ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर
ग़ाज़ीपुर में बीजेपी की पूर्व विधायक के नेतृत्व में हिन्दू नववर्ष कलश यात्रा निकाली गई, उसी यात्रा में शामिल युवकों ने मस्जिद के मुख्य द्वार पर चढ़कर धार्मिक नारों के साथ भगवा झंडा लहराया, और मस्जिद के मुख्य द्वार को रंग से पोता। ग्रामीणों के अनुसार मुस्लिम समुदाय में डर बना हुआ है। पुलिस ने इस मामले में जिस आरोपी को गिरफ्तार कर जेल (बाल सुधार गृह) भेजा है वह 9वीं कक्षा में पढ़ता है जिसकी उम्र 14 वर्ष है। हमने इस मामले की ग्राउंड रिपोर्ट कर मामला पता लगाने की कोशिश की कि क्या है पूरा मामला। आइए जानते है-
क्या है पूरा मामला
यूपी के जिला ग़ाज़ीपुर से 28 किलोमीटर की दूरी पर 25,000 से अधिक आबादी वाला गहमर गांव है। यह हिन्दू बहुल गांव है। इसी गांव में 2 अप्रैल को नव संवत्सर (हिन्दू नववर्ष) के मौके पर BJP की पूर्व विधायक सुनीता सिंह के नेतृत्व में कलश यात्रा निकली गई। जैसे ही यह यात्रा गांव के दक्षिण मुहल्ले की जामा मस्जिद के सामने पहुंची, यात्रा में शामिल भगवा गमछा डाले कुछ युवकों ने मुख्य द्वार फांदकर मस्जिद में उत्पात मचाया। बाद में मस्जिद की मीनार पर वार कर भगवा झंडा लहराया और मुख्य द्वार को रंग से पोत दिया। इस गांव के मुस्लिमों के मुताबिक वह झगड़ा नहीं चाहते हैं, इसलिए उन्होंने उन युवकों से कुछ नहीं कहा।
पुलिस ने इस मामले में झंडा लहराने व धार्मिक नारे लगाने वाले नवयुवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह लड़का नाबालिग बताया जाता है। वह 9वीं कक्षा का छात्र है और उम्र 14 वर्ष बताई जाती है। पुलिस के अनुसार वो ही इस मामले का मुख्य आरोपी है! न्यूज़क्लिक के लिए हमने इस मामले में पीड़ितों से बात की। आइए जानते है ग्रामीण इस मामले में क्या कहते है और क्या महसूस कर रहे है!
मस्जिद की पड़ोस में रहने वाले एजाज अंसारी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि "BJP की पूर्व विधायक सुनीता सिंह के नेतृत्व में हिन्दू यात्रा निकल रही थी उसी यात्रा में शामिल कुछ लड़के मस्जिद पर चढ़े और जय श्री राम का नारा लगाने लगे। इस वक़्त भी यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। मुस्लिम समाज मे डर का माहौल है। उन लोगों के क्या मंसूबे थे ये तो सब जानते हैं। अब तो व्हाट्सऐप, फेसबुक के ज़रिए नफ़रत फैलाई जाती है अब मोहब्बत पहले जैसी नही रह गई है, BJP की सरकार में नफ़रत को बढ़ावा मिला है पहले जैसी अब बात ही नही रही"!
मस्जिद की देखरेख करने वाले वाले हाजी शमीम ने बताया कि "BJP वाले यात्रा निकाल रहे थे कुछ लड़कों ने मस्जिद में घुस ऊपर चढ़ मीनार के पास खड़े होकर भगवा झंडा लहराया और जय श्री राम-जय श्री राम के नारे लगाने लगे, और बाद में मस्जिद के गेट को रंगों से पोत दिया, उनके जाने के बाद मस्जिद को धोकर साफ़ किया गया। उन्होंने माहौल ख़राब किया लेकिन हमने सब्र किया। मस्जिद की तरफ़ से पुलिस स्टेशन में कोई तहरीर नहीं दी गई यहां खौफ़ का माहौल है अब पता नहीं पुलिस उस मामले में उन लोगो पर क्या कार्रवाई कर रही है क्या नहीं, सभी चाहते है कि ऐसा नहीं होना चाहिए लेकिन जब हो ही रहा है तो क्या किया जा सकता है।"
हाजी शमीम अपनी बातों के माध्यम साफ़ ज़ाहिर करते दिखे कि मुस्लिम समाज यहां डरा हुआ है इसलिए वह तहरीर देने के लिए पुलिस स्टेशन नही गये, इस मामले में हमने मुस्लिम समुदाय के लोगों से काफ़ी बात करने की कोशिश की लेकिन वह यह बोलकर बात करने से इनकार कर गये कि आप तो रिपोर्टिंग कर लेंगे हमको तो यहीं रहना है हम नहीं बोलेंगे!
इस मामले में हमने गांव के पूर्व प्रधान दीपक चौरसिया से बात की तो उन्होंने बताया कि "मस्जिद पर चढ़कर हुड़दंग करना बहुत ही गलत हुआ है ऐसा नही होना चाहिए था लेकिन मैं देख रहा हूँ कि हर रोज़ मुस्लिमों और उनकी मस्जिदों पर कहीं ना कहीं हमले हो रहे हैं, सरकार ने नफ़रत की इस आग में छोटे छोटे बच्चों को भी झोंक दिया है और हमारा हिन्दू समाज अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहा है कि वह क्या क्या नफ़रत फैला रहे हैं, अपने जीवन को तबाह कर रहे हैं। मैंने देखा कि अभी एक महंत ने मुस्लिम महिलाओं का अपहरण कर बलात्कार करने धमकी दी तो नाबालिग बच्चे भी महंत की बात सुन तालियां बजा रहे थे, यह हमारे लिए बहुत ग़लत है हम नफ़रत की आग की तरफ़ जा रहे है जिसका उन बच्चों के परिजनों को अंजाम मालूम ही नही है"।
गहमर थाने के इंस्पेक्टर त्रिवेणी लाल सेन ने न्यूज़क्लिक के लिए बात करते हुए बताया कि "हमें मस्जिद या मस्जिद के पड़ोसियों की तरफ़ से कोई तहरीर नही मिली थी, मामला प्रकाश में आने के बाद हमने अपनी तरफ़ से एक नवयुवक व कुछ अज्ञातों के विरूद्ध मुक़दमा क़ायम किया। जिस नवयुवक की पहचान हुई उसको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है व अन्य से पूछताछ जारी है। जिस एक नवयुवक को जेल भेजा गया है वह 9वीं कक्षा का छात्र है, जिसकी उम्र 14 वर्ष है वह नाबालिग है। अन्य की पहचान होने पर उन पर भी कार्रवाई की जायेगी। ऐसा इस क्षेत्र में पहली बार हुआ है वरना यात्रा हर वर्ष निकलती थी"।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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