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पटना: फ़िलिस्तीन के समर्थन में एकजुटता मार्च 

ऐप्सो ने विश्व फ़िलिस्तीन दिवस के मौके पर एकजुटता मार्च निकाला और फ़िलिस्तीन को इज़रायली कब्ज़े से मुक्त कराने की मांग की। 
World Palestine Day

पटना। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 'विश्व फ़िलिस्तीन दिवस'  के अवसर पर अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन ( ऐप्सो ) की पटना इकाई द्वारा  एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च बी एम दास स्थित  ऐप्सो के राज्य कार्यालय मैत्री शांति भवन से निकलकर रमना रोड होते हुए पटना कॉलेज गेट तक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। 

मार्च के दौरान 'फ़िलिस्तीन में  जनसंहार बंद करो',  'इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू को गिरफ्तार करो' , 'बच्चों  और महिलाओं को मारना बंद करो', 'फ़िलिस्तीन में  सोलह हजार बच्चों की मौत का जिम्मेवार लोगों को सजा दो', फ़िलिस्तीन को इज़रायली कब्जे से मुक्त कराओ,  इज़रायल को मदद करने वाला अमेरिकन साम्राज्यवाद मुर्दाबाद'  'मोदी सरकार इज़रायल को  हथियार और मजदूर भेजना बंद  करो' जैसे नारों के एकजुटता मार्च के दौरान लगते रहे।  

मार्च का नेतृत्व करने वालों में प्रमुख थे ऐप्सो के राज्य महासचिव अनीश अंकुर, प्राच्य प्रभा के संपादक विजय कुमार सिंह, पटना जिला महासचिव भोला शर्मा,  जिला महासचिव कुलभूषण गोपाल,  राष्ट्रीय परिषद सदस्य जयप्रकाश और  शौकत अली ।

सभा को संबोधित करते हुए उर्दू  पाक्षिक के गुलाम सरवर आजाद ने बताया " युद्ध जब तक रहेगा शांति नहीं आएगी। आज फ़िलिस्तीन को गुलाम बनाया जा रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर हत्या की जा रही है। आज इज़रायल की पीठ पर  अमेरिकन साम्राज्यवाद खड़ा है। भारत सरकार हमारी पुरानी रवायत को छोड़कर आज इज़रायल का साथ दे रही है जो एकदम गलत है।"

शिक्षाविद रौशन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा  " फ़िलिस्तीन की लड़ाई, साम्राज्यवाद  के खिलाफ राष्ट्रवादी लड़ाई है। दुनिया का अड़तालीस  प्रतिशत हाइड्रोकार्बन फ़िलिस्तीन से होकर गुजरता है। उसी पर कब्जे की लड़ाई है। इज़रायल के प्रधानमंत्री को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने युद्ध अपराधी करार देकर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के  गिरफ्तारी की मांग की है।"

भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद प्रसाद ने बताया " आज फ़िलिस्तीन  खुली जेल  में तब्दील हो गया है। निहत्थे लोगों की मनमाने ढंग से हत्या की जा रही है, मानवता का कत्लेआम हो रहा है।  हमारे अखबार ऐसे मसलों पर चुप रहते हैं। मेरे एक मित्र जब कांगो गए थे बताया था वहां की मिट्टी को हेलीकॉप्टर से अमेरिका ले जाया जा रहा है।  ताकि अल्युमिनियम उसमें से निकाला सके। भारत की पूरी सरकार एक दो  पूंजीपति के पीछे  खड़ी है। कोरोना काल में ऐसे लोग प्रतिदिन करोड़ों रुपए की  कमाई  करते रहे।"

ऐप्सो के पटना  जिला महासचिव भोला शर्मा के अनुसार "भारत में भाजपा इज़रायल  के समर्थन में अभियान चला रही है। हमारी पुरानी विदेश नीति के उलट काम किया जा रहा है। हमारी विदेश नीति जब तक स्वतंत्र रही हमने फ़िलिस्तीन का समर्थन किया लेकिन अब अमेरिका के कहने पर भारत सरकार इज़रायल का समर्थन कर रही है। तीसरी दुनिया के देशों को छोड़कर चोरी छुपे इज़रायल को हथियार भेजा जा रहा है।"

ऐप्सो के पटना जिला कमिटी सदस्य छत्रपाल  प्रसाद ने कहा " ऐप्सो पूरे बिहार में आम लोगों को अमेरिका-इज़रायल के नापाक गठजोड़ से  परिचित कराने का काम कर रहा है। हमें इन बातों को और भी जगहों पर ले जाना होगा। "

मसौढ़ी से ही सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार ने कहा " फ़िलिस्तीन में हो रही सारी गड़बड़ी की जड़  में अमेरिकी साम्राज्यवाद है। वह शोषण करता है और जमीन हड़पने का काम करता है। फ़िलिस्तीन में युद्ध  जल्दी बंद होना चाहिए।"

पेशे से अधिवक्ता शगुफ्ता रशीद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा " यह कितने शर्म की बात है की हम जिस सरकार की  सरपरस्ती में रह रहे हैं वह आज इज़रायल का समर्थन करने जैसा गलत काम कर रही है।  एक देश के रूप में भारत के लिए यह बहुत शर्म की बात है। हमें हर माध्यम से युद्ध को रोकने का काम करना चाहिए। "

सामाजिक कार्यकर्ता उदयन ने 7 अक्टूबर को हुए हमले की पृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए बताया " पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा कार्रवाई की गई थी। इज़रायल की इतनी सुरक्षा व्यवस्था को 17-18 साल के बच्चों  भेद डाला। जबकि इज़रायल द्वारा आज फ़िलिस्तीन में नवजात बच्चों को मारा जा रहा है। अभी फ़िलिस्तीन में जैसा  नरसंहार चल रहा है उसने हिटलर को भी पीछे छोड़ दिया है। 1948 में हिटलर के नरसंहार पीड़ित लोगों को दुनिया भर के लोगों की सहानुभूति प्राप्त हुई। गाजा की पूरी बस्ती को उजाड़ दिया गया। वहां तेल के भंडार पर सबकी नजर है। इज़रायल क्या-क्या कर रहा है इसकी कोई जानकारी नहीं है। भारत सरकार के रवैए की मैं निंदा करता हूं।"

अध्यक्ष मंडल के सदस्य राजीव रंजन के अनुसार " आज विश्वतरीय एकजुटता का जो मार्च है वह दुनिया वालों का पैगाम है कि वह हत्या करके कब्जा कर लेना चाहते हैं, वह गलत सोच रहे हैं। आज दुनिया भर में विरोध चल रहा है। इज़रायल की सरकार जो नरसंहार कर रही है उसकी निन्दा करनी चाहिए। आम लोगों से भी अपील है कि इस अभियान के समर्थन में आएं।"

पटना जिला किसान सभा  के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया " आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उन्हें रहने के लिए जगह प्रदान की गई।  यासर अराफात  का पूरे भारत के साथ बढ़िया संबंध रहा था लेकिन नरसिम्हा राव ने इज़रायल के साथ संबंध बढ़ाया। मगर आज भाजपा इज़रायल से संबंध बढ़ाने में बहुत आगे बढ़ गई है। जो देश फ़िलिस्तीन का समर्थन करता रहा था आज वह बदल गया है क्योंकि प्रधानमंत्री बदल गया है। पाउलो फ्रेयर कहा करते थे कि जो  उत्पीड़ित रहा है वह आज खुद उत्पीड़न कर रहा है। "

सभा को  प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले देवरत्न प्रसाद ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन जयप्रकाश ने किया। 

मार्च में शामिल लोगों में फिल्म अभिनेता रमेश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता शौकत अली, इस्कफ  नेता आनंद शर्मा , रंगकर्मी गौतम गुलाल, निर्माण मजदूरों के नेता प्रमोद नंदन, प्रारंभिक शिक्षकों के नेता भोला पासवान, पी एम सी एच में हड्डी रोग के चिकतिसक डॉ अंकित आदि शामिल रहे। 

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