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क्या कभी 80 करोड़ लोगों के खाने की थाली के बारे में सोचा है

जिनकी आर्थिक हैसियत अच्छी है, उनके घर के खाने पर गौर कीजियेगा। वहां आपको सबकुछ मिलेगा। किचेन इतना बड़ा मिलेगा, जितना झुग्गी झोपडी में रहने वाले किसी परिवार का घर होता है। खाने में चावल दाल रोटी सब्जी के साथ तमाम तरह के खाने मिलेंगे। मीट-मछली जैसे पसंदीदा मांसाहार मिलेंगे। जब आप इन सब पर गौर से देख रहे होंगे ठीक उसी समय उनके बारे में सोचियेगा जिन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिया जाता है। उन 80 करोड़ लोगों के बारे में सोचियेगा जिन्हें अगर इतनी भी सरकारी मदद न मिले वह भुखमरी से गुजरने लगे। इन 80 करोड़ लोगों को कितना खाना चाहिए और कितना मिलता है? क्यों यह कहना बिल्कुल गलत है कि मुफ्त अनाज योजना करदाताओं के पैसे की बर्बादी है? इन्हीं सब मुद्दों पर इस विडियो में वरिष्ठ पत्रकार ऑनिंद्यो चक्रवर्ती से बात की गयी है।

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