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पंजाब किसान संगठन: “दिल्ली सीमा पर फिर लगाएंगे अनिश्चितकालीन धरना”

पंजाब के प्रमुख किसान संगठनों ने बाढ़ के उचित मुआवज़े, किसानों और खेत मज़दूरों की क़र्ज़-मुक्ति तथा पानी के मुद्दे समेत कई मांगों को लेकर बड़ा मोर्चा खोलने की बात कही है।
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फाइल फ़ोटो। PTI

पंजाब के पांच प्रमुख किसान संगठनों ने बाढ़ के उचित मुआवज़े, किसानों और खेत मज़दूरों की कर्ज-मुक्ति तथा सूबे के पानी के मुद्दे समेत कई अन्य मामलों के तत्काल हल के लिए केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा लगाने की बात कही है। किसान संगठनों का दावा है कि यह मोर्चा दिल्ली मोर्चे की तरह राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर भी अनिश्चित काल के लिए लगाया जा सकता है। इस बाबत मोहाली में भारतीय किसान यूनियन (राजोवाल), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान कमलप्रीत सिंह पन्नू, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के प्रधान प्रेम सिंह भंगू, आज़ाद किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह टांडा और पंजाब भर के किसानों ने एक बड़ी रैली की। रैली में केंद्र और राज्य सरकार की जमकर आलोचना और नारेबाज़ी की गई। रैली के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम मांग पत्र राज्यपाल को सौंपा गया।

भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान और बड़े किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा, "केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने किसानों की असली मांगों की हमेशा अनदेखी की है। सरकारें किसानों से झूठे वादे करती हैं। इस बार हम किसी बहकावे में नहीं आएंगे और पक्का मोर्चा केंद्र तथा राज्य सरकार के खिलाफ लगाएंगे। बाढ़ के चलते पंजाब के किसान और खेत मज़दूर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। उन्हें पूरा मुआवज़ा जल्द से जल्द दिया जाए। केंद्र अपनी ओर से भी राहत पैकेज का ऐलान करे। राज्य सरकार की ओर से घोषित राशि काफी कम है। नुकसान बहुत ज़्यादा हुआ है। पानी की लूट अनवरत जारी है और बिगड़ते तथा जानलेवा होते पर्यावरण की सरकारों को कोई परवाह नहीं। जबकि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सींचेवाल आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका सम्मान विपक्षी दल भी करते हैं। उन्होंने कई सिफारिशें पंजाब के पर्यावरण को बचाने के लिए की हैं लेकिन उन पर गौर तक नहीं किया गया। केंद्र और राज्य की सरकार ध्यानपूर्वक उनकी चेतावनियों पर ध्यान देतीं तो पंजाब बाढ़ से इस तरह तबाह नहीं होता। अभी भी अगर हम नहीं संभले तो चार सालों के बाद पंजाब में पीने वाला शुद्ध पानी खत्म हो जाएगा। हम चेतावनी देते हैं कि हमारी मांगों को दो माह के भीतर पूरा किया जाए, नहीं तो हम पिछली बार की तरह पक्का मोर्चा लगाएंगे और यह मोर्चा दिल्ली सीमा पर भी लग सकता है।"

किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष कंवलप्रीत सिंंह पन्नू के अनुसार, "चंडीगढ़ पंजाब के गांवों को उजाड़ कर बनाया गया है और रहेगा। चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरा हक है लेकिन यूटी प्रशासन सेक्टर-25 को छोड़कर अन्य किसी जगह पर लोक संगठनों को रैली करने की इजाजत नहीं देता। संघर्ष में इसेे भी प्रमुख एजेंडा बनाया जाएगाा।"

मोहाली की रैली में हज़ारों की तादाद में पहुंचे किसानों और खेत मज़दूरों को किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेजा गया मांग पत्र पढ़ कर सुनाया। किसान नेता ने साफ कहा कि "पंजाब सतलुज, व्यास व रावी तीनों दरियाओं के पानी का हकदार है। दरियाई पानी राज्यों का विषय हैं और इसमें केंद्र सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं दे सकती दे सकती।"

रैली में बड़ी तादाद में महिला किसानों ने भी शिरकत की। किसान नेता राजविंदर कौर बराड़ ने कहा कि "महिलाओं ने अभी से कमर कस ली है। हमारी हिस्सेदारी पिछली बार से ज़्यादा होगी।"

इस मौके पर बड़ी तादाद में किसान और खेत मज़दूर संगठनों के नेता मौजूद थे जिन्होंने बलवीर सिंह राजेवाल का समर्थन किया। ज़्यादातर किसान और खेत मज़दूर संगठन नेता यह कहतेे मिलेेे कि "सरकार को दिल्ली सीमा पर होने वाले विशाल आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए। भगवंत मान सरकार केेेे पास भी दो महीने का समय है। हम पहले की तरह शांतिपूर्वक मोर्चा लगाएंगे।"

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार है)

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