of BJP," DMK Leader T.K.S. Elangovan on ED questioning TN Minister and DMK Leader K. Ponmudy. pic.twitter.com/QlHHolKmvL
— ANI (@ANI) July 18, 2023
सरवनन ने दावा किया कि मंत्री ने केंद्रीय एजेंसी के साथ ‘‘अच्छा सहयोग’’ किया और केवल एक बयान लेने के लिए 72 वर्षीय मंत्री से रातभर पूछताछ की आवश्यकता पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ईडी के अधिकारी बयान लेने के लिए उन्हें सुबह बुलाते तो कुछ नहीं बिगड़ता।’’
सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और पोनमुडी के विल्लुपुरम में मंत्री और उनके बेटे से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई थी।
सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने इस कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ करार दिया था। ईडी की कई टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र जवान तलाशी में शामिल थे और उन्होंने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए।
पोनमुडी विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके 49 वर्षीय सांसद बेटे सिगमणि कल्लाकुरिची लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सरवनन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जैसा कि दावा किया जा रहा है, मंत्री के पास से कोई बेहिसाब नकदी या कोई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त नहीं किए गए हैं।’’ उन्होंने जानना चाहा कि क्या केंद्रीय एजेंसी ने जब्ती के संबंध में कोई प्रेस बयान जारी किया है।
सरवनन ने कहा, ‘‘किसी मामले के दर्ज होने के 13 साल बाद उसकी जांच करने का क्या औचित्य है। यह भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि पोनमुडी ने नयी शिक्षा नीति, कुलपतियों की नियुक्ति और अन्य प्रमुख मुद्दों पर राज्यपाल आर. एन. रवि को निशाने पर लिया था।’’
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने दावा किया कि मंत्री को उनके सहयोगी वी. सेंथिल बालाजी की तरह गिरफ्तार नहीं किया गया, क्योंकि पोनमुडी ने जांच में सहयोग किया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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