लखनऊ : ओपीएस और उच्च वेतनमान के लिए शिक्षक करेंगे विरोध प्रदर्शन
लखनऊ: पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, रविवार और छुट्टियों के दिन बार-बार स्कूल खोलने पर क्षतिपूर्ति अवकाश, कैशलेस इलाज समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर के सरकारी स्कूल शिक्षक एक बार फिर राज्य की राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्नत वेतनमान, पदोन्नति आदि को लेकर शिक्षकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक के नेतृत्व में मंगलवार को बड़ी संख्या में शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद है।
ठकुराई गुट के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश पांडे ठकुराई ने न्यूज़क्लिक को बताया, "सत्तारूढ़ सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है। ऐसे में हमें संगठित होकर व्यवस्थित रूप से लड़ने की जरूरत है।"
शिक्षक संघ 11 दिसंबर को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को एकजुट करने के लिए राज्य भर में जिला स्तर पर बैठकें आयोजित कर रहे हैं।
गोरखपुर में शिक्षक राम प्रताप सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया, "सत्तारूढ़ भाजपा सरकार शायद भूल गई है कि पतन से पहले अहंकार आता है। पुरानी पेंशन योजना 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख मुद्दा होगी।"
उन्होंने आगे कहा कि वे मांग कर रहे हैं कि सरकारी स्कूलों के कार्यालयों और स्वास्थ्य विभाग में निजीकरण और अनुबंध-आधारित होल्डिंग को समाप्त किया जाए। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य न सौंपे जाएं। "हमने यह भी मांग की है कि सरकार वर्षों से खाली पड़े पदों को तुरंत भरे और 8वें वेतन आयोग का तुरंत गठन करे।"
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा जिनके नेतृत्व में OPS के लिए लखनऊ में दर्जनों विरोध प्रदर्शन हुए। उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति बंधुआ मजदूरों से भी बदतर है। उन्होंने आरोप लगाया, “शिक्षण कार्यों से अधिक हम अधिकारियों द्वारा गैर-शिक्षण कार्यों में संलग्न किए जाते हैं। जब भी वे चाहते हैं वे स्कूल खोलते हैं और शिक्षकों को ड्यूटी पर बुलाते हैं और हम मना नहीं कर सकते।''
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की वर्षों से लंबित मांगों पर विभागीय व सरकारी अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं उनका समाधान नहीं कर रहे हैं।
शिक्षक रत्नम तिवारी कहते हैं, ''लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार को OPS की मांग को एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में देखना चाहिए। कर्मचारी बहुत गुस्से में हैं। अगर सरकार OPS बहाल करने में विफल रहती है तो कर्मचारियों के पास सरकार बदलने की ताकत है। कर्मचारी केवल उन्हीं का समर्थन करेंगे जो OPS लाने और अन्य वास्तविक मांगों को पूरा करने का वादा करेंगे।''
पुरानी पेंशन योजना की बहाली और कैशलेस इलाज, उच्च वेतनमान, पदोन्नति आदि की मांग को लेकर लखनऊ में सिलसिलेवार विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
हाल ही में, राज्य भर के उत्तर प्रदेश मंत्रालय कलक्ट्रेट कर्मचारियों ने OPS की बहाली, वेतन ग्रेड में वृद्धि और अन्य सुविधाओं सहित अपनी 22 मांगों पर समयबद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
जून में, रेलवे, डाक सेवाओं, सार्वजनिक कार्यों, शिक्षा और बिजली सहित विभिन्न क्षेत्रों के हजारों शिक्षकों, पेंशनभोगियों और केंद्रीय और राज्य विभागों के कर्मचारियों ने लखनऊ में 'हुंकार रैली' का आयोजन किया।
"हम तब तक विरोध करेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। जब कांग्रेस शासित राज्य OPS को बहाल कर सकते हैं और अन्य मांगों को स्वीकार कर सकते हैं तो भाजपा सरकार क्यों नहीं? OPS ही बुढ़ापे में हमारा एकमात्र सहारा है।" बहराइच के शिक्षक रत्नम तिवारी ने कहा वे 11 दिसंबर को लखनऊ पहुंचेंगे।
इस बीच योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर अपना रुख साफ कर दिया है। विधान परिषद में सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि ''पुरानी पेंशन योजना लागू करना संभव नहीं है।'' गुलाब देवी शिक्षक नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी के सवाल का जवाब दे रही थीं।
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
UP: Govt Teachers to Protest in Lucknow on Dec 11 for Old Pension Scheme, Higher Pay Scale
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