Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

हमारा संविधान, हमारे लोग

200 साल की ग़ुलामी के बंधन को तोड़कर, भारतीय जनता यह तय कर पाई कि भारत किस तरह का आज़ाद देश होगा।
हमारा संविधान, हमारे लोग

भारत का संविधान एक सपना है, एक दृष्टि है, वादों का एक समूह है। हर्ष मंदर द्वारा लिखे गए और प्रिया कुरियन द्वारा बनाए गए चित्र वाली इस पुस्तक हमारा संविधान, हमारे लोग, भारतीय इतिहास के पन्नों के माध्यम से अपने पाठकों को यह समझने की कोशिश करता है कि हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य के लिए इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ का क्या मतलब है, और इस देश का नागरिक होने का क्या मतलब है

इस पुस्तक के कुछ अंश निम्नलिखित हैं।

2. संविधान: एक सपना, एक दृष्टि, वादों का एक समूह

200 साल की ग़ुलामी के बंधन को तोड़कर, भारतीय जनता अब तय कर सकती थी कि भारत किस तरह का स्वतंत्र देश होगा। भारत की स्वतंत्रता के समय, विश्व द्वितीय विश्व युद्ध से हुई तबाही और ज़ख़्मों से उबर रहा था और पुनर्निर्माण कर रहा था। इस बर्बादी ने 1941 से 1945 तक लगभग 6 मिलियन यहूदियों यानी यूरोप की पूरी यहूदी आबादी के दो-तिहाई हिस्से को एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाजी जर्मनी द्वारा मार डाला गया था। इस भयानक और दुखद नरसंहार से दुनिया के लोगों ने सीखा था कि जब किसी देश में धार्मिक, नस्लीय, जातीय अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं होते हैं तो क्या ख़तरा होता है

उन्होंने नफ़रत और बंटवारे की राजनीति के नतीजे को महसूस किया था। ये भारतीय लोगों के लिए भी सबक़ थे।

सदियों के औपनिवेशिक बंधन ने भारत को दुनिया के सबसे अमीर देशों में से सबसे ग़रीब देश बना दिया था जहां अकाल और अभाव ने ग्रामीण इलाक़ों को जकड़ लिया था। सदियों तक, जाति की क्रूर व्यवस्था ने उन लोगों के लिए जीवन को नरक बना दिया था जो वंचित जातियों में पैदा हुए थे। महिलाओं को संपत्ति, शिक्षा, काम और सम्मान के अधिकार से वंचित कर दिया गया था, और कभी-कभी तो जीवन जीने के अधिकार से वंचित थीं।

क्या हम यह सब बदलेंगे, और कैसे बदलेंगे?

यह देश किसका होगा?

इस देश पर कौन शासन करेगा? शासकों को कैसे चुना जाएगा? इन शासकों के पास किस तरह की शक्तियां होंगी? और लोगों के पास किस तरह की शक्तियां और अधिकार होंगे? और क्या देश के धर्म, जाति, जनजाति और लैंगिक अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाएगी?

इस तरह के सवालों के जवाब भारत के संविधान नामक पुस्तक में लिखे गए थे।

हमारा संविधान, हमारे लोग

3. देश का संविधान क्या है?

यह एक सपना है, एक दृष्टि है, वादों का एक समूह है, गारंटी का एक संग्रह है, आकांक्षाओं का भंडार है। यह उस गंतव्य की सामूहिक कल्पना है जहां तक पहुंचने का देश संकल्प लेता है।

यह उन मूल्यों की गंभीर अभिव्यक्ति है जिन्हें देश आने वाले दशकों और सदियों में अपनी यात्रा में अपनी आत्मा के क़रीब रखेगा।

यूनाइटेड किंगडम, इज़़रायल, सऊदी अरब और कुछ अन्य देश को छोड़कर अधिकांश देश के संविधान लिखित दस्तावेज़ हैं।

'भारत का संविधान' संविधान सभा नामक एक निकाय द्वारा लिखा गया था। वे उस भव्य ऐतिहासिक, गोलाकार इमारत में बैठे जो भारतीय गणतंत्र की संसद बन गई। संविधान सभा में 300 से अधिक सदस्य थे; ये 300 महिलाएं और पुरुष, एक तरह से संविधान की संस्थापक माता एवं पिता थे। वे उस समय की प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुने गए लोगों में से चुने गए थे।

हमारा संविधान, हमारे लोग

और लगभग एक तिहाई को यह सुनिश्चित करने के लिए नामित किया गया था कि इसके सदस्य हर धर्म, जाति, लिंग, संस्कृति, समुदाय और पेशे के लोगों से लिए गए हैं। संविधान सभा में न केवल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे बल्कि उन दलों से भी सदस्यों को आमंत्रित किया गया था जो उनका कड़ा विरोध कर रहे थे।

हमारा संविधान, हमारे लोग

पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ेंः https://storyweaver.org.in/stories/453678-our-constitution-our-people

ये हमारा संविधान, हमारे लोग (2022) के अंश हैं जिसे हर्ष मंदर द्वारा लिखा गया और प्रिया कुरियन द्वारा चित्र बनाया गया और इस प्रथम बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया। प्रकाशक की अनुमति से यहां पुनर्प्रकाशित किया गया।

सभी चित्र प्रिया कुरियन द्वारा बनाए गए।

हर्ष मंदर एक मानवाधिकार और शांति कार्यकर्ता, लेखक, स्तंभकार, शोधकर्ता और शिक्षक हैं।

प्रिया कुरियन बच्चों की पुस्तकों की लेखक, चित्रकार, कॉमिक्स-निर्माता और एनिमेटर हैं।

साभार: इंडियन कल्चरल फोरम

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest