मप्र: “शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी बेरोज़गार”, सीएम से क्यों नाराज़ शिक्षक अभ्यर्थी?
भोपाल: मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले कई अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से नाराज़ हैं। इनका दावा है कि इन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की है लेकिन बावजूद इसके ये अब भी बेरोज़गार हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह से बालाघाट, मुरैना, हरदा, नर्मदापुरम, मंडला और डिंडौरी जैसे अन्य जिलों से सैंकड़ों युवा एकत्र हुए। मौजूदा व्यवथा से बेहद निराश ये अभ्यर्थी, सरकार के मंत्रियों के बंगलों का घेराव करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने इन्हें ऐसा करने से रोक लिया। बदलते मौसम के बीच कड़ाके की धूप में ये एक बंगले से दूसरे बंगले की राह तलाश रहे थे।
आख़िर मंत्रियों के बंगले का घेराव करने की वजह क्या है, इस सवाल का जवाब देते हुए मुरैना के मंगल सिंह बताते हैं कि उन्होंने साल 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 पास की थी, लेकिन आज भी वे बेरोज़गार हैं। उम्र लगातार बढ़ रही है लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिली है।
वहीं मुकेश बताते हैं, "साल 2018 में 1.94 लाख हज़ार युवाओं ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 पास की थी। इनमें से सरकार ने अब तक 16,427 को नौकरी दी। अभी भी प्रदेश में 1,25,243 पद शिक्षा विभाग में और जनजातीय विभाग में 59,567 पद खाली हैं लेकिन इसके बाद भी परीक्षा पास करने वाले 1.94 लाख युवाओं को नियुक्ति नहीं दी जा रही है।"
बालाघाट से आए युवा धर्मेंद्र बघेले का कहना है कि "मुख्यमंत्री ने घोषणा कर कहा था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-1 और शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-2 के 62 हज़ार पदों पर भर्ती करेंगे लेकिन अब तक 26 हज़ार पदों पर ही भर्ती हो पाई है, बाकी पद खाली हैं। वर्तमान में वर्ग-1 के 6530 पद और वर्ग-2 के 2237 पदों पर काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है, जो कि खाली पदों की तुलना में बहुत कम है। इस तरह साल 2018 में परीक्षा पास करने वाले हम अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पाएगी और हम नौकरी से वंचित रह जाएंगे।"
बच्चे को लेकर भोपाल पहुंची नेहा राठौर, मंगल सिंह, धर्मेंद्र बघेले समेत यहां मौजूद कई दूसरे अभ्यर्थियों का कहना है कि “साल 2018 में ली गई परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है और अब दोबारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया कराई जा रही है, जिसमें कई अभ्यर्थी उम्र निकलने के कारण इस बार शामिल नहीं हो पा रहे हैं। बहुत से छात्र तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं लेकिन सरकार में बैठे ज़िम्मेदार लोगों काे कोई चिंता नहीं है। ऐसे में हमारे पास केवल बंगलों का घेराव करने का ही विकल्प बचा है, हालांकि इसके पहले भी हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला है।”
पॉलिटेक्निक चौराहे पर जुटे अभ्यर्थी
तमाम बेरोज़गार अभ्यर्थी भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहे पर जुटे थे। यहां से मुख्यमंत्री आवास नज़दीक है जहां ये मुख्यमंत्री के संज्ञान में उनका मामला लाना चाहते थे, जिसके चलते वे परेशान हैं और बेरोज़गार घूम रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
स्कूल शिक्षा मंत्री के बंगले पहुंचे अभ्यर्थी, जमकर नारेबाज़ी की
ये सभी अभ्यर्थी सुबह करीब 11 बजे राजधानी भोपाल में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के शासकीय बंगले पर पहुंचे। यहां मंत्री से मुलाकात नहीं हुई तो ये वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया तो इन्होंने मंत्री कार्यालय के लोगों से चर्चा की। इस दौरान पुलिस भी वहां पहुंच गई थी, जिसके बाद ये अभ्यर्थी जनजातीय विभाग की मंत्री के बंगले की ओर बढ़ गए।
शिक्षकों की कमी का असर परिणामों पर!
बता दें कि मध्य प्रदेश में शिक्षकों की कमी है जिसके कारण क्वालिटी एजुकेशन न मिलने की वजह से बच्चे पिछड़ रहे हैं। नतीजे सामने हैं। हाल ही में 5वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम आए हैं। जिसमें भोपाल जिले को कक्षा पांच में 38वीं और कक्षा आठ में 35वीं रैंक मिली है। भोपाल प्रदेश की राजधानी है, तब भी यह स्थिति है। ऐसे में बाक़ी जिलों की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ओवरऑल पांचवीं कक्षा का रिज़ल्ट 82.27 प्रतिशत व आठवीं का 76.9 प्रतिशत रहा है।
चयनित अभ्यर्थियों की मांगे:
* पदवृद्धि के साथ स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 को पूरा किया जाए।
* माध्यमिक शिक्षक भर्ती के उपेक्षित विषयों जैसे हिंदी, उर्दू, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत आदि के पदों में वृद्धि की जाए।
* उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के हिंदी, उर्दू, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, कृषि, समाजशास्त्र, बायोलॉजी एवं कॉमर्स आदि के पदों में वृद्धि की जाए।
* माध्यमिक शिक्षक भर्ती के अंतर्गत सभी वर्गों के कुल शेष 2, 237 पदों पर चयन सूची जारी की जाए।
* उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के अंतर्गत सभी वर्गों के शेष 6 हज़ार 530 पदों पर चयन सूची जारी की करें।
* प्राथमिक शिक्षक भर्ती के तहत 51000 पदों पर भर्ती की जाए।
(पूजा यादव स्वतंत्र लेखिका हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)
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