क़ाबुल के एक स्कूल में आत्मघाती हमले में क़रीब 100 बच्चों की मौत
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता हासिल करने के बाद से बम विस्फोटों की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। राजधानी क़ाबुल में एक स्कूल में आत्मघाती बम विस्फोट में क़रीब 100 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि रिपोर्टिंग के दौरान मानवीय संवेदनाओं को हिला कर रख दिया। स्कूल के आस-पास शवों को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। कहीं हाथ पड़ें थे तो कहीं पैर।
बीबीसी के हवाले से हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट शहर के पश्चिम में दश्त-ए-बारची इलाके में काज स्कूल में हुआ। एक स्थानीय पत्रकार, बिलाल सरवरी ने इस हमले पर ट्वीट किया, "हमने अब तक अपने छात्रों के 100 शवों की गिनती की है। मारे गए छात्रों की संख्या बहुत अधिक है। कक्षा खचाखच भरी थी। वे छात्र विश्वविद्यालय में दाख़िले की तैयारी के लिए जमा हुए थे।"
Each number on those chairs represented one human being. Each number, and their families, had dreams to come here and take the university preparation entrance examination. Those dreams are dashed with fatal consequences for them, the families, communities , and the country. pic.twitter.com/CnphF6tgd9
— BILAL SARWARY (@bsarwary) September 30, 2022
एक स्थानीय पत्रकार के अनुसार, इस घटना में ज़्यादातर छात्र हैं, जिनमें ज़्यादातर हजारा और शिया थे, जो मारे गए। हजारा अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है।
सड़क पर बिखरे पड़े हाथ-पैर
लेखक ने भयावहता को याद करते हुए कहा कि काज उच्च शिक्षा केंद्र के एक शिक्षक ने बच्चों के अंगों को उठाया। कहीं हाथ पड़े थे, कहीं पैर। ट्विटर पर विस्फोट से पहले का एक वीडियो भी साझा किया गया था जहां आतंकियों ने बम धमाका किया था।
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