न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रेस की आज़ादी को पहुंचाया बहुत बड़ा नुक़सान: नेविल रॉय सिंघम
अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम, जिनका नाम, समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ कठोर यूएपीए क़ानून के तहत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एफआईआर में एक आरोपी के तौर पर दर्ज किया गया है, उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। सिंघम ने न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) में 5 अगस्त, 2023 को प्रकाशित लेख को 'भ्रामक' और 'आक्षेप से भरा' बताया। दिल्ली पुलिस ने 17 अगस्त को, 'गुप्त रूप' से एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की, जिसके बाद न्यूज़क्लिक कार्यालय और लगभग 50 पत्रकारों, योगदानकर्ताओं और फ्रीलांसर्स सहित बड़े पैमाने पर लगभग 80 लोगों के घरों पर छापे मारे गए। न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया गया।
द हिंदू में प्रकाशित चार पन्नों के बयान में, सिंघम ने कहा कि “एफआईआर में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे साफ़ पता चलता है कि उसके दावे न्यूयॉर्क टाइम्स लेख की गलत सूचना से प्रभावित थे।”
“न्यूयॉर्क टाइम्स ने जानबूझकर उन सभी तथ्यात्मक खंडनों को प्रकाशित नहीं किया जो मैंने उन्हें 22 जुलाई, 2023 को उनकी प्रकाशन तिथि से पहले दिए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रेस की स्वतंत्रता को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम किया है। यही कारण है कि मैंने इनमें से कुछ पॉइंट्स को सार्वजनिक रूप से संबोधित करने का फ़ैसला किया, जिन्हें मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स में भी उठाया था लेकिन उन्होंने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया। मैं अवैधता और अनुचित कृत्य के सभी दावों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता हूं और रिकॉर्ड को स्पष्ट करना चाहता हूं।”
चीनी सरकार या चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से 'निर्देश' या 'फंड लेने' के आरोपों का खंडन करते हुए सिंघम कहते हैं :
“मैं किसी प्रोपेगेंडा डिपार्टमेंट या चीनी सरकार या चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के किसी प्रभाग के लिए काम नहीं करता हूं। मैं न ही उनसे निर्देश लेता हूं और न ही उनसे धन प्राप्त करता हूं। वास्तव में, मैं दुनिया की किसी भी सरकार या राजनीतिक दल से कोई आदेश नहीं लेता।”
एफआईआर और न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख में उल्लेखित “कई संस्थाओं के जटिल जाल” के माध्यम से पैसे की धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन करते हुए रॉय कहते हैं :
“कई सालों तक एक मल्टीनेशनल कंपनी (थॉटवर्क्स) चलाने के बाद, मैंने उन सभी देशों के कानूनों का सावधानीपूर्वक पालन करने का महत्व सीखा और समझा, जहां हमने व्यापार किया। इस अवधि दौरान चेयरमैन के रूप में मेरा रिकॉर्ड खुद इस बात की गवाही देता है।”
भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमज़ोर करने के आरोप वाली एफआईआर पर सिंघम ने कहा:
“साल 2020 में, मुझे एक मुफ़्त और ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर प्रोजेक्ट को स्पॉन्सर करने का अवसर दिया गया, जिसने किसी को भी अपने खुद के समान-क्षेत्र प्रक्षेपण मानचित्र बनाने की अनुमति दी। जहां दुनिया में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद चल रहे हैं (उदाहरण के लिए, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच), ऐसे में, लक्ष्य हमेशा प्रत्येक देश के नागरिकों को ऐसे मानचित्र बनाने की अनुमति देना था जो उसके अपने कानूनों के अनुरूप हों और उनकी संप्रभु काउंटीज़ के राष्ट्रीय हितों को दर्शाते हों।”
इसके अलावा अपने बयान में सिंघम कहते हैं, “एफआईआर में मुझे चीनी टेलीकॉम कंपनियों, शाओमी और वीवो से जोड़ने की निरर्थक कोशिश देखकर मैं हैरान रह गया। मुझे भारत में उनकी गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मेरा इन कंपनियों से कभी संपर्क नहीं रहा, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई फंडिंग नहीं मिली और न ही मैंने इन कंपनियों की ओर से काम किया।”
द हिंदू में प्रकाशित पूरे बयान को यहां पढ़ें।
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