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अब राज ठाकरे के जरिये ‘लाउडस्पीकर’ की राजनीति

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर ईद से पहले लाउडस्पीकर नहीं हटे तो तेज़ आवाज़ में हनुमान चालीसा बजाएंगे।
अब राज ठाकरे के जरिये ‘लाउडस्पीकर’ की राजनीति

पहले खाना फिर पहनावा... अब तो आस्था भी तय करने लग गए हैं। सिर्फ सांसें ही बची हैं, उन्हें भी कब अपनी ग़ुलाम बना लें कुछ पता नहीं। छोटी-छोटी आज़ादी और खुश रहने की वजहों को खत्म करने पर अमादा ऐसे लोगों को अब शासन-प्रशासन का भी साथ मिलने लगा है। इनमें ऐसा भी नेता हैं जिन्हें जनता बखूबी समझ चुकी है और पूरी तरह से नकार चुकी है। ऐसे ही खेमे से इस बार सामने आए हैं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे। जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है, कि अगर ईद से पहले प्रदेश की मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो सभी मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।

ये कहना ग़लत नहीं होगा कि देश में बह रही नफरत को देखते हुए राज ठाकरे ने बिल्कुल सही समय पर दांव चला है, ताकि केंद्र सरकार उनकी बात सुने और तवज्जो दे। क्योंकि महाराष्ट्र में फिलहाल राज ठाकरे और उनकी पार्टी का कोई खासा औचित्य नहीं है।

दरअसल ठाणे में आयोजित सभा में राज ठाकरे ने कहा था कि राज्य सरकार को मैं साफ बताना चाहता हूं मैं इस मुद्दे से पीछे नहीं हटूंगाआपको जो करना है करो। राज ठाकरे ने कहा कि ऐसा कौन सा धर्म है जो दूसरे धर्म को तकलीफ देता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा मस्जिद से लाउड स्पीकर हटने चाहिए तो इन्हें क्यों नहीं दिख रहा? वोटों के लिए। ठाकरे ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया कि 3 मई तक अगर मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं हटेंगे तो देश भर में मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा बजेगा। ठाकरे ने ये भी कहा कि 3 मई को ईद है।

यहां तक तो ठीक था, लेकिन ठाकरे होम मिनिस्ट्री को कोट करते हुए आगे कहते हैं कि- हमें दंगे नहीं चाहिए, 3 मई तक सभी लाउडस्पीकर हटा दें हमारी तरफ से कोई तकलीफ नहीं होगी।

राज ठाकरे के बयान को बारीकी से देखें, तो किसी कारणवश अगर लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो दंगे भी हो सकते हैं। सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने तलवार भी लहराई थी जिसके कारण उनपर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।

राज ठाकरे के इस बयान का जवाब उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिया है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे को इतनी अहमियत न दी जाए, सही वक्त आने पर मैं इसका जवाब दूंगा, मेरे पास हर सवाल का जवाब है।

अब सवाल ये है कि जिस देश में कानून है, संविधान है, उस देश में राज ठाकरे ये कैसे तय कर सकते हैं कि किस धार्मिक स्थान पर क्या होना चाहिए? सही मायने में तो राज ठाकरे के इस बयान के बाद उन पर मामला दर्ज होना चाहिए ताकि सांप्रदायिक हिंसा न फैले।

लेकिन ये बात भी सही है कि कहीं न कहीं राज ठाकरे केंद्र में बैठी मोदी सरकार के मुफीद ही बातचीत कर रह हैं, ऐसे में उनके खिलाफ किसी कार्रवाई की उम्मीद करना ज़रा बेईमानी होगी। ऐसा हम इसलिए कह पा रहे हैं क्योंकि हाल ही में रामनवमी के दिन उकसाए गए दंगों के बाद लोगों ने देखा कि कैसे बिना किसी जांच-पड़ताल के एक विशेष धर्म के लोगों को टारगेट कर उनके घर बुल्डोज़र से गिरा दिए गए। जबकि दूसरे पक्ष पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

महाराष्ट्र से शुरु हुआ ये लाउडस्पीकर विवाद दरअसल पूरे देश में फैल चुका है, बीते दिनों कर्नाटक की बेंगलुरु पुलिस ने मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों, पबों, बारों समेत 300 से ज्यादा स्थलों के लिए नोटिस जारी किए। इनमें 59 पब, बार और रेस्तरां को, 12 उद्योगों को, 83 मंदिरों को, 22 चर्चों को और 125 मस्जिदों को दिए गए हैं। बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक जिन्हें नोटिस दिया गया है, उनसे यह भी कहा गया है कि लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल ध्वनि के निर्धारित स्तर के भीतर ही करें।

वहीं बिहार से मंत्री जनक राम ने भी मस्जिदों पर लगने वाले लाउडस्पीकर पर बैन की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के त्योहारों पर डीजे पर रोक लगती है, उसी तरह मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर भी रोक लगे।

देखा जाए तो ऐसा पहली बार नहीं हो रहा, जब लाउडस्पीकर से अजान के विरोध में यूं आवाजें उठाई जा रही हो, इसको लेकर पहले भी कई बार विवाद खड़ा हो चुका है। पहले भी देश में ये मुद्दा कई बार सुर्खियों में छाया और इसको लेकर काफी हंगामा भी मचा है। आइए जान लेते हैं कि आखिर कब कब लाउडस्पीकर से अजान के मुद्दे ने तूल पकड़ा और क्यों?

सोनू निगम की ट्वीट पर मचा था बड़ा बवाल

साल 2017 में मशहूर सिंगर सोनू निगम ने लाउडस्पीकर का विरोध करते हुए एक ट्वीट किया था कि मस्जिदों में सुबह सुबह लाउडस्पीकर से होने वाली अजान से नींद खराब हो जाती है।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की VC ने की थी शिकायत

साल 2021... इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने शिकायत की थी कि सुबह सुबह लाउडस्पीकर से बजने वाली अजान के चलते उनकी नींद खराब होती है। इसके लिए VC ने डीएम को एक चिट्ठी भी लिखी थी। चिट्ठी पर एक्शन लेते हुए प्रयागराज के IG ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर अजान से रोक लगा दी थी।

साध्वी प्रज्ञा ने दिया था बयान

नवंबर 2021... साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अजान की वजह से साधु-संतों को ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आरती करने में समस्या होती है। उनके इस बयान के बाद ये मामला एक बार फिर से सुर्खियां में छाया था।

ग़ौरतलब है कि धार्मिक स्थलों और शादी-विवाद या किसी भी कार्यक्रम में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होती है, हालांकि किसी प्राइवेट बैंक्वेट, या संस्थान में शर्तों के साथ ऐसा किया जा सकता है। बाकी के वक्त में एक तयशुदा आवाज़ के साथ लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति है, इसके बावजूद राज ठाकरे पूरी तरह से लाउडस्पीकर बंद करवाने पर अड़ गए हैं, और जिस तरह की धमकी वो दे रहे हैं, सीधे तौर पर सांप्रदायिक दंगे फैल सकते हैं।

सामाजिक नफा-नुकसान से अलग हटकर अगर राज ठाकरे का ये बयान देखें तो वो कहीं न कहीं उनका झुकाव केंद्र में बैठी भाजपा की ओर दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि ठाकरे के मुंह से एक भी बार रामनवमी की शोभा यात्राओं में बजने वाले डीजे, मंदिरों में बजने वाले भजन जैसी आवाज़ों का विरोध नहीं सुनाई दिया।

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