पटना : ऑटो चालकों की मांग को ऐक्टू का समर्थन, वैकल्पिक व्यवस्था के बिना स्टैंड हटाना यात्रियों पर ज़ुल्म
ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) ने बिहार की राजधानी पटना के पटना जंक्शन स्थिति टाटा ऑटो स्टैंड, जीपीओ स्टैंड सहित अन्य ऑटो स्टैंड को जिला प्रसाशन द्वारा बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के हटाने और ऑटो चालकों को सड़क पर अपनी मौत मरने के लिए जबरन धकेले जाने का आरोप लगाते हुए ऑटो चालकों के आंदोलन और मांगों का समर्थन किया है।
ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, बिहार राज्य ऑटो रिक्शा (टेंपो) चालक संघ महासचिव मुर्तजा अली ने गत शुक्रवार को इस आशय का प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रसाशन से ऑटो के लिए वैकल्पिक स्टैंड की व्यवस्था करने के बाद ही ऑटो स्टैंड हटाने की मांग की है। नेताओं ने कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के ऑटो स्टैंड हटाना यात्रियों पर जुल्म है क्योंकि इससे चालकों के साथ साथ यात्रियों के समक्ष परेशानी खड़ी होगी।
इस बीच ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशाशन ऑटो को कचरा समझ राजधानी पटना शहर से बाहर फेकने पर तुली है ,यह पटना जिला प्रशासन और नगर निगम का सनक भरा विवेकहीन कार्रवाई है। इस करवाई से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर के यात्री होंगे । उन्होंने ऑटो स्टैंड को समाप्त कर ऑटो को शहर से बाहर खदेड़ने की कार्रवाई पर तुरन्त रोक लगाने की मांग किया है।
ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना में मोदी सरकार ने गरीबों को शहर के बाहर खदेड़ने का संकल्प लिया है और इसी के तहत विकसित हो रहे स्मार्ट पटना में गरीबों को भगाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार मोदी सरकार के स्मार्ट सिटी योजना के क्रियान्वयन में गरीबों को खदेड़ने के बजाए बसाने का स्थान निश्चित करे इसलिए हमारी मांग है कि स्मार्ट पटना में गरीब ऑटो चालकों को भी रहने-बसने का स्थान सरकार निश्चित करे और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के ऑटो स्टैंड हटाने पर रोक लगाए।
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